हतिंदर सिंह नाम के एक यूज़र ने 25 अप्रैल को एक वीडियो ट्वीट किया है. उन्होंने इसे ट्वीट करते हुए दावा किया, “पुलिस ने पंजाब के फिल्लौर में एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है, जोकि थूक लगाकर नोट सड़क पर फेंक रहा था. एक सिक्योरिटी गार्ड ने उसे ऐसा करते हुए देखा. गार्ड ने उसे नोट उठाने को कहा लेकिन उसने उठाने से मना कर दिया. इसके बाद गार्ड ने पुलिस को कॉल कर बुलाया. फिलहाल उसे कस्टडी में लिया गया है.” ये वीडियो ‘डेली पोस्ट पंजाबी’ समाचार का कुछ हिस्सा है, इसमें एंकर को घटना स्थल से इस मामले की जानकारी देते हुए देखा जा सकता है.
In Phillaur, Punjab, This Man Was Caught Throwing Notes On The Road After Spitting And Licking Them,
A Security Guard Passing From There Saw This And Told Him To Pick Those Notes To Which He Refused So The Guard Called Police And Doctors.
He Is Taken Into CustodyWe Are Doomed. pic.twitter.com/QzBZ8hsjjV
— ਹਤਿੰਦਰ ਸਿੰਘ (@hatindersinghr1) April 25, 2020
25 अप्रैल की जागरण की रिपोर्ट कहती है, “यह व्यक्ति फ़ैक्ट्री से बाहर निकला तो इसने दो हजार, पांच सौ व सौ रुपये के नोट थूक लगाकर सड़क पर फेंकने शुरू कर दिए. इसके बाद लोगों जब इस व्यक्ति को नोट फेंकते हुए देखा तो पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की और नोट फेंकने वाले व्यक्ति को दबोचा. पुलिस का कहना है कि नोट फेंकने वाले व्यक्ति को पीपीई किट पहना कर जालंधर भेजा जा रहा है. वहां पर उक्त व्यक्ति का टेस्ट किया जाएगा. टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस की ओर से आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति प्रवासी है और यहां एक फ़ैक्ट्री में काम करता है. यह यूपी के सोनभद्र का रहने वाला बताया जा रहा है.” (आर्काइव लिंक)
पंजाब केसरी ने भी इस मामले पर खबर दी थी, जिसमें बताया गया है – “पुलिस द्वारा दबोचे गए शख्स की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले नौजवान के रूप में हुई है और यह नौजवान एक स्थानीय ठेकेदार के यहां काम करता है और उससे 10-10,20-20, 50 और 100 के नोट भी मिले है, जिसे सडक़ पर फेंका गया था। पुलिस ने उस युवक को काबू किया और उसे कोरोना टैस्ट करवाने के लिए सिविल अस्पताल जालंधर भेज दिया है. फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है.” (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
हमने की वर्ड सर्च से पाया कि फ़ेसबुक पर ‘अंबेडकर मिशन न्यूज़ चैनल’ ने उसी घटना स्थल से ही एक और 7 मिनट का वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में मौके पर मौजूद वो लड़का भी दिखता है जिसे पीपीई किट पहनाई जाती है. और ये वीडियो इस मामले का लगभग पूरा घटनाक्रम दिखाता है.
हालांकि, यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि वीडियो में दिख रहा शख़्स जो इस पूरे मामले की जानकारी दे रहा है वो शुरुआत में कहता है कि 2000 के नोटों को थूक लगाकर फेंकते हुए पकड़ा गया है. और इस वीडियो में वो तीन बार उस सिक्योरिटी गार्ड से भी बात करता है, जिसने पुलिस को मौके पर बुलाया. क्यूंकि इस पूरे मामले में गार्ड का बयान बहुत मायने रखता है और जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है ये घटनास्थल की बात है जहां ये सब हो रहा था.आइए देखते हैं कि गार्ड का क्या कहना है. पहली बार 1 मिनट 10 सेकंड पर गार्ड से पूछा जाता है आपने क्या देखा? वो कहता है, “वो नोट वहां फेंक के जा रहा था तो मैंने उसे देखा और कहा कि यहां से उठा. फिर मैंने पुलिस को कॉल कर दिया, उन्होंने कहा कि ये गलत बात है देखते हैं क्या प्रॉब्लम है.”
दूसरी बार 4 मिनट 44 सेकंड पर फिर से पुलिस गार्ड से सवाल करती है, सही सही बताओ क्या देखा आपने? गार्ड कहता है, “ऐसा है कि मैंने उसको 10 का नोट फेंकते हुए देखा था, जब मैं ड्यूटी पे जा रहा था.” गार्ड से सवाल पूछा जाता है कि क्या आपने उसे थूक लगाते हुए देखा? वो कहता है, थूक की कोई गेरेंटी नहीं है जी बस मैंने उसे 10 रुपये का नोट फेंकते हुए देखा था.”
तीसरी बार 5 मिनट 43 सेकंड पर फिर से हेल्थ वर्कर्स और पुलिस गार्ड उससे सवाल करती है, सच-सच बता क्या हुआ था? गार्ड कहता है, “ये ट्रक के पास खड़ा था, मैंने उसे फेंकते हुए देखा. मैंने उसे डांटकर कहा कि उसे उठा ले और फिर मैंने पुलिस को बुलाया.”
ਫਿਲੋਰ ਵਿੱਚ ਸੜਕ ਤੇ ਨੋਟ ਸੁੱਟਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਕਾਬੂ
ਦੇਖੋ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫਿਲੋਰ ਵਿੱਚ ਸੜਕ ਤੇ ਨੋਟਾਂ ਨੂੰ ਥੁੱਕ ਲਗਾ ਕੇ ਸੁੱਟਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਬੂ
Posted by Ambedkar mission news channel on Friday, 24 April 2020
ध्यान दिया जाए कि गार्ड से बार-बार पूछे जाने पर भी वो कहता है कि उसने थूक लगाते हुए नहीं देखा है. वीडियो में मौके पर मौजूद हैल्थ वर्कर से भी पूछा जाता है कि क्या बात है. वो कहते हैं कि शायद नशे में है या मेंटली डिस्टर्बड है.
इस मामले में अपडेट के लिए हमने हमने गूगल सर्च किया. कोई अपडेट की ख़बर तो नहीं मिली लेकिन यूट्यूब पर इसी घटना का एक वीडियो हमें मिला. ये वीडियो 25 अप्रैल की ही है, जिसे एक स्थानीय चैनल ‘वन न्यूज़ 18’ ने पब्लिश किया है. वीडियो का टाइटल है, “थूक लगाकर सड़क पर नोट फेंकने वाले को पकड़ा ! वायरल न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट”
वीडियो में फैक्ट्री के मैनेजर और पुलिस से भी बात की जाती है. पुलिस का कहना है, “लड़का दिमागी तौर पर ठीक नहीं था. आज घर से निकल कर इधर घूम रहा था. उसका 10 का नोट गिर गया था जो उठाते समय गार्ड ने देखा. मेडिकल की टीम चेक-अप करा रही है. चेक-अप की रिपोर्ट आएगी तो मुकदमा दर्ज़ करवाएंगे.” एंकर पुलिस से भी पूछता है कि उसके पास कितने पैसे थे अंदाजा? पुलिस कहती है कि सिर्फ 10 रुपये थे. एंकर फिर से पूछता है 2000 तो नहीं था, पुलिस साफ़ मना कर देती है कि उसके पास 2000 तो नहीं थे.
इसके बाद हमने फिल्लौर के SHO मुख़्तियार सिंह से बात की. उन्होंने भी इस बात कि पुष्टि की कि उस लड़के की दिमागी हालत ठीक नहीं थी. उन्होंने कहा, उस लड़के को जालंधर वाले सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया. वहीं से कोरोना की टीम आयी थी. उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है, उसे छोड़ दिया गया है. वो मेंटली अपसेट था. वो UP का रहने वाला है, उसका नाम कन्हैया लाल है और यहां पारले फ़ैक्ट्री में काम करता है. उसे घर जाना था लेकिन अभी तो सब बंद है तो परेशान होकर फ़ैक्टरी से निकल गया. काफी दिनों से फ़ैक्ट्री में बंद था. वो कोई थूक लगाकर नोट नहीं फेंक रहा था. उसके पास मुश्किल से 10 के नोट के साथ कुल मिलाकर 40 रुपये थे. ये पूरी गलत बात है जी, वो कोरोना फैलाने नहीं कर रहा था ऐसा.”
इसके अलावा ऊपर पोस्ट किए गए यूट्यूब वीडियो रिपोर्ट में बताया जा रहा है, “इस वक़्त काफी अफ़वाहों का दौर चल रहा है और अफ़वाहें असली ख़बरों से ज़्यादा फ़ैल रही हैं तो सावधान रहें. पूरी जानकारी के अनुसार जब तफ़तीश की गई तो फिल्लोर के पास गांव बछवाल में पारले जी फ़ैक्ट्री में एक प्रवासी मजदूर लेबर का काम कर रहा था और किसी वजह से वो अपने घर से काफी देर से दूर था. और अपना गांव जाना चाहता था. शायद जिसकी वजह से उसकी दिमागी हालत ठीक न होने के कारण वो फिल्लौर आकर घूमने लगा. उसके पास 10 रुपये का नोट था जो गिर गया था. वो उसे उठाने लगा तो एक सिक्योरिटी गार्ड ने उसे देख लिया. गार्ड ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. फिल्लौर के SHO मुख़्तियार सिंह ने पूरी पुलिस पार्टी के साथ वहां पहुंचकर डॉक्टर की टीम को इत्तला दी. SHO ने मीडिया को भी जानकारी दी कि उस व्यक्ति की हालत ठीक नहीं होने के कारण फ़ैक्ट्री के मैनेजर को वहां बुला लिया गया है और 108 को कॉल कर दी गई है. फिल्लौर वालों को घबराने की ज़रूरत नहीं है और झूठी अफ़वाहों पर ध्यान नहीं दें.”
इस तरह एक ऐसी घटना, जिसकी थोड़ी बहुत जानकारी 25 अप्रैल को ही मिल गई थी जैसा कि वीडियो में बताया गया है. फिर भी कुछ मीडिया ने इस अहम जानकारी को अपने रिपोर्ट में शामिल करना ज़रूरी नहीं समझा. साथ ही ये बड़ी बात है कि उसके पास 10 रुपये के नोट थे सिर्फ फिर भी जागरण ने बताया कि उसने 2000 और 500 रुपये के नोट थूक लगाकर फेंके थे. और पंजाब केसरी ने बताया कि उससे 10-10,20-20, 50 और 100 के नोट भी मिले है. और दोनों ही रिपोर्ट में मौके पर मौजूद गार्ड और हेल्थ वर्कर की कही गयी बातें मिसिंग हैं. मान लेते हैं कि जब उन्होंने इस घटना को रिपोर्ट किया होगा तबतक ये जानकारी सामने नहीं आयी होगी लेकिन इसके बाद भी तो कोई अपडेटेड स्टोरी होनी चाहिए थी. अधूरी जानकारी से होता ये है कि इस डर के माहौल में लोग ऐसी ख़बर पढ़कर सभी को संदेह की दृष्टि से देखने लगते हैं.
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