नीचे पोस्ट किया गया वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ वायरल है कि सड़क पर गिरे लोग वायुसेना के उम्मीदवार थे। इसमें आगे बताया गया है कि देश में बड़ी बेरोज़गारी के कारण, युवाओं की भारी भीड़ प्रवेश के लिए इकठ्ठा हो गई थी और जलंधर की पुलिस को लाठीचार्ज करके उन्हें नियंत्रित करना पड़ा। यह दावा, यहाँ समाप्त होता है कि भागने की कोशिश करते हुए लोग बिजली के तार की चपेट में आ गए और उनमें से कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

इस संदेश के साथ यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है। ऑल्ट न्यूज़ को अपने मोबाइल ऐप पर इसकी पड़ताल करने के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

तथ्य-जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई फ्रेमों में तोड़ा और रिवर्स इमेज सर्च करके यह पता लगाया कि सोशल मीडिया में प्रसारित दावे झूठे हैं। जालंधर पुलिस ने उम्मीदवारों पर लाठीचार्ज नहीं किया, बल्कि 5 अगस्त को पंजाब सशस्त्र पुलिस (PAP) मैदान में दीवार गिरने से 21 युवक घायल हुए थे। करंट प्रवाहित हो रहा बिजली का तार टूटने से दो युवक भी घायल हुए थे। यह खबर द टाइम्स ऑफ इंडिया ने दी, और आगे बताया, “हजारों युवा आईएएफ़ भर्ती रैली में भाग लेने के लिए आए थे और सूत्रों के अनुसार उनमें से कई लोग दीवार के सामने खड़े थे जो गिर गई-अनुवादित।”

इस घटना को लगभग सभी मीडिया संगठनों में प्रकाशित किया गया था। ANI ने बताया, “स्थानीय लोगों के अनुसार छात्रों को परिसर में उचित बैठने और प्रतीक्षा सुविधाओं की कमी के कारण लंबी कतारों में और सड़कों पर इंतजार करने के लिए मजबूर किया गया था-अनुवादित।”

द ट्रिब्यून में एक स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, बाउंड्री की दीवार 5.5 किमी लंबी थी और इसे मजबूत करने के लिए हाल ही में कांटेदार तारों को लगाया गया था। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “आज की घटना से पता चलता है कि अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र की दीवारें कितनी नाजुक थीं। यहां तक ​​कि केवल लगभग 30-40 युवाओं ने कथित तौर पर इस पर दबाव दिया और दीवार ढह गई-अनुवादित।” पुलिस ने कहा कि अतिरिक्त वजन के कारण दीवार गिरी थी।

सोशल मीडिया का दावा कि पंजाब के युवाओं ने जालंधर में वायुसेना भर्ती अभियान के दौरान पुलिस लाठीचार्ज और बिजली के करंट से अपनी जान गंवा दी, गलत है। अभी तक किसी की भी मौत की खबर नहीं है और चोटें PAP की दीवार गिरने के कारण आई हैं जो ठीक से नहीं बनाई गई थी।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.