सोशल मीडिया पर एक मस्जिद की तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है ये मस्जिद पुरानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म पर बनी है. मेसेज के मुताबिक, अभी तक इस मस्जिद को नहीं हटाया गया है जबकि चांदनी चौक में रास्ते पर बने हनुमान मंदिर को तोड़ दिया गया. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के चांदनी चौक में रास्ते पर बने एक हनुमान मंदिर को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के तहत तोड़ दिया गया था.

ट्विटर यूज़र मानवी त्रिपाठी ने ये तस्वीर ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट की. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 4,100 बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

पिंकी सिंह ने ये तस्वीर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की बताते हुए ट्वीट की.

फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को 4 जून 2016 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला. इस पोस्ट के मुताबिक, ये मज़ार इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मौजूद है जिसे अब प्रयागराज नाम दे दिया गया है. इसके साथ मज़ार की कुछ तस्वीरें शेयर की गई हैं. साल 2013 के एक ब्लॉग-पोस्ट में ये तस्वीर इलाहाबाद रेलवे स्टेशन की बताते हुए शेयर की गई है.

Mazar of HAZRAT LALLAN SHAH QADRI AT CENTER OF ALLAHABAD Railway station

Posted by Ubaid Alakhter on Saturday, 4 June 2016

आगे, सर्च करने पर 2 जनवरी 2019 की बिज़नेस स्टैन्डर्ड की रिपोर्ट में इलाहाबाद जंक्शन की एक तस्वीर मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने की अनुमति दे दी है. रिपोर्ट में इलाहाबाद रेलवे स्टेशन की एक तस्वीर शेयर की गई है. अलग ऐंगल से खींची गई इस तस्वीर में मज़ार भी दिखती है. इस तस्वीर को वायरल तस्वीर से कंपेयर करने पर ये बात साफ़ हो जाती है कि ये मज़ार प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर है न कि पुरानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर.

सर्च करने मालूम चला कि इस मज़ार का नाम ‘लाइन शाह बाबा’ है. गूगल मैप पर इस मज़ार की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गई हैं. इसके अलावा, गूगल मैप पर एक यूज़र ने नवंबर 2020 को प्रयागराज रेलवे स्टेशन की 360 डिग्री इमेज शेयर की थी. इस तस्वीर में आप मज़ार देख सकते हैं. मज़ार के आगे वाले हिस्से में प्रयागराज जंक्शन का बोर्ड दिखता है जबकि पीछे के हिस्से में फ़ुट ओवर ब्रिज दिखता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन के एसपी मनोज कुमार झा से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “इस मज़ार के बारे में अभी तक हमें कोई शिकायत नहीं मिली है. दरअसल ये मज़ार रेलवे स्टेशन के निर्माण के पहले से ही यहां पर बनी हुई है. यहां सभी धर्म के लोग आते हैं और माथा टेकते हैं. जहां तक मेरी जानकारी है इस मज़ार को लेकर हमें कोई शिकायत नहीं मिली है.”

हमने पाया कि 6 जनवरी 2021 को इस मज़ार की तस्वीर प्रयागराज की बताते हुए ट्वीट की गई थी. यहां गौर करें कि सोशल मीडिया से ये तस्वीर उठाकर यूज़र्स ने इसे दिल्ली की बताना शुरू कर दिया.

कुल मिलाकर, प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मौजूद मज़ार की तस्वीर, पुरानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर बनी मस्जिद की बताकर शेयर की गई. ये तस्वीर शेयर कर मौजूदा दिल्ली सरकार पर निशाना साधा गया कि उन्होंने हनुमान मंदिर को अवैध बताते हुए हटा दिया जबकि रेलवे स्टेशन पर बनी मस्जिद को नहीं हटा रहे.


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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.