6 अप्रैल को कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से ये दावा किया गया कि बेंगलुरु के गोरीपाल्या इलाके में मुसलमानों ने चंद्रू नामक एक हिंदू व्यक्ति की हत्या कर दी. दावे के मुताबिक, चंद्रू की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने उर्दू बोलने से मना कर दिया और अपनी मातृभाषा कन्नड़ में बात की.

फ़ेसबुक पेज द राइट वॉयस ने रीज़नल कन्नड़ न्यूज़ आउटलेट कस्तूरी न्यूज़ 24 का एक प्रसारण शेयर किया. कस्तूरी न्यूज़ 24 ने इस मामले पर ख़बर प्रकाशित की थी.

ट्विटर यूज़र्स @HMSKTK, @SpeaksKshatriya, @uma6mahi6, @Kuberappaph, और @Mohan_HJS ने भी कस्तूरी न्यूज़ 24 का प्रसारण शेयर किया.

This slideshow requires JavaScript.

ऑपइंडिया ने रिपोर्ट किया, “एक 22 साल के युवक चंद्रू की तीन युवकों ने बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी. ये हत्या कथित तौर पर, उर्दू में बात नहीं करने की वजह से की गई. ये घटना सोमवार को बेंगलुरु के JJ नगर पुलिस थाने के क्षेत्र में हुई. इस ट्वीट को 2 हज़ार से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव CT रवि ने भी दावा किया कि एक हिंदू युवक की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वो कन्नड़ में बात कर रहा था. TV9 ने एक प्रसारण के दौरान उनके दावे को आगे बढ़ाने का काम किया.

कई ‘राष्ट्रवादी’ और भाजपा समर्थक ग्रुप्स ने कस्तूरी न्यूज़ 24 का प्रसारण शेयर किया गया.

ग़लत सांप्रदायिक ऐंगल

बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने घटना के संबंध में ट्विटर पर एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “JJ नगर पीएस हत्याकांड: 05.04.2022 की आधी रात को साइमन राज और चंद्रू [उम्र 22 साल, कॉटनपेट निवासी, ईसाई समुदाय] मैसूर रोड पर एक भोजनालय में गया था. वापस लौटते समय, वो एक दूसरी बाइक से टकरा गया जिस पर शाहिद नामक व्यक्ति सवार था. इसके बाद उनमें झगड़ा हुआ. इस झगड़े में दूसरे लोग भी शामिल हो गए. लड़ाई के दौरान, शाहिद ने चंद्रू की दाहिनी जांघ पर चाकू मार दिया और हमलावर वहां से भाग गए. चंद्रू को विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया जहां चोट की वजह से उसकी मौत हो गई. सभी तीन आरोपियों को ग़िरफ्तार कर लिया गया है.”

 

द हिंदू ने रिपोर्ट किया, “पुलिस ने 21 साल के शाहिद पाशा, 22 साल के शाहिद गोली को ग़िरफ्तार किया और चाकू मारकर चंद्रू की हत्या करने के आरोप में एक किशोर के खिलाफ़ मामला दर्ज किया. तीनों को सीसीटीवी फ़ुटेज और घटनास्थल से मिली स्थानीय खुफ़िया जानकारी के आधार पर ग़िरफ्तार किया गया है. उन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.”

कर्नाटक पुलिस ने कस्तूरी न्यूज़ 24 की रिपोर्ट को खारिज़ करते हुए एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट पब्लिश की.

ऑल्ट न्यूज़ ने बेंगलुरु के एक स्थानीय क्राइम रिपोर्टर से बात की. उन्होंने नाम उजागर न करने की शर्त पर हमें बताया, “मैंने मामले से संबंधित सभी पुलिस अधिकारियों से बात की है. उनमें से किसी ने भी ये नहीं कहा कि ये सांप्रदायिक घटना थी. कुछ रीजनल TV न्यूज़ चैनलों ने इस घटना को ग़लत तरीके से पेश किया. मुझे हैरानी हुई कि राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी यही दावा किया. अधिकांश मीडिया आउटलेट्स ने बिना सच्चाई जाने उनके बयान को शेयर कर दिया.”

रिपोर्टर ने हमारे साथ FIR की कॉपी भी शेयर की [PDF देखें]. FIR में सिर्फ आरोपी के रूप में शाहिद का ही ज़िक्र किया गया है. रिपोर्टर ने बताया, ‘शुरुआत में सिर्फ एक को ग़िरफ्तार किया गया था. उसके कबूलनामे के बाद दो और आरोपियों को पकड़ा गया.

ये FIR साइमन राज ने दर्ज कराई थी जो खुद भी ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. FIR में कहा गया है कि साइमन राज और चंद्रू दोनों साइमन के जन्मदिन पर बाहर गए थे. वे चिकन रोल खाने गोरीपाल्या गए थे. वहीं शाहिद की बाइक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी. इसके बाद बहस हो गई और शाहिद के दो दोस्त भी उसके साथ इसमें शामिल हो गए. आवेश में आकर, शाहिद ने चंद्रू को चाकू मार दिया जिससे बहुत ज़्यादा खून निकला और अस्पताल ले जाते समय चंद्रू की मौत हो गई.

इस घटना में पीड़ित के हिंदू होने का दावा झूठा है क्योंकि साइमन और चंद्रू दोनों ईसाई समुदाय से थे. इसके अलावा, साइमन ने जो FIR दर्ज कराई थी उसमें कोई भी सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है, ना ही FIR में ये आरोप लगाया गया है कि उसे उर्दू में बोलने के लिए मजबूर किया गया.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.