सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें एक व्यक्ति एक मूर्ति तोड़ रहा है. यूज़र्स ने दावा किया कि ये वीडियो इटली का है और वो व्यक्ति मूर्ति इसलिए तोड़ रहा था क्यूंकि उसे उसके नग्न होने से आपत्ति थी.
A muslim migrant destroying a statue in Italy , b’cos part of the body is showing. Europe does not know what is coming their way in next 5 to 15 years..👇🏿 pic.twitter.com/Rzv7XFrpnf
— Reema Sahani (@reema_sahanii) June 11, 2021
ट्वीट्स में कहने की कोशिश की जा रही है कि कैसे यूरोप को सेक्युलर होना आने वाले समय में भारी पड़ेगा. ये वीडियो हिंदी कैप्शन के साथ भी शेयर किया गया जिसमें लिखा है, “एक मुस्लिम शरणार्थी इटली में एक मूर्ति को नष्ट कर रहा है, स्पष्ट दिखा रहा है वो एक शांतिदूत हैं शायद यूरोप को नहीं पता कि अगले 5-10 वर्षों में उनके साथ क्या क्या घटने वाला है भारत को सतर्क रहते हुए जल्द से जल्द अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को निकलना चाहिए #इसलिए_nrc_चाहिए.”
ऑल्ट न्यूज़ को मोबाइल ऐप पर इस वीडियो के वेरिफ़िकेशन की कई रिक्वेस्ट भेजी गयीं. (Android, iOS)
ये वीडियो मई 2019 से ही ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर किया जा रहा है.
A Muslim migrant destroying a statue in Italy, b’cos parts of a Women body is exposed. Europe does not know what is coming their way in next 5 to 15 years. They used to give lessons to India on human rights and minority respect, tolerance and so on ..now they will know !!!! pic.twitter.com/5vTcUaTjM7
— MAJOR SUBRAT MISHRA,SM 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@SUBRATSMSM) May 4, 2019
अल्जीरिया का वीडियो
इसके बारे गूगल पर सर्च करने पर कई रिपोर्ट्स मिलती हैं. मध्यपूर्व और उत्तरी अफ़्रीका कवर करने वाले आउटलेट स्टेप फ़ीड के मुताबिक ये घटना 2017 में अल्जीरिया में हुई थी. एक सलाफ़ी अतिवादी को अल्जीरिया के सेतिफ़ में ऐन एल फ़ौआरा की मूर्ति तोड़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था. इसपर डेली मेल ने भी रिपोर्ट किया था और मूर्ति के टूटने से पहले और बाद की तस्वीरें भी दिखाई गयी थीं. स्टेप फ़ीड के मुताबिक मूर्ति तोड़ने वाला शख्स धार्मिक कट्टरपंथी था. वहीं डेली मेल ने कहा कि वो मानसिक रूप से पीड़ित था.
#الجزائر
شخص يخرب تمثال عين الفوارة بـ #سطيف والأمن يتدخل pic.twitter.com/0Cez7KrBir— Ennahar Tv النهار (@ennaharonline) December 18, 2017
स्टेप फ़ीड ने ये भी रिपोर्ट किया कि सांस्कृतिक मामलों के तत्कालीन मंत्री अज्ज़ेदीन मिहुबी ने मिस्र के एक टीवी प्रोग्राम ‘DMC इवनिंग’ में स्पष्ट किया था कि मूर्ति तोड़ने के पीछे धार्मिक मंशा थी. उन्होंने आगे कहा कि ये मूर्ति 120 साल पहले बनाई गयी थी जिसे अल्जीरिया की संस्कृति में विशेष मान्यता दी गयी है. उन्होंने ये भी बताया कि मूर्ति को ठीक करने के लिए कई विशेषज्ञों की मदद ली गयी थी.
असोसिएटेड प्रेस ने भी 2018 में अल्जीरिया के सेतिफ़ में एक शख्स द्वारा मूर्ति तोड़े जाने की ऐसी ही अन्य घटना के बारे में रिपोर्ट किया था. सेतिफ़ के संचार निदेशक मोहम्मद तौइरि ने बताया था कि एक सलाफ़ी अतिवादी ने मूर्ति का चेहरा, सीना और हाथ तोड़ दिया था. रिपोर्ट में अज्ज़ेदीन मिहुबी के एक ट्वीट का भी ज़िक्र है जिसमें उन्होंने बताया कि इस मूर्ति को तोड़ने वाला भी वही शख्स था जिसने 2017 में ये हरकत की थी.
مرة أخرى، تمتد يد التخريب لتمثال عين الفوارة، حيث تمكّن مواطنون من إيقاف شخص حاول تدمير التمثال الذي يتوسط مدينة سطيف. وقد تعرفت مصالح الأمن على هوية الجاني، وهو مسبوق قضائيا ويعاني من اضطرابات عقلية.
التمثال أصيب بأضرار خفيفة، ستتم معالجتها. وإننا لنهيب بتدخل المواطنين السريع. pic.twitter.com/e4Nnq31eC0— azzedine mihoubi (@azzedinemihoub3) October 9, 2018
फ्रांस 24 के मुताबिक, ऐन एल फ़ौआरा मूर्ति (अर्थ- फ़व्वारे का स्रोत) को फ्रेंच मूर्तिकार फ्रांसिस डी सेंट-वायडल ने बनाया था. इसे 1898 में लगाया गया था जिसके बाद ये शहर के महत्वपूर्ण प्रतीकों में शामिल हो गया. मूर्ति की नग्नता के कारण इसे लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं. 22 अप्रैल, 1997 को इसे घर में बनाए बम से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गयी थी. 28 फ़रवरी, 2006 को भी एक शख्स ने हथौड़े से इसे तोड़ने की कोशिश की थी. इस मूर्ति को हर हमले के बाद दोबारा ठीक करवाया जाता रहा है.
हमने वायरल वीडियो के एक स्क्रीनशॉट की मूर्ति की एक अन्य तस्वीर से तुलना की है. देख सकते हैं कि ये अल्जीरिया के सेतिफ़ में लगी मूर्ति ही है.
यानी, अल्जीरिया में शख्स द्वारा मूर्ति तोड़े जाने का वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि इटली में मुस्लिम प्रवासी मूर्ति तोड़ रहा है. इस मामले पर कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि शख्स दिमागी रूप से अस्थिर था, वहीं कई लोगों ने इसके पीछे धार्मिक मंशा बताई.
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