जूस में पेशाब मिलाती एक महिला का वीडियो ऑनलाइन खूब शेयर किया जा रहा है. साथ ही ये दावा किया जा रहा है कि ये महिला फरीदा खातून है, जो समाजवादी पार्टी के एक नेता के घर में घरेलू सहायिका का काम करती है.

लगातार ग़लत सूचना और सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा शेयर करने वाले वेरिफ़ाईड X हैंडल अमिताभ चौधरी (@MithilaWaala) ने वीडियो शेयर करते हुए इसे ‘फूड जिहाद’ बताया. यूज़र ने लिखा, “हिंदुओं को कब एहसास होगा कि हम सभी उनके लिए काफिर हैं, हमारी जाति, राज्य, भाषा या राजनीतिक विचारधारा से कोई फर्क नहीं पड़ता…!!”

एक और वेरिफ़ाइड X हैंडल @RealBababanaras जो खुद को राईटविंग समर्थक बताता है. इसने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया और हिंदुओं को व्यंग्यात्मक रूप से ‘काफ़िर’ कहकर घरेलू नौकरों को ‘सावधानीपूर्वक’ चुनने का आग्रह किया. बाद में ट्वीट को हटा दिया गया. (आर्काइव)

कई अन्य X यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो को आगे बढ़ाया. कुछ ने दावा किया कि ये घटना हिंदू परिवार में हुई, जबकि अन्य ने दावा किया कि ये समाजवादी पार्टी के नेता के घर पर हुई. (आर्काइव-  123456)

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो के कीफ़्रेम में से एक का रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें स्पेनिश वेबसाइट एल मुंडो पर 2016 में पब्लिश इसी वीडियो का एक स्क्रीनशॉट मिला. नीचे अनुवादित वेबपेज का स्क्रीनशॉट है.

वीडियो के दूसरे कीफ़्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 26 अप्रैल, 2016 को डेली मेल का एक आर्टिकल मिला, जिसमें यही वीडियो था. डेली मेल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में “एक नौकरानी द्वारा अपने मालिक के जूस में अपना पेशाब डालने का घिनौना कृत्य” दिखाया गया है. आर्टिकल में बताया गया है कि ये घटना कुवैत में हुई थी और स्थानीय रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि घर के मुखिया ने फ़ुटेज देखकर अपने सदमे का इजहार किया और अन्य स्थानीय लोगों को चेतावनी दी कि वे अपनी नौकरानियों के व्यवहार से सावधान रहें.

भारतीय मीडिया आउटलेट वनइंडिया ने भी 2016 में यही वीडियो पब्लिश किया था. इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि ये घटना कुवैत में हुई थी.

इस प्रकार ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि महिला द्वारा जूस में पेशाब मिलाने की घटना भारत की नहीं है. ये कुवैत का नौ साल पुराना वीडियो है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.