सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करते हुए एक व्यक्ति की तस्वीर शेयर की जा रही है. दावे के मुताबिक ये तस्वीर राजस्थान की है और ये बदतमीजी का रहा शख्स मुसलमान है. BJP दिल्ली के प्रवक्ता नवीन जिंदल ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “भारत का डरा हुआ मुसलमान.” (आर्काइव लिंक)

@rose_k01 नामक यूज़र के ट्वीट को करीब 4 हजार लाइक्स मिले, जिसे बीजेपी समर्थक प्रोपेगेंडा आउटलेट ऑपइंडिया के सीईओ राहुल रौशन ने भी रिट्वीट किया.

एक और राईट-विंग इन्फ्लुएंसर @vikrantkumar ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “18% पर ये हाल है, 30% पर क्या होगा?.” कैप्शन में भारत के मुसलमानों की आबादी का संदर्भ दिया गया है और उनकी संख्या बढ़ने पर जनता में डर पैदा करने की कोशिश की गई है. इस ट्वीट को अब तक 4 हज़ार से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है.

और भी कई लोगों ने ये तस्वीर शेयर की है.

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पुरानी तस्वीर, ग़लत दावा

ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स इमेज सर्च करने पर देखा कि ये तस्वीर एक अखबार में छपी रिपोर्ट का हिस्सा है. रिपोर्ट में लिखा है कि जब एक हेड कांस्टेबल ने फेरीवाले का ठेला हटाने की कोशिश की तो फेरीवाले ने कांस्टेबल का मुंह दबोच लिया. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि घटना जोधपुर की है.

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने से पता चला कि ये ख़बर मई 2016 की है. और दैनिक भास्कर ने भी ये ख़बर पब्लिश की थी. तस्वीर में दिख रहे पुलिसकर्मी की पहचान हेड कांस्टेबल शोभाराम के रूप में हुई है. दैनिक भास्कर के मुताबिक, जोधपुर नगर निगम ने घंटाघर को “नो ठेला जोन” घोषित करने के मकसद से एक विशेष अतिक्रमण अभियान चलाया था. हेड कांस्टेबल शोभाराम दो और पुलिसकर्मियों के साथ घंटाघर पहुंचे थे ताकि ट्रैफ़िक को “बाधित” करने वाले फेरीवालों को हटाया जा सके, लेकिन एक फेरीवाले ने उनके साथ मारपीट की और वहां से हटने से मना कर दिया.

ऑल्ट न्यूज़ ने हेड कांस्टेबल शोभाराम से संपर्क करने के लिए सदर कोतवाली पुलिस स्टेशन, ट्रैफिक कंट्रोल रूम और पुलिस लाइन सहित जोधपुर पुलिस से संपर्क किया. वो फ़िलहाल असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर हैं.

ASI शोभाराम ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैं 2016 में ट्रैफ़िक शाखा में नया पोस्टेड था और ठेले से अतिक्रमण हटाने के लिए घंटाघर गया था. वहां माली समुदाय से ताल्लुक रखने वाला धर्मेंद्र नाम का एक व्यक्ति आक्रामक हो गया और मेरे साथ बदतमीजी करने लगा. हमने धर्मेंद्र और उसके साथ के एक अन्य के खिलाफ़ FIR दर्ज की. उन्हें सदर कोतवाली थाने ने ग़िरफ्तार किया.”

उन्होंने ये भी बताया कि तस्वीर में जिस व्यक्ति ने उन्हें ठुड्डी से पकड़ रखा है, वो धर्मेंद्र है और साफ तौर पर ये बताया कि दोनों संदिग्ध एक ही समुदाय के थे.

ASI शोभाराम 2016 से 2020 तक जोधपुर पुलिस की ट्रैफ़िक ब्रांच में तैनात थे. फ़िलहाल वो जोधपुर पुलिस लाइन में तैनात हैं.

कुल मिलाकर, तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति न तो मुस्लिम है और न ही यह घटना राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार के शासन में हुई थी. घटना 2016 की है जब भाजपा की वसुंधरा राजे राज्य की मुख्यमंत्री थीं. एक पुराने अखबार की क्लिप को झूठे, एंटी-मुस्लिम दावे के साथ शेयर किया गया है.

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