कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल्स से एक इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर करते हुए दावा किया गया कि UPA सरकार ने वैक्सीन द्वारा रोके जा सकने वाले 12 रोगों की मुफ़्त वैक्सीन मुहैया करवाई थी. और इस ग्राफ़िक के मुताबिक भाजपा सरकार एक कोविड-19 वैक्सीन डोज़ के ग़ैर-सरकारी अस्पताल में 250 रुपये वसूल रही है.
If only BJP was humble enough to learn from capable & visionary leadership.#IndiaNeedsMoreVaccines#NationalVaccinationDay pic.twitter.com/VLnLQDQbh6
— Congress (@INCIndia) March 16, 2021
ये इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर करने वाले हैंडल्स में INC आंध्र प्रदेश, गोवा प्रदेश कांग्रेस सेवादल, पश्चिम बंगाल महिला कांग्रेस, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सेवादल (हिंदी पोस्ट), महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस शामिल थे.
कांग्रेस नेता अकोइज़ाम मीराबाई, विवेक बंसल और एसएस किम ने भी इसे शेयर किया.
भ्रामक दावा
कांग्रेस ने जिस 12 बीमारियों को रोकने वाली वैक्सीन मुफ़्त में दिए जाने की बात की, वो सरकारी अस्पतालों में दी गयी थी जबकि इसकी तुलना उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों में दिए जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन से की. इसी वजह से लोगों को लगा कि भाजपा कोविड-19 वैक्सीन समेत कोई भी वैक्सीन मुफ़्त में उपलब्ध नहीं करवा रही.
इस ग्राफ़िक में 12 रोगों को रोकने वाली वैक्सीन के बारे में जो लिखा है, वो यूनिवर्सल इम्यूनाइज़ेशन प्रोग्राम (UIP) के आंकड़ों से लिया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के मुताबिक UIP देश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान है जिसमें हर साल करीब 2.67 करोड़ नवजात शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं तक सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य होता है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुताबिक, “UIP के तहत वैक्सीन द्वारा रोके जा सकने वाले 12 रोगों की मुफ़्त वैक्सीन मुहैया करवाई जाती है. इनमें से 9 वैक्सीन राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान की जाती हैं- डिफ़्थीरिया, कुकुरखांसी (काली खांसी), टेटेनस, पोलियो, खसरा, रूबेला (जर्मन खसरा), बचपन में होने वाली जानलेवा टीबी, हेपेटाइटिस बी और मैनिंजाइटिस और हीमोफ़िलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी से होने वाला निमोनिया शामिल है. इन तीन बीमारियों के लिए राज्य स्तर पर वैक्सीन दी जाती है – रोटावायरस डायरिया, न्यूमोकॉकल निमोनिया और जापानी इन्सेफ़ेलाइटिस.” ये कांग्रेस सरकार के समय भी दी जाती थी और आज भी.
भारत में सौ फ़ीसदी टीकाकरण पंहुचने में प्राइवेट अस्पताल अहम भूमिका निभाते हैं. हालांकि, ये वैक्सीन मुफ़्त में उपलब्ध नहीं करवाते हैं. हमने भारत के सबसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों में शामिल एक अस्पताल के प्रवक्ता से बात की. उन्होंने बताया, “प्राइवेट अस्पताल फ़्री वैक्सीन मुहैया नहीं करवाते हैं. उन्होंने ऐसा पहले भी नहीं किया है. लेकिन सरकारी अस्पतालों में फ़्री वैक्सीन लगाई जाती है.” कांग्रेस का ये दावा कि उनके कार्यकाल में 12 बीमारियों की वैक्सीन पूरी तरह मुफ़्त में उपलब्ध करवाई गयी, ग़लत है. क्योंकि UPA के समय भी प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के लिए पैसे दिए जाते थे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दस्तावेज़, ‘FAQs on Immunization 2017‘ के मुताबिक, नीचे दी गयी वैक्सीन मुफ़्त में उपलब्ध करवाई जाती हैं (पेज 12). ये वो 12 वैक्सीन हैं जो 18 बिमारियों से बचाने के लिए लगाए जाते हैं.
ऑल्ट न्यूज़ को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर ‘FAQs on Immunization 2013‘ (PDG देखें) भी मिला. उस समय UIP के तहत 8 तरह की वैक्सीन 9 बीमारियों से बचाव के लिए लगाई जाती थीं.
प्रेस इनफ़ॉर्मेशन ब्यूरो ने 28 फ़रवरी को कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी जिसमें कहा गया था, “यह भी दोहराया गया कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में लाभार्थियों को लगने वाले टीके पूरी तरह से नि:शुल्क होंगे, जबकि निजी स्वास्थ्य संस्थान किसी लाभार्थी से प्रति व्यक्ति प्रति खुराक 250 रुपये (टीके के लिए 150/-रुपये और टीका लगाने के शुल्क के तौर पर 100/- रुपये) से ज्यादा फ़ीस नहीं ले सकते हैं. निजी अस्पताल उन्हें आवंटित होने वाली वैक्सीन की लागत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के नामित खाते में वापस जमा करते हैं. उसके लिए एनएचए की ओर से अपनी वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे लगाया जा रहा है.”
हालांकि, ये जानना भी ज़रूरी है कि चीन, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, ब्राज़ील जैसे देश ने नागरिकों को मुफ़्त में वैक्सीन मुहैया करने के ऐलान किया है. वहीं भारत इकलौता देश है जिसने नागरिकों को मुफ़्त वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोई बात नहीं कही है.
एक बार फिर दोहराया जा रहा है कि कांग्रेस ने UIP के तहत दी जाने वाली वैक्सीन की तुलना भाजपा सरकार में प्राइवेट अस्पतालों में दी जा रही कोविड-19 वैक्सीन से की है. UIP के तहत आने वाली वैक्सीन सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर अभी भी मुफ़्त में दी जाती है.
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