कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने हाल ही में ये दावा किया है कि आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू सरकार ने वक्फ़ बोर्ड को खत्म कर दिया है. ये दावे भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए विवादास्पद वक्फ़ विधेयक के संदर्भ में वायरल हैं जिसमें वक्फ़ अधिनियम में 40 से ज़्यादा संशोधनों का प्रस्ताव है.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (@amitmalviya) ने वक्फ़ बोर्ड के ‘विघटन’ पर द टाइम्स नाउ की वीडियो रिपोर्ट री-ट्वीट करते हुए वायरल दावे को दोहराया जिसमें इसे चंद्रबाबू नायडू द्वारा ‘स्टील्थ स्ट्राइक’ बताया गया है. (आर्काइव)
Andhra Pradesh government strikes down the Waqf Board. There is no provision in the Constitution, which supports the existence of one in a secular India. pic.twitter.com/5ybwGTRRKp
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 1, 2024
वेरिफ़ाईड X अकाउंट द जयपुर डायलॉग्स (@JaipurDialogues) ने भी वायरल दावा पोस्ट किया. ये आर्टिकल लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 10 लाख व्यूज़ हैं, इसके अलावा लगभग 10 हज़ार बार री-ट्वीट भी किया गया है. हालांकि, बाद में इसे हटा दिया गया है. (आर्काइव)
ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई बार इस X अकाउंट द्वारा शेयर किये गए पोस्ट्स का फ़ैक्ट-चेक किया है.
भाजपा सदस्य त्रिपुरारि कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप (@ManishKasyapsob) ने एक ट्वीट में यही आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में वक्फ़ बोर्ड का अस्तित्व असंवैधानिक है. (आर्काइव)
Andhra Pradesh government strikes down the Waqf Board. There is no provision in the Constitution, which supports the existence of one in a secular India.@PawanKalyan @ncbn pic.twitter.com/TNBfd4TzaV
— Manish Kasyap Son Of Bihar (@ManishKasyapsob) December 1, 2024
वेरिफ़ाईड X यूज़र ऋषि बागरी (@rishibagree) ने भी वायरल दावे को शेयर किया. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, इस पोस्ट को लगभग 2.7 लाख बार देखा गया है और इसे लगभग 2,500 बार रीशेयर किया गया है. (आर्काइव)
गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज़ ने कई मौकों पर ऋषि बागरी द्वारा किए गए ग़लत दावों का फ़ैक्ट-चेक किया है.
Congress thought that Secular allies would tone down the Hindutva quotient of Modi Govt 3.0
Pawan Kalyan and Chandrababu came out of syllabus 😀pic.twitter.com/qDRKF5aLy1
— Rishi Bagree (@rishibagree) December 1, 2024
X वेरिफ़ाइड यूज़र (@ocjain4) ने भी वायरल दावे को एक कैप्शन के साथ शेयर किया. इसे भी काफी लोकप्रियता मिली. 1 लाख से ज्यादा बार देखा गया और करीब 2 हज़ार री-ट्वीट हुए. (आर्काइव)
🚨बड़ी खबर
वक्फ कब्ज़ा’ पर चल रही बहस के बीच, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है।
चंद्रबाबू और पवन कल्याण ने यह किया है!! pic.twitter.com/19XvYEMMif
— ocean jain (@ocjain4) December 1, 2024
वायरल दावे को कई X यूज़र्स ने शेयर किया था. (आर्काइव्स – लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर कि-वर्ड्स सर्च किया और हमें द इकोनॉमिक टाइम्स की न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में साफ़ तौर पर बताया गया है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने सुशासन बनाए रखने, वक्फ़ संपत्तियों की रक्षा करने और वक्फ़ बोर्ड के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के मकसद से 21 अक्टूबर, 2023 को जारी पिछले सरकारी आदेश (GO) को रद्द कर दिया. इसमें ये भी कहा गया है कि पिछला बोर्ड जो पिछले GO के प्रभाव से अस्तित्व में आया था, “लंबे समय से गैर-कार्यात्मक था और कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा था.”
रिपोर्ट के मुताबिक, GO नंबर 75 (नीचे दी गई तस्वीर), (जिसके 30 नवंबर को रिलीज होने के बाद ऐसे दावे वायरल होने लगे) में ज़िक्र किया गया है कि राज्य वक्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने लंबे समय से YSR कांग्रेस के तहत गठित 11 सदस्यीय बोर्ड की गैर-कार्यशीलता सरकार के ध्यान में लायी थी. यानी, सत्ता में गठबंधन सरकार का लक्ष्य एक नया GO पेश करके वक्फ़ बोर्ड के कामकाज में खालीपन को दूर करना है जो अक्टूबर 2023 में जारी किए गए पिछले GO को वापस ले लेता है.
इंडिया टीवी की एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि नये सरकारी आदेश से उचित प्रशासन और पारदर्शिता पर ध्यान देने के साथ वक्फ़ बोर्ड के पुनर्गठन के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने की उम्मीद है. यानी, ये स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों से उलट, आंध्र प्रदेश राज्य में वक्फ़ बोर्ड को स्थायी रूप से भंग नहीं किया गया है. इसमें आंध्र प्रदेश के कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद फारूक के हवाले से स्पष्ट किया गया है कि “सरकार वक्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. अल्पसंख्यकों का कल्याण वर्तमान सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है.
पत्रकार अनुषा रवि सूद (@anusharavi10) ने X पर एक स्पष्टीकरण शेयर किया जिसमें इस फ़ैक्ट पर ध्यान आकर्षित किया गया कि आंध्र प्रदेश में नए गठित वक्फ़ बोर्ड में पिछले बोर्ड के विघटन के बाद नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा जो संगठनात्मक कमियों से भरा हुआ था. उन्होंने अपने कैप्शन में ये भी बताया कि ‘NDA (TDP, JSP, BJP) सरकार ने बोर्ड को खत्म नहीं किया है.’ (आर्काइव)
Lot of misinformation going around about Andhra Pradesh Waqf board. The NDA (TDP, JSP, BJP) government has not abolished the board.
It has only withdrawn a GO from 2023 that appointed members.
New members to Andhra Waqf board to be appointed soon pic.twitter.com/hJGbIiaVSV— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) December 1, 2024
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार की ऑफ़िशियल फ़ैक्ट-चेक यूनिट ने अमित मालवीय के ट्वीट के जवाब में स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया. इसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि पिछले GO को 30 नवंबर को जारी नए आदेश के माध्यम से वापस लेना पड़ा था, इसकी वैधता को चुनौतियों का हवाला देते हुए, और इसमें ‘…सुन्नी और शिया जानकारों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति, पूर्व सांसदों को शामिल न करना’ पारदर्शी मानदंडों के बिना कनिष्ठ अधिवक्ताओं की नियुक्ति, कुछ सदस्यों की योग्यता पर सवाल, और चल रही मुकदमेबाजी के कारण अध्यक्ष का चुनाव करने में असमर्थता, शामिल था. (आर्काइव)
The Andhra Pradesh Waqf Board has remained non-functional since March 2023, leading to a period of administrative stagnation. The withdrawal of G.O. Ms. No. 47 became imperative due to several substantive concerns. These include 13 writ petitions challenging its validity, the… https://t.co/0yXCvIdK4q
— FactCheck.AP.Gov.in (@FactCheckAPGov) December 1, 2024
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया का दावा है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ़ बोर्ड को स्थायी रूप से खत्म कर दिया है, भ्रामक है. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया है जो YSRCP के तहत दिए गए पिछले आदेश को वापस लेता है, और ज़ल्द से ज़ल्द एक कार्यात्मक वक्फ़ बोर्ड का गठन करने का वादा किया गया है.
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