ऑप इंडिया ने 6 जून को एक स्टोरी पब्लिश कर दावा किया था कि टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के दौरान एक महिला का कथित तौर पर बलात्कार किया गया. दक्षिणपंथी मीडिया आउटलेट ने दावा किया कि किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल कैम्प में एक नर्स के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
Another woman alleges rape at Tikri border, nurse says she was molested by volunteers at a medical centre run for the protesters
https://t.co/bdNxEneeDn— OpIndia.com (@OpIndia_com) June 9, 2021
आर्टिकल में इस घटना को टिकरी बॉर्डर की ऐसी दूसरी घटना बताया गया है. पिछले महीने पश्चिम बंगाल की 25 वर्षीय लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज करवाते हुए दावा किया था कि उनकी बेटी के साथ प्रदर्शनस्थल पर कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. ये महिला अप्रैल महीने में टिकरी बॉर्डर पर आयी थी. उसके पिता को कथित बलात्कार की बात तब पता चली थी जब लड़की को कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 30 अप्रैल को इस लड़की की मौत हो गई थी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य आरोपी अनिल मलिक ने इस लड़की का 2 बार यौन शोषण करने की बात स्वीकार की थी. इस मामले के 2 अन्य आरोपी फ़रार हैं.
ऑप इंडिया ने अपनी स्टोरी में दावा किया था कि प्रदर्शनस्थल पर बलात्कार की घटना के एक महीने बाद एक छेड़छाड़ और बलात्कार की एक दूसरी घटना सामने आयी है. ऑप इंडिया ने अपनी स्टोरी शिवानी ढिल्लों के एक ट्वीट थ्रेड को आधार बनाते हुए पब्लिश की. शिवानी ने पीड़ित महिला के इंस्टाग्राम पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर कर बलात्कार होने का दावा किया.
Shocking news!!!
Molestation and rape incident reported from Tikri Border. Punjabi nursing assistant molested and raped by criminal elements in disguise as farmers. Why no one is reporting and taking note. A detailed story on the molestation & rape in this thread. Must read. pic.twitter.com/0SqULwxms1— Shivani dhillon (@shivani_sikh) June 4, 2021
भाजपा मीडिया पैनलिस्ट चारु प्रज्ञा ने ऑप इंडिया की स्टोरी शेयर की.
इसके कुछ समय बाद, भाजपा प्रवक्ता गौरव गोयल समेत कई भाजपा सदस्यों ने लड़की के साथ बलात्कार होने के दावे ‘#दुष्कर्म_हॉटस्पॉट_आन्दोलनजीवी’ के साथ शेयर किया.
Another women volunteer at protest site told her horrific tale of molestation and rape.#दुष्कर्म_हॉटस्पॉट_आन्दोलनजीवी
— Gaurav Goel (@goelgauravbjp) June 12, 2021
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट भाजपा दिल्ली के उपाध्यक्ष सुनील यादव, भाजपा सदस्य नरेंद्र कुमार चावला, भाजपा कार्यकर्ता अनिकेत मसंकर जैसे यूज़र्स ने इसी हैशटैग के साथ शेयर की. दैनिक जागरण के मुताबिक, किसान नेताओं ने लड़की का बलात्कार होने की बात पता चलने के बाद भी इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया.
भाजपा दिल्ली के प्रवक्ता नीतू डबास ने लड़की का बलात्कार होने के दावे के साथ न्यूज़रूम पोस्ट की रिपोर्ट शेयर की.
फ़ेक न्यूज़ वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के फ़ाउन्डर महेश विक्रम हेगड़े, फ़ेक न्यूज़ पोर्टल क्रियेटली और ट्विटर यूज़र ‘@MJ_007Club’ और ‘@YourRishbh’ जैसे भाजपा समर्थकों ने भी इस दावे को और बढ़ा-चढ़ाकर शेयर किया.
‘The Frustrated Indian’ ने एक आर्टिकल में दावा किया था कि रेप की दूसरी घटना के बाद संभावना है कि सरकार इस इलाके को खाली करवा दे.
CNN न्यूज़18 ने 9 जून को एक विशेष रिपोर्ट प्रसारित करते हुए दावा किया था कि लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई है लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस के सामने कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है.
फ़ैक्ट-चेक
इंस्टाग्राम यूज़र शिवानी ढिल्लों ने एक इन्स्टाग्राम पोस्ट शेयर किया था जिसमें एक महिला टिकरी बॉर्डर पर अपने साथ हुई छेड़छाड़ के बारे में बता रही थी. महिला ने कहीं भी बलात्कार होने की बात नहीं कही.
इंस्टाग्राम पोस्ट में उस महिला ने बताया कि उसे महिला प्रदर्शनकारियों के साथ पिंड कैलिफ़ोर्निया में एक कमरा दिया गया था. इस कैम्प को अमरीका के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्वाइमान सिंह ने प्रदर्शन स्थल पर वॉलंटियरिंग करते हुए सेट किया था. अल जज़ीरा ने रिपोर्ट किया था कि डॉ. सिंह ने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर करीब 100 डॉक्टरों को प्रदर्शन स्थल पर पोस्ट करवाया था. इसके अलावा, उन्होंने कम्बल, मास्क और बाकी ज़रूरी चीज़े भी मुहैया करवाई थीं.
महिला ने अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में दावा किया था कि डॉ. सिंह के 2 वॉलंटियर्स ने तीसरे दिन उन्हें परेशान किया था. उस महिला ने अपने पोस्ट में इन 2 आरोपियों का नाम ‘S’ और ‘B’ लिखा. महिला ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “वहां पर तीसरे दिन की शाम को मैं अपने रूम का दरवाज़ा बंद करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसमें कुछ दिक्कत आ रही थी. इसलिए S ने मेरी मदद की… तब दूसरे व्यक्ति जिसे हम ‘B’ कहेंगे, ने हमें साथ में देखकर पूछा कि ‘क्या खिचड़ी पक रही है दोनों के बीच?’ जैसे कि हम रोमेन्टिक या सेक्शुअली इन्वॉल्व थे. मैंने इसका विरोध कर उससे पूछा कि इस बात से उसका मतलब क्या था. उसने बदमाशी से हंसते हुए कहा ‘कुछ नहीं, कुछ नहीं’ मुझे लगा कि S मामला साफ़ करेगा लेकिन वो भी उसके साथ हंसने लगा क्योंकि उसका नाम मेरे साथ जोड़ा गया था. मुझे इस बात से काफ़ी बुरा लगा और मैंने तय किया कि वो मेरे चरित्र पर और उंगली उठाये, उससे पहले ही मैं उसे चुप करा दूं. मैंने B को कान से पकड़ा और हल्के से उसकी पीठ पर थप्पड़ मारा (ज़्यादा ज़ोर से नहीं क्योंकि मुझे पता था कि उस वक़्त सिर्फ़ मैं ही एक लड़की वहां पर मौजूद थी और उनके हिंसक जवाब देने की स्थिति सोच कर मैं डरी हुई थी). ये करते हुए मैंने उससे पूछा कि क्या वो अपनी बहन के लिए ऐसा कह सकता है? माफ़ी मांगने की बजाय वो इनकार करने लगा. मैंने बताने की कोशिश की लेकिन फ़िर मैं वहां से निकल गई क्योंकि मुझे लगा कि उन्हें अपने किये पर कोई पछतावा या शर्म नहीं थी. बदकिस्मती से मैं वहां कुछ भूल गई थी और उसे लेने के लिए मुझे रूम में वापस आना पड़ा और मुझे दोबारा दरवाज़ा बंद करने के लिए S की मदद लेनी पड़ी. उसने मेरी मदद की और जब हम कॉरिडोर तक जा रहे थे तब रास्ते में हमें दोबारा B मिला. उस वक़्त उसने सिर्फ़ S की ओर देखा और पंजाबी गाना गाने लगा और वो दोनों में हंसने लगे. मैं काफ़ी असहज महसूस करने लगी क्योंकि मुझे पता था कि ये गाना मुझे परेशान करने के लिए गाया जा रहा था. मैंने उसे दोबारा पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहा था जिसके जवाब में उसने कहा कि वो सिर्फ़ S से बात कर रहा है और ये ‘लड़कों’ के बीच की बात है. मैंने ऐसी असहज परिस्थितियों के लिए सिखाई गई बातें ध्यान में रखते हुए उससे पूछा कि मैं उसकी बड़ी बहन जैसी हूं, क्यों वो मेरे बारे में ऐसी बातें कह रहा था? लेकिन उसके कानों पर जूं नहीं रेंगी और वो लगातार इसे ‘लड़कों की बात’ बताता रहा. और कोई माफ़ी नहीं.” उसके पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स नीचे शेयर किये गए हैं. महिला की पहचान छुपाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ उनके पोस्ट का लिंक यहां शेयर नहीं कर रहा है.
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए महिला ने बताया कि, “मुझे शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया लेकिन मुझे शब्दों के ज़रिए परेशान किया गया जो उसी के बराबर है. वो लोग छेड़खानी कर रहे थे. जब मैंने इसके बारे में डॉ. सिंह से बात की तो उन्होंने इसपर कोई ऐक्शन नहीं लिया. मैं उनके जवाब से काफ़ी निराश हुई थी. उन्होंने कहा कि ये अमेरिका नहीं है और वो मेरी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दे सकते. उन्होंने आगे मुझे सिंधु बॉर्डर पर भेजने की बात कही लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं 2 दिनों तक इन लोगों के साथ थी जो काफ़ी पीड़ादायक था. फिर मैं घर के लिए निकल गई थी.” ये कथित घटना अप्रैल महीने में हुई थी.
महिला ने बताया कि वो नियमित रूप से प्रदर्शनस्थल पर जाती थी क्योंकि वो प्रदर्शन का समर्थन करती थी. लेकिन इस घटना के बाद उसने वहां जाना बंद कर दिया.
उसने कहा, “वो इस घटना को शेयर करना चाहती थी ताकि प्रदर्शन स्थल महिला के लिए सुरक्षित बन सकें. लेकिन इस घटना को दक्षिणपंथियों ने शेयर किया. उन्होंने असल घटना से अलग इसे कुछ और ही बनाकर पेश किया. मुझे शाब्दिक रूप से प्रताड़ित किया गया था और छेड़छाड़ की गई थी लेकिन उन्होंने गलत दावा किया कि मेरा बलात्कार किया गया है. इस घटना में कोई शारीरिक शोषण नहीं किया गया था. ये [दक्षिणपंथी] आउटलेट मुझसे बात करना चाहते हैं लेकिन मैं उन्हें पत्रकार नहीं समझती हूं इसलिए मैंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. तो उन्होंने मुझसे इजाज़त लिए बगैर ही मेरी कहानी छाप दी. ऑप इंडिया ने ‘शिवानी’ द्वारा शेयर किये गए किसी ट्वीट का हवाला दिया है. मेरा कोई मेडिकल बैकग्राउंड नहीं है. मैं वहां मदद करने के मकसद से गई थी.”
इस महिला ने हमें बताया कि वो डॉ. स्वाइमान सिंह के काम से प्रेरित होकर उनके कैम्प में बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए गई थीं. उसने कहा, “मुझे उनका बीपी, शुगर चेक कर उनका सामान्य चेकअप करना था जो हम घर पर भी करते हैं. अगर हमें कोई गंभीर लगता था तो हम डॉक्टर को बुलाते थे. आपको इसके लिए किसी मेडिकल बैकग्राउंड की ज़रूरत नहीं है.”
महिला ने पहचान सार्वजनिक करने और मोलेस्टेशन की रिपोर्टिंग करने के लिए न्यूज़18 को एक लीगल नोटिस भेजा है. नोटिस में माफ़ी की मांग की गई है और साथ में कहा गया है, “मेरे क्लाइंट की निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला कॉन्टेंट रिपोर्ट करना बंद कर दें. सिर्फ़ डिजिटल तक सीमित न रहते हुए प्रिन्ट और सोशल मीडिया पर शामिल कॉन्टेंट को हटा दिया जाए और सही जानकारी शेयर करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया जाए.”
बाद में उन्होंने ऑप इंडिया को भी एक लीगल नोटिस भेजा.
पत्रकार संदीप सिंह ने भी महिला के साथ बातचीत का एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें महिला ने इस पूरी घटना की जानकारी दी है.
इस तरह, एक महिला के साथ छेड़छाड़ होने की घटना को ऑप इंडिया, TFI और भाजपा समर्थकों ने इस झूठे दावे से शेयर किया कि इस महिला के साथ बलात्कार किया गया है. महिला ने इंस्टाग्राम पर साफ़ बताया था कि उसका कोई शारीरिक शोषण नहीं हुआ है और उसका पोस्ट लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए शेयर किया गया था. उन्होंने ऑप इंडिया और न्यूज़18 को अपने साथ घटी घटना को पश्चिम बंगाल की 25 वर्षीय लड़की के साथ हुई बलात्कार की घटना के बराबर बताने के लिए लीगल नोटिस भेजा है.
दैनिक जागरण की स्टोरी का फ़ैक्ट-चेक | प्रयागराज में गंगा के किनारे दफ़न लाशे ‘आम बात’ हैं? :
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.