सोशल मीडिया पर कुछ लड़कों के मलयालम भाषा में प्रतिज्ञा लेने का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो के साथ दावा किया गया है कि ‘यूनाइटेड मलप्पुरम’ में केरला के 6 ज़िलों ने साथ मिलकर अपना एक इस्लामिक प्रधानमंत्री चुन लिया है और अलग आर्मी भी बना ली है. वीडियो पर लिखा है – “यूनाइटेड मलप्पुरम के कुंजलिकुट्टी प्रधानमंत्री”.
ये है केरल के मुस्लिम जिले**क्या यह है भारत,उन्होंने अपना मुल्क घोषित कर दिया है, यूनाइटेड मल्लापुरम जिसमे केरल के 6 जिले शामिल है,उन्होंने अपना खुद का पीएम चुना हैं।जागो हिंदुओ pic.twitter.com/MhYPKfuX5K
— योगी योगेश अग्रवाल (धर्मसेना) (@yogeshDharmSena) December 21, 2021
ट्विटर हैन्डल ‘@MeghUpdates’ ने भी ये वीडियो ट्वीट जून 2021 में शेयर किया था. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 30 हज़ार बार देखा जा चुका है. और भी कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट किया.
1.5 लाख फ़ॉलोवर्स वाले फ़ेसबुक ग्रुप ‘I SUPPORT NRC घुसपैठिये भगाओ‘ में भी ये वीडियो पोस्ट किया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
किसी भी मीडिया संगठन ने केरला के 6 ज़िलों में ‘यूनाइटेड मलप्पुरम’ गठित होने के बारे में कोई खबर शेयर नहीं की है. अगर ये सच होता तो ये खबर सभी मीडिया आउटलेट्स ने कवर की होती. पहले भी मलप्पुरम के विभाजन के समर्थक राजनीतिक दलों को लेकर गलत सूचना शेयर की गई थी. मलप्पुरम, केरला का सबसे अधिक आबादी वाला ज़िला है.
मुस्लिम यूथ लीग के नेशनल जनरल सेक्रेटरी फ़ैज़ल बाबू ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि ये वीडियो 2008 का है. साथ ही, उन्होंने इस वीडियो की प्रतिज्ञा का अंग्रेज़ी तर्जुमा भी भेजा. इस अनुवाद को हमने मलयालम बोलने वाले एक व्यक्ति से क्रॉस-वेरिफ़ाई भी करवाया है.
अनुवाद के मुताबिक, “एक गर्वशाली पार्टी कैडर होने के नाते मैं कसम खाता हूं कि मैं अपने समय और संसाधनों का इस्तेमाल मुस्लिम और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए करूंगा / मैं कसम खाता हूं कि हमारे देश की एकता, अखंडता, शांति और सांप्रदायिक समानता को बरकरार रखते हुए राजनीतिक प्रगति करूंगा / मैं ये समझता हूं कि बदले, अतिवाद, आतंकवाद की राजनीति नुकसानदायक है और ये हमारे देश का सामाजिक सुख बर्बाद कर सकता है / मैं जीवन के सभी क्षेत्रों में अनेकता में एकता की सोच को कायम रखने की शपथ लेता हूं / मैं नैतिकता, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त राजनीतिक व्यवस्था में पुरी तरह से विश्वास रखता हूं और इससे एक कल्याणकारी राज्य का निर्माण होगा / मैं अपने देश को पूर्णतः समर्थन करता हूं और मैं अपने देश से प्यार करता हूं.”
यानी, वीडियो में लड़कों ने मुस्लिम प्रधानमंत्री वाले एक अलग मुस्लिम स्टेट ‘संगठित मलप्पुरम’ की घोषणा करते हुए शपथ नहीं ली थी.
2018 में भी फ़ेसबुक पेज ‘കൊണ്ടോട്ടി പച്ചപട‘ (Kondotty Green Army) ने वायरल वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया था – “मलप्पुरम के प्रधानमंत्री पीके कुन्हालीकुट्टी को सीटी साहिब मेमोरियल परैड में ग्रीन आर्मी द्वारा गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया”. Kondotty, मलप्पुरम का एक शहर है.
पीके कुन्हालीकुट्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के राष्ट्रीय महासचिव हैं. इससे पहले, वो कुट्टीप्पुरम, वेंगारा और मलप्पुरम से चुनाव जीते थे. वो लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए बताया, “ये दावा कि मुझे मलप्पुरम के प्रधानमंत्री के तौर पर गार्ड ऑफ़ ऑनर मिला है, गलत है”. गौर करें कि वो वीडियो में भी दिखते हैं. (वीडियो में उन्हें हरे रंग से चिन्हित किया गया है).
इसके अलावा, MYL नेशनल जनरल सेक्रेटरी फ़ैज़ल बाबू ने कहा, “ये वीडियो 2008 का है और उस वक़्त मौजू IUML यूथ विंग वीडियो में दिख रही है. इसी एकता और सामाजिक सेवा को ध्यान में रखते हुए 2018 में व्हाइट गार्ड बनाया गया था. उसके बाद से केरला में इस संगठन से जुड़े 1 लाख के करीब सदस्य हैं. व्हाइट गार्ड ही MYL का एक ऑफ़िशियल वॉलंटियर संगठन है”.
उन्होंने आगे बताया, “व्हाइट गार्ड का यूनिफ़ॉर्म सफ़ेद पैंट और शर्ट है. लेकिन फ़ील्ड में काम करते वक़्त ये लोग हल्के हरे रंग की शर्ट पहनते हैं.” केरला के मीडिया आउटलेट माध्यमम ने व्हाइट गार्ड की आधिकारिक यूनिफ़ॉर्म की तस्वीर शेयर की थी.
पिछले साल द हिन्दू ने रिपोर्ट किया था कि मुस्लिम यूथ लीग ने राज्य में मरीज़ों तक जल्द से जल्द दवाई पहुंचाने के लिए व्हाइट गार्ड मेडी-चेन की शुरुआत की थी. उन्होंने हमें बताया कि व्हाइट गार्ड अभी भी मेडी-चेन का काम कर रहे हैं और बाकी कोरोना के राहत कार्य में भी मदद कर रहे हैं.
केरला के मानविकी और सामाजिक विज्ञान के PhD स्कॉलर ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण बातें बतायीं. उन्होंने आर्टिकल में पहचान उजागर न करने की मांग की है. उन्होंने हमें बताया, “वीडियो में IUML के सदस्य दिखते हैं. अभी तक IUML में ग्रीन आर्मी नाम का कोई विभाग नहीं है. उनका ऑफ़िशियल यूथ वॉलंटियर आर्गेनाइज़ेशन व्हाइट गार्ड से जाना जाता है. IUML का झंडा हरे रंग का होने के कारण यूथ सदस्य ज़्यादातर खुद को ‘ग्रीन आर्मी’ कहते हैं. लेकिन विपक्ष ‘हरे’ रंग का इस्तेमाल निशाना साधने के लिए करते हैं. जब विपक्ष ग्रीन आर्मी कहते हैं तो उनका मतलब ज़्यादातर पाकिस्तान से होता है. कई बनावटी सोशल मीडिया अकाउंट्स कन्फ़्यूज़न के कारण उन्हें ग्रीन आर्मी ही कहते हैं.”
मलप्पुरम का संक्षिप्त राजनीतिक इतिहास
मलप्पुरम में 138 गांव, 7 तालुका और 2 उप ज़िले हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक, ये ज़िला मुस्लिम बहुल इलाका है.
2013 में IUML ने प्रशासनिक और विकास कारणों का हवाला देते हुए मलप्पुरम ज़िले के विभाजन के लिए दबाव डाला था. इस मांग को उद्योग मंत्री ई.पी. जयराजन ने खारिज कर दिया था. द हिन्दू के मुताबिक, जयराजन ने इस प्रस्ताव को अवैज्ञानिक बताते हुए कहा था कि इससे सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है. मलप्पुरम के मुद्दों का हल जयराजन के हिसाब से बेहतर विकेंद्रीकरण और ज़मीनी स्तर पर बेहतर सार्वजनिक सेवा करना था.
2019 में द न्यूज़ मिनट ने मलप्पुरम के राजनीतिक मुद्दों पर बारीकी से डिटेल्ड रिपोर्ट शेयर की थी. रिपोर्ट में बताया गया था, “मलप्पुरम के बंटवारे की मांग में राजनीति है और इसपर साम्प्रदायिकता के आरोप भी लगते हैं. राज्य सरकार से इस ज़िले को और भी संसाधन मिलने चाहिए, ऐसा दिखाने के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्ध है.”
IUML एमके मुनीर नेता ने TNM को बताया था, “हम इस मांग को सिर्फ़ इसलिए खारिज नहीं कर सकते क्योंकि इसे SDPI ने उठाया था. हम समझ सकते हैं कि उनका सांप्रदायिक एजेंडा है. लेकिन जिस विभाजन की बात ज़्यादातर राजनीतिक पार्टी कर रही है वो किसी सांप्रदायिक कारणों से नहीं है बल्कि इसमें सभी समुदाय के लोगों की बात की जा रही है. यहां 2 ज़िले होने चाहिए लेकिन सरकार को निरीक्षण कर फ़ैसला करना होगा. ये इस तरह से होना चाहिए कि हम अपनी अनेकता न खोयें.”
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर ये वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि IULM नेशनल जनरल सेक्रेटरी पीके कुन्हालीकुट्टी को मलप्पुरम के प्रधानमंत्री के तौर पर गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. MYL नेशनल जनरल सेक्रेटरी फ़ैज़ल बाबू ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि ये वीडियो 2008 में रिकॉर्ड किया गया था.
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