मन को विचलित करने वाला वीडियो, जिसमें दो पुलिसवाले एक व्यक्ति की गोद में रखी हुई लकड़ी पर खड़े होकर संतुलन बनाते हुए दिख रहे हैं, इसे सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। वीडियो में वह व्यक्ति दर्द से रो रहा है और दया की भीख मांग रहा है। वीडियो के साथ साझा किए गए दावे के मुताबिक, ये पुलिसवाले गहमर पुलिस स्टेशन में उस व्यक्ति को इसलिए सज़ा दे रहे हैं क्योंकि उसने उनलोगों को चाय नहीं दी। Mumtaj A name you can Trust – नामक एक फेसबुक पेज ने इस वीडियो को इस संदेश के साथ साझा किया है –“ये देखो इसका कसूर इतना है चाय नही लाया गहमर थाना पुलिस भाइयों इस पुलिस वाले की वीडियो वायरल करो इसको तो सजा मिलनी चाहिए”।
ये देखो
( इसका कसूर इतना है चाय नही लाया) गहमर थाना पुलिस भाइयों इस पुलिस वाले की वीडियो वायरल करो इसको तो सजा मिलनी चाहिए…
Posted by Mumtaj A name you can Trust on Tuesday, 30 July 2019
इस वीडियो को समान दावे से फेसबुक और ट्विटर पर भी साझा किया जा रहा है।
तथ्य जांच
डिजिटल सत्यापन टूल इनवीड की मदद से, ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई की-फ्रेम में तोड़ा। गूगल पर इन कीफ्रेम को रिवर्स सर्च करने से, हमें नवंबर, 2017 का एक समाचार लेख मिला। यह घटना महराजगंज जिले (यूपी) में स्थित पनियरा पुलिस स्टेशन में हुई थी, ना कि सोशल मीडिया पर किए गए दावे के मुताबिक गाज़ीपुर स्थित गहमर पुलिस स्टेशन में। वीडियो में पुलिस जिस लड़के को प्रताड़ित कर रही है, उस पर चोरी का आरोप लगाया था। इसलिए यह दावा गलत है कि पुलिस को चाय नहीं देने के लिए लड़के को सज़ा दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 2017 के नवंबर में हुई थी।
वीडियो में दिख रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में से, एक सब इंस्पेक्टर केएन शाही को इस मामले की वजह से निलंबित कर दिया गया था। महाराजगंज जिले के एडिशनल SP आशुतोष शुक्ला ने नवंबर 2017 की रिपोर्ट में कहा था,“पुलिस लड़के को प्रताड़ित करके उसके द्वारा कथित रूप से चुराए गए सामान को बरामद करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वो कोई भी सामान नहीं ढूंढ पायी और इसलिए उसे छोड़ दिया गया। हमने इन पुलिसकर्मी, सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है और हम विस्तृत जांच के बाद और आगे उनपर कार्रवाई करेंगे”-(अनुवाद)।
NDTV के मुताबिक,“उस लड़के पर उसके गांव की एक महिला ने चोरी का आरोप लगाया था और उसके बाद उस पर शिकायत भी दर्ज़ की गई थी। उसे बाद में पुलिस ने उठा लिया और पूछताछ करने के लिए पुलिस स्टेशन ले गई।” – (अनुवाद)
अंत में हमने अपनी पड़ताल में पाया कि दो साल पुराने वीडियो में दो पुलिसकर्मी लड़के को चोरी के इलज़ाम में प्रताड़ित कर रहे थे, ना की चाय ना देने के लिए और यह घटना हाल की नहीं है।
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