सोशल मीडिया में एक वीडियो तबरेज़ अंसारी के जनाज़े का बताकर साझा किया जा रहा है। “झारखंड मोब लिंचिंग के शिकार तबरेज के जनाज़े में शामिल ये भीङ देख रहे हैं? अगर ये लोग मोब लिंचिंग के खिलाफ शांतिपूर्वक एहतेजाज करें तो सख्त कानुन बन ही सकता हैं।”– इस संदेश के साथ ट्विटर पर अशरफ़ हुसैन नामक एक उपयोगकर्ता ने यह वीडियो साझा किया है।
झारखंड मोब लिंचिंग के शिकार तबरेज के जनाज़े में शामिल ये भीङ देख रहे हैं? अगर ये लोग मोब लिंचिंग के खिलाफ शांतिपूर्वक एहतेजाज करें तो सख्त कानुन बन ही सकता हैं। pic.twitter.com/VN11gtdqjO
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) June 26, 2019
बाद में, हुसैन की इस पोस्ट को कई अन्य व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने साझा किया है। इस वीडियो को फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ साझा किया गया है।
यूट्यूब पर भी इस वीडियो को अपलोड किया गया है। GMN मीडिया नामक एक यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को अपलोड किया है, जिसे इस लेख के लिखे जाने तक 16,000 से अधिक बार देखा गया है।
इसके अलावा, इस वीडियो को यूट्यूब में हैदराबादन्यूज़ उर्दू, ishaAtulislam kairana Sajid khan ने भी अपलोड किया है।
2018 का वीडियो
जनाज़े का यह वीडियो, यूट्यूब पर सितम्बर 2018 में तबरेज़ आलम के जनाज़े का बताकर अपलोड किया गया है। इस वीडियो को ETV भारत (बिहार डेस्क) और जहानाबाद न्यूज़ ने यूट्यूब पर प्रकाशित किया था। ETV भारत ने वीडियो के बारे में लिखा है, “जहानाबाद: आरजेडी के पूर्व बाहूबली सांसद शहाबुद्दीन के शार्प शूटर तबरेज आलम उर्फ तब्बू का शव उसके पैतृक घर गरेड़िया खंड मोहल्ला पहुंचा. जहां ईदगाह में जनाजे की नमाज अदा की गई. तबरेज के जनाजे में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.”
दरअसल, तबरेज़ आलम बिहार का एक शार्प शूटर था, जिसकी हत्या बिहार के पटना शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के नज़दीक ज़मीन विवाद को लेकर की गई थी। इसके अलावा, वायरल वीडियो और आलम के जनाज़े के वीडियो को ध्यान से देखने पर, दोनों वीडियो में कई समानताए नज़र आती हैं। नीचे दोनों वीडियो के स्क्रीनशॉट में ऐसी ही कुछ समानताओं को दिखाया गया है, जिससे यह पता चलता है कि ये दोनों वीडियो एक ही घटना के है।
इस वीडियो के साथ किया गया दावा कि यह तबरेज़ अंसारी के जनाज़े का वीडियो है, गलत है। तबरेज़ आलम की मृत्यु बिहार के पटना शहर में हुई थी, जबकि तबरेज़ अंसारी के साथ हुई मॉब लिंचिंग की घटना झारखंड के सरायकेला में हुई थी। इससे यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि यह वीडियो तबरेज़ अंसारी के जनाज़े का नहीं है।
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