हाल ही में कई मीडिया आउटलेट्स ने ख़बर दी कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता अमृता एक्का के पति फ्रांसिस एक्का के दार्जिलिंग के नक्सलबाड़ी स्थित आवास से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से संबंधित सेंसिटिव डाक्यूमेंट्स के साथ-साथ एक दुर्लभ रेडियोएक्टिव मटेरियल कैलिफ़ोर्नियम भी ज़ब्त किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये ज़ब्ती 26 नवंबर, 2024 को केंद्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (CDRF) और पानीघाटा पुलिस द्वारा नक्सलबाड़ी ब्लॉक के बेलगाची चाय बागान क्षेत्र में समन्वित छापेमारी के बाद की गई.
कैलिफ़ोर्नियम (CF) एक सिंथेटिक रेडियोएक्टिव मटिरियल है जिसका एटॉमिक नंबर 98 है. इसे पहली बार 1950 में कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले की एक टीम द्वारा संश्लेषित किया गया था. कैलिफ़ोर्नियम प्रकृति में नहीं पाया जाता है. ये न्यूक्लियर रिएक्शन से उत्पन्न होता है, आमतौर पर हीलियम आयनों के साथ क्यूरियम पर बमबारी करके. इस मटेरियल का इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टरों में प्रतिक्रियाओं को आरंभ करने, प्रदर्शन को अनुकूलित करने और कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन चिकित्सा में किया जाता है. ये न्यूट्रॉन रेडियोग्राफ़ी, सोने की खोज के लिए मेटल डिटेक्टर और ट्रेस एलिमेंट पहचान के लिए न्यूट्रॉन एक्टिवेशन एनालिसिस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसका अद्वितीय रेडियोएक्टिव गुण इसे चिकित्सा और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बनाता है.
कैलिफ़ोर्नियम अपनी सीमित उपलब्धता, उच्च उत्पादन लागत और विशेष शिपिंग कंटेनरों की ज़रूरत के कारण महंगा है.
ज़ी न्यूज़ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल था, “बंगाल के TMC नेता के पति के घर से दुर्लभ रेडियोएक्टिव ‘कैलिफ़ोर्नियम’ ज़ब्त; इसकी प्रति ग्राम कीमत आपको चौंका देगी.” रिपोर्ट में कहा गया, “इस अत्यधिक संवेदनशील पदार्थ और गोपनीय डाक्यूमेंट्स की उपलब्धता ने अंडरवर्ल्ड नेटवर्क के साथ उनके संबंधों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा की हैं.”
NDTV इंडिया (@ndtvindia) ने सिद्धार्थ प्रकाश का एक न्यूज़ बुलेटिन ट्वीट किया जिसमें बताया गया कि पुलिस और NDRF ने TMC नेता फ्रांसिस एक्का से खतरनाक रेडियोएक्टिव कैलिफ़ोर्नियम ज़ब्त किया है जिसकी कीमत लगभग 17 करोड़ रुपये प्रति ग्राम है, साथ ही DRDO के संवेदनशील डाक्यूमेंट्स भी. सिद्धार्थ ने चिंता जताई कि क्या ये घटना किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा हो सकती है.
ममता बनर्जी की टीएमसी के नेता के घर क्या कर रहा था 17 करोड़ का कैलिफोर्नियम और ये होता क्या है?#Californium | #TMC pic.twitter.com/3awqMvNTsy
— NDTV India (@ndtvindia) December 1, 2024
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, रिपब्लिक वर्ल्ड, द इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टीवी न्यूज़ सहित मीडिया हाउस ने भी यही रिपोर्ट दी है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने TMC पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया.
Husband of TMC leader caught with secret DRDO documents and radioactive substance
NUCLEAR MATERIAL FOUND AT TMC NETA’s HOUSE
Dangerous and valuable *nuclear chemical ‘Californium’ has been recovered from the house of TMC leader Francis Ekka*. The price of this chemical in the… pic.twitter.com/PgiJKc5CoD
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) November 30, 2024
भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “नबान्ना के निर्देश पर कुछ भाजपा नेताओं की हत्या की साजिश रची जा रही है.” उन्होंने कहा, “ये ऐसा रसायन है कि अगर कोई बिना सुरक्षा के इसके पास से गुजरेगा, तो उसका शरीर एक महीने में सड़ जाएगा.”
ऋषि बागरी ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए इसे “राष्ट्रीय राजद्रोह के बराबर” बताया.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ की जांच के दौरान, हमें ANI के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली जहां दार्जिलिंग के SP प्रवीण प्रकाश ने मीडिया को संबोधित करते हुए, आरोपी व्यक्ति के पास कैलिफ़ोर्नियम और DRDO के कागजात पाए जाने के दावों का खंडन किया.
प्रवीण प्रकाश ने कहा, “एक सोर्स ने हमें बताया कि एक व्यक्ति रेडियोएक्टिव पदार्थ बेचने की कोशिश कर रहा था…हमने शुरू में सोचा कि इस तरह की चीजें आम तौर पर होती रहती हैं और लोग इस तरह की हरकतें करके दूसरों को ठगने की कोशिश करते हैं…लेकिन जब ये हमारे संज्ञान में आया तो हमने सोचा कि भले ही ये कोई ठगी करने वाला गिरोह हो, लेकिन हमें जांच करनी चाहिए कि इसके पीछे क्या चल रहा है. हमें बताया गया कि वो किसी तरह का रेडियोएक्टिव मटेरियल बेचने की कोशिश कर रहे थे जो उनके पास बक्सों में था और कुछ DRDO के डॉक्यूमेंट थे…लेकिन बाद में जब हमने जांच की तो हमें NDRF की टीम की मदद लेनी पड़ी…अगर उस कमरे में किसी तरह का रेडिएशन था, जहां मटेरियल रखा हुआ था…तो कुछ नहीं मिला. लेकिन प्रोटोकॉल के मुताबिक, हमें डिपार्टमेंट ऑफ़ द एनर्जी (DAE) को सूचित करना था.”
SP ने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी फ्रांसिस एक्का ने तीन/चार और व्यक्तियों के एक बड़े गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की. वे लोगों को ये झूठा दावा करके धोखा देने की साजिश रच रहे थे कि वे जो पदार्थ बेच रहे हैं, वो रेडियोएक्टिव है, जबकि असल में ऐसा नहीं था. घोटाले में इस्तेमाल किए गए बक्से और जाली दस्तावेज सभी स्थानीय स्तर पर बनाए गए थे. आरोपी संभावित खरीदारों को ठगने के लिए सक्रिय रूप से उनकी तलाश कर रहा था.
प्रवीण प्रकाश ने ये भी बताया कि एक्का पर पहले भी इसी तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. 2018 में मिरिक में एक मामला दर्ज़ किया गया था जहां वो कथित तौर पर एंटी-रेडिएशन जैकेट जैसी चोरी की गई सामग्री के परिवहन में शामिल था.
पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए दार्जिलिंग SP ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई “राष्ट्र-विरोधी पहलू” नहीं है. उन्होंने कहा, “इन लोगों को शायद ही पता हो कि वे क्या दावा कर रहे हैं और क्या कर रहे हैं. ये धोखाधड़ी का एक साधारण मामला है.”
सर्च करने पर हमें ABP आनंदा की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसका टाइटल है, “तृणमूल नेता के घर से बरामद रसायन ‘कैलिफ़ोर्नियम’ नहीं है, परीक्षण से पता चला.” रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु ऊर्जा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसिस एक्का के घर से बरामद रसायन रेडियोएक्टिव नहीं था.
कई स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने इस मामले की रिपोर्ट की. कलिम्पोंग न्यूज़ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल था, “फ्रांसिस एक्का की गिरफ़्तारी में कोई रेडियोएक्टिव मटेरियल नहीं मिला पुलिस कथित जालसाजी योजना की जांच कर रही है.”
सिलीगुड़ी टाइम्स ने अपने फ़ेसबुक पेज पर SP प्रकाश के विस्तृत बयान के साथ एक वीडियो रिपोर्ट शेयर की. उन्होंने ज़िक्र किया कि एक्का की योजना लोगों को धोखा देने की थी. उसने जो बॉक्स बनाया था उसमें इरीडियम का ज़िक्र था. SP ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मीडिया को कैलिफ़ोर्नियम का ज़िक्र कहां से मिला. उन्होंने कहा कि आरोपी ने स्वीकार किया कि कोई रेडियोएक्टिव मटेरियल नहीं था. पूरी योजना लोगों को ठगने/धोखा देने की थी. NDRF ने पुष्टि की थी कि कोई रेडियोएक्टिव मटेरियल मौजूद नहीं था. हालांकि, प्रोटोकॉल के मुताबिक, DAE को सूचित किया गया था.
बिहार, यूपी में कैलिफ़ोर्नियम की अफ़वाहें
रिडर्स ध्यान दें कि अगस्त 2024 में बिहार में भी ऐसी ही घटना हुई थी. 9 अगस्त को बिहार पुलिस ने एक तस्कर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार किया और 850 करोड़ रुपये की कीमत का 50 ग्राम ‘कैलिफ़ोर्नियम’ ज़ब्त किया. लेकिन बाद में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), मुंबई के वैज्ञानिकों की तीन सदस्यीय टीम ने गोपालगंज का दौरा किया और ‘रेडियोएक्टिव पदार्थ’ ज़ब्त किया और, “टीम द्वारा शुरुआती जांच के दौरान, सैंपल में कोई रेडियोएक्टिविटी नहीं पाई गई.”
इसी तरह, लखनऊ पुलिस ने 28 मई, 2021 को आठ लोगों को गिरफ़्तार किया था और उनके पास से 340 ग्राम कैलिफ़ोर्नियम होने का संदेहास्पद मटेरियल बरामद करने का दावा किया था. बाद में DAE ने पाया कि ज़ब्त किया गया पदार्थ रेडियोएक्टिव नहीं था.
कुल मिलाकर, मीडिया में आई ये रिपोर्ट झूठी है कि बंगाल में TMC नेता के पति फ्रांसिस एक्का के पास खतरनाक रेडियोएक्टिव रसायन कैलिफ़ोर्नियम पाया गया था.
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