सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया कि ऑनलाइन न्यूज़ आउटलेट द वायर ने सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी की अर्ज़ी दी है. दावों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने द वायर के खिलाफ़ मानहानि का केस दायर किया था जो द वायर हार गया और कोर्ट में माफ़ीनामे की पेशकश की.

भाजपा नेता और पूर्व सांसद हरिओम पांडे ने 19 मार्च को एक ट्वीट करते हुए ये दावा किया.

पत्रकार पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ के नाम से बने एक ट्विटर अकाउंट पर भी यही दावा किया गया कि द वायर ने माफ़ीनामे की पेशकश की है. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 3,800 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं. उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल के मुताबिक उनका असली ट्विटर हैंडल @Pushpendraamu है.

अपने ट्विटर बायो में खुद को भाजपा दिल्ली का ‘सोशल मीडिया ऐंड आईटी… इंटेलेक्चुअल सेल का हेड’ बताने वाले संदीप ठाकुर ने भी ये दावा ट्वीट किया.

अन्य यूज़र्स @TheShivani5, @SaritaKaushik05 और @idineshdesai ने भी यही ट्वीट किया. राइट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट क्रिएटली पर लेखक होने का दावा करने वाले यूज़र @TheAshwiniRaj और भाजपा सदस्य तरुन राठी ने भी द वायर के बारे में यही लिखा कि आउटलेट केस हार गया और अब माफ़ी की अर्ज़ी दे रहा है.

ग़लत दावा

द वायर ने 8 अक्टूबर, 2017 को एक आर्टिकल पब्लिश किया था जिसमें बताया था कि भाजपा के चुनाव जीतने के एक साल बाद ही जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 16,000 गुना बढ़ गया. जय शाह ने द वायर के खिलाफ़ क्रिमिनल और सिविल मानहानि का मामला दायर कर दिया जिसमें उन्होंने 100 करोड़ की भरपाई की मांग की.

द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वर्दराजन ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “केस का ट्रायल अभी शुरू भी नहीं हुआ है. मुझे नहीं पता लोग किस आधार पर ऐसे बेतुके दावे कर रहे हैं.”

द वायर ने गुजरात हाई-कोर्ट में इस आपराधिक मानहानि के मामले को रद्द करने की याचिका दी थी जिसे हाई-कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. द वायर ने अगस्त 2019 में रिपोर्ट किया था कि आउटलेट ने जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया.

इसमें आगे कहा गया है, “2018 में ट्रायल कोर्ट ने जय शाह के बारे में आगे कुछ भी पब्लिश करने पर पाबन्दी लगा दी और फिर ये फ़ैसला वापस ले लिया गया. इसके बाद गुजरात हाई कोर्ट ने एक बार फिर पुराने फ़ैसले को वापस लाते हुए आउटलेट को जय शाह या उनके बिज़नेस के बारे में पब्लिश करने से रोक दिया. इसके बाद द वायर ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में दूसरी याचिका भी डाली.”

ये दोनों ही याचिकाएं वापस ली जा चुकी हैं और अभी ट्रायल कोर्ट में हैं. आगे की कार्रवाई होनी अभी बाकी है.

जय शाह पर आर्टिकल लिखने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर इस दावे को ग़लत बताते हुए लिखा, “ट्रायल कोर्ट में अभी सुनवाई शुरू भी नहीं हुई है और आपने फ़ैसला भी सुना दिया.”

भाजपा के सदस्यों और समर्थकों ने ग़लत दावा किया कि द वायर जय शाह द्वारा दायर किया गया मानहानि का केस हार गया है और अब आउटलेट ने सुप्रीम कोर्ट में माफ़ीनामे की पेशकश की है.


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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.