मीडिया संगठन वन इंडिया मलयालम ने 11 अगस्त को एक खबर प्रकाशित की जिसमें दावा किया गया कि केरल के वायनाड में सुल्तान बाथरी के तीन पेट्रोल पंपों को सेना द्वारा ज़ब्त कर लिया गया जब उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए पेट्रोल और डीज़ल देने से मना कर दिया गया।

यही खबर मलयालम मीडिया संगठन तेजस न्यूज़ ने एक दिन पहले प्रकाशित की थी। इसके बाद, यह खबर सोशल मीडिया में भी प्रसारित हो गई, जहां कई उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केरल में सेना के लिए पेट्रोल पंपो ने पेट्रोल देने से मना कर दिया है।

फ़र्ज़ी समाचार प्रकाशित करने वाला संगठन पोस्टकार्ड न्यूज़ द्वारा इस पर बनाई गई एक इन्फोग्राफिक ऑनलाइन माध्यम पर प्रसारित हो रही है।

Posted by IIT Madras Junta Against Leftist APSC on Wednesday, 14 August 2019

पोस्टकार्ड न्यूज़ ने इस दावे को लेकर एक वीडियो भी बनाया और इसे अपने पेज पोस्ट कार्ड टीवी से साझा किया। इस वीडियो के शीर्षक के मुताबिक,“केरल की बाढ़: पेट्रोल पंपों ने भारतीय सेना को बचाव कार्यों के लिए ईंधन देने से किया इनकार”-अनुवाद

इस संदेश — “മഴക്കെടുതിയിൽ രക്ഷാപ്രവർത്തനത്തിന് എത്തിയ സൈന്യത്തിന് ഇന്ധനം നൽകാത്താതിനാൽ മൂന്ന് പെട്രോൾ പമ്പുകൾ സേന കസ്റ്റഡിയിലാക്കി. (हिन्दी अनुवादः सेना ने पेट्रोल उपलब्ध नहीं कराने के बाद, तीन पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है।)” – को सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा साझा किया गया है।

फ़र्ज़ी खबर

जब ऑल्ट न्यूज़ ने सुल्तान बाथरी, वायनाड में पेट्रोल पंपों द्वारा कथित इनकार को लेकर समाचार रिपोर्टों की खोज की, तो हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। यह, इस दावे के गलत होने का पहला संकेत था। हमने भारत पेट्रोलियम, सुल्तान बाथरी से संपर्क किया तो हमें बताया गया कि यह खबर झूठी है और पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सएप पर प्रसारित हो रही है। पर्यवेक्षक ने बताया, “सुल्तान बाथरी के किसी भी पेट्रोल पंप ने सेना के किसी भी वाहन को पेट्रोल देने से मना नहीं किया है। बचाव अभियान मेप्पदी में चलाया जा रहा है, यहां नहीं”-अनुवादित।

आगे, वायनाड डिस्ट्रिक्ट पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने केरल सरकार और जिला पुलिस के पास गलत सूचना के बारे में शिकायत दर्ज कराई है, उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, सेना के लोग अपने वाहनों में पेट्रोल भरने के लिए अचानक प्रकट नहीं हो जाते हैं। इसकी जानकारी हमारे पास जिला कलेक्टर के माध्यम से आती है ताकि हम आवश्यक मात्रा प्रदान करने के लिए तैयार रहें। यह आपदा/राहत कार्यों के दौरान का प्रोटोकॉल है। पेट्रोल पंपों को सरकारी वाहनों के लिए अलग से भंडार स्थापित करने के लिए निर्देशित किया जाता है”-अनुवादित। इस शिकायत की एक कॉपी ऑल्ट न्यूज़ के साथ साझा की गई।

हमने सुल्तान बाथरी में गीतांजलि पेट्रोल पंप के पर्यवेक्षक से भी बात की और उनसे भी भारत पेट्रोलियम के समान जानकारी मिली। वायनाड डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव हिजस मोहम्मद से इसका अनुमोदन किया गया। ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने पुलिस, जिला प्रशासन, जिला कलेक्टर और जिला एसपी को लिखित शिकायतें सौंपी हैं। गलत जानकारी काफी वायरल है। हमने सेना के बचाव कार्यों के बारे में अपने दोस्तों से पता किया जिन्होंने बताया कि वे सीधे पेट्रोल पंपों पर नहीं आते हैं। जिला प्रशासन को मात्रा के बारे में सूचित किया जाता है, जिसे तब पेट्रोल पंपों से साझा किया जाता है ताकि उनके लिए वे भंडार तैयार रख सकें। यह प्रक्रिया है-अनुवादित।”

कुछ स्थानीय मीडिया संगठनों द्वारा एक झूठी खबर प्रकाशित करने के बाद सोशल मीडिया में यह गलत जानकारी प्रसारित हो गई। असल में, यह खबर फ़र्ज़ी है कि सेना ने पेट्रोल पंपों को जब्त कर लिया जब उन्हें सुल्तान बाथरी, वायनाड में पेट्रोल और डीजल देने से मना कर दिया गया।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.