“इंदौर में महाशिवरात्री के मौके पर मुस्लिम माताओं बहनो ने बुर्का पहनकर उठाई कांवड़। ॐ नमः शिवाय लिखक्रर शिव भक्त मुस्लिम बहनों का स्वागत नहीं करोगे?” -यह संदेश, कांवड़ लिए बुरका पहनी महिलाओं की तस्वीरों के साथ वायरल था। एक यूजर कनक मिश्रा के फेसबुक प्रोफाइल से इस पोस्ट के 8,000 से ज्यादा शेयर हुए हैं।

इंदौर में महाशिवरात्री के मौके पर मुस्लिम माताओं बहनो ने बुर्का पहनकर उठाई कांवड़। ॐ नमः शिवाय लिखक्रर शिव भक्त मुस्लिम बहनों का स्वागत नहीं करोगे ?

Posted by कनक मिश्र on Sunday, 3 March 2019

कई दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स, फेसबुक पेजों और फेसबुक ग्रुपों में यही कैप्शन, इन तस्वीरों के साथ शेयर किया गया है।

पुरानी तस्वीरें

महाशिवरात्रि 4 मार्च को थी, लेकिन, कांवड़ लिए बुरका पहनी महिलाओं की इन तस्वीरों का इस त्यौहार से कोई संबंध नहीं है। दोनों तस्वीरें 2015 की कांवड़ यात्रा से संबंधित हैं, जिसमें मुस्लिम महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी, और पारसी, ईसाई और सिख समुदायों के लोगों ने भी उस त्यौहार में भाग लिया था। यह इंदौर में हुआ था।

News18 ने उस अवसर की खबर दी थी और तस्वीरें भी अपलोड की थी, जो अब झूठे संदर्भ के साथ वायरल हैं।

 

पुरानी, असंबद्ध तस्वीरें सोशल मीडिया में झूठे संदेश के साथ अक्सर प्रसारित होती रहती हैं। ऐसे में यूजर्स को खुद से सत्यापन करने की कोशिश करनी चाहिए।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.