कुछ ट्विटर यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि शख्स ट्रेन में अपने ऊपर हुए हमले के बारे में बताता है. यूज़र्स ये वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगा रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस युवक की पिटाई की.

बीजेपी समर्थक प्रोपगेंडा चैनल सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “जिहादियों ने हिंदू भाई को रेल में किया लहूलुहान.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को लगभग एक लाख बार देखा और लगभग 5 हज़ार बार रिट्वीट किया जा चुका है. (आर्काइव लिंक)

दैनिक भास्कर के पत्रकार राहुल शर्मा ने पांच मुस्लिम व्यक्तियों की तस्वीरें शेयर कीं. साथ में दावा किया कि ये लोग नमाज़ अदा कर रहे थे तब एक पूर्व सैनिक ने उनसे रास्ता मांगा जिसके बाद इन्होंने उस पर हमला कर दिया.

यूपी बीजेपी यूथ विंग की सोशल मीडिया हेड ऋचा राजपूत ने ये वीडियो ट्वीट कर यही दावा किया.

ट्विटर यूज़र रितु राठौर ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हॉरर! चलती ट्रेन में तीन बार नमाज़ पढ़ने पर आपत्ति जताने पर ‘शांतिदूत’ (अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला मुस्लिमों का उपहास करने वाला शब्द) द्वारा हिंदू व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की गई, यहां तक ​​कि बाथरूम का रास्ता भी रोका गया, सुरक्षा गार्ड चुप रहा और विशाखापत्तनम जाने वाली ट्रेन में हिंदू व्यक्ति की किसी ने मदद नहीं की फासीवादी अल्पसंख्यकों का अत्याचार…” इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 1 हज़ार से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है.

ट्विटर यूज़र ‘@its_vsr’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “ये कौम असुरों का दूसरा स्वरूप है.”

फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो में शख्स की आपबीती सुनने पर हमने कुछ बातें नोटिस की. वो कह रहा है, “… S4 के अंदर… दोनों साइड (ट्रेन की के) तकरीबन तकरीबन पांच-छह, पांच-छह मुस्लिम भाई हैं. वो दोनों साइड में सबेरे सवा पांच बजे, दोपहर को डेढ़ बजे और शाम को सवा पांच बजे रास्ते में बिल्कुल रास्ता रोक कर नमाज़ पढ़ रहे हैं. और जब मेरे को पेशाब आया. दोपहर को भी आया था मैं उस समय भी रोक दिया..अभी मेरे को पेशाब आ गया. इन्होंने बोला नहीं जाना इधर से हमारा नमाज़ चल रहा है..तब मैं बोला भाई जाऊंगा मैं. छोड़ा नहीं मेरे को, तब मैंने क्या किया उनका नमाज़ जैसे ही हो गया मैं उधर ही बैठ गया और मैं अपना भगवान का नाम लेते ही रह गया, कोई बंदा आवाजाही वाला, इनका नमाज़ जब चलता है तुमलोगों को रोकने का हिम्मत तो नहीं होता है और मैं इधर मेरा भी अपना नमाज़ शुरू कर रहा हूं.. मैं तक़रीबन दो, तीन मिनट किया, उसके बाद पेंट्रीकार के जो 3-4 लोग हैं उन्होंने आकर मेरा इस प्रकार हालत बना दिया.. (अपनी चोटों की ओर इशारा करते हुए) …” गौर करें कि ये व्यक्ति हमले के लिए मुस्लिम व्यक्तियों को दोष नहीं देता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि टाइम्स नाउ ने हज़रत निज़ामुद्दीन से विशाखापत्तनम जाने वाली स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में हुई घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की है. मध्य प्रदेश के बैतूल में 20 नवंबर को पेंट्री कार के कर्मचारियों और एक रिटायर्ड सैनिक विलास नाइक के बीच हाथापाई हो गई. पूर्व सैनिक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

वायरल वीडियो में विलास नाइक की गवाही के अलावा, टाइम्स नाउ ने नमाज़ पढ़ रहे एक यात्री मुजकिर अहमद और पेंट्री कार मैनेजर हरवेश श्रीवास से भी जानकारी ली. इसके अलावा, मध्य प्रदेश के पत्रकार काशिफ काकवी ने अहमद, श्रीवास्तव और बैतूल राजकीय रेलवे पुलिस अधिकारी के वीडियो बयान शेयर किए. फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के अधिकारी का नाम नरोत्तम सिंह ठाकुर है.

वीडियो बयान में अहमद ने कहा, “हम नमाज़ पढ़ रहे थे, नमाज़ पढ़ते वक्त वो जानबूझ कर आकर खड़े हो गए कि हमें पेशाब को जाना है, हमने कहा कि 2 मिनट हमारी नमाज़ हो जाएगी तब चले जाना, नहीं तो ज़ रूरत है तो उधर खाली है उधर से चले जाओ. उन्होंने कहा नहीं हमें इधर से ही जाना है हम इधर ही जायेंगे पेशाब को…”

मुजकिर अहमद ने टाइम्स नाउ को बताया, “हम नमाज़ पढ़ रहे थे, नमाज़ पढ़ते वक्त वो जानबूझ कर आ कर खड़े हो गए कि हमें पेशाब को जाना है. जब हमारी नमाज़ खत्म हो गई हम बाजू में आकर बैठ गए, बैठने के बाद उन्होंने कहा कि आपको तो नमाज़ के वक्त तो किसी ने नहीं हिलाया अब हम पूजा करेंगें यहीं पे..फिर कैटरिंग वाले आ रहे थे उनको सप्लाई करने का था, एक दो साथी आए उन्होंने कहा कि वापस चले जाओ, आप नहीं जाना, हम पूजा कर रहे हैं यहां पे..2-3 तो वापस चले गए ऐसे ही 20-30 मिनट हो गए. उसके बाद वो बहुत लफड़ा कर रहा था, इसलिए उन्होंने पीटा था.” वीडियो में भी अहमद को यही कहते हुए सुना जा सकता है.

वीडियो में पेंट्री कार मैनेजर श्रीवास ने कहा, “…वो (विलास नाइक) हमारे स्टाफ़ को भी (कॉरिडोर से गुजरने से) रोक रहा था कि नहीं जाने देंगें… हमारा स्टाफ़ आधे घंटे से वहां पर खड़ा था. अगर कोई भी लड़का वहां से जाने की कोशिश करता तो वो (विलास नाइक) उसे धक्का मार देता. तो वो मेरे पास आए…”

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में कहा गया है, “जब पेंट्री कार मैनेजर, हरवेश श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उनके और पूर्व सैनिक के बीच हाथापाई शुरू हो गई. पेंट्री कार के कर्मचारियों ने भी विलास नाइक की पिटाई शुरू कर दी. श्रीवास्तव के मुताबिक, जब पूर्व सैनिक मामले को सुलझाने गए तो उन्होंने हिंसा का सहारा लिया. पेंट्री कार मैनेजर ने भी आरोप लगाया कि उसकी गर्दन पर चोट लगी है. हरवेश श्रीवास्तव के वीडियो बयान में इन बातों को शामिल किया गया है.

GRP अधिकारी ठाकुर ने कहा, “पेंट्री कार वालों और रिटायर्ड फ़ौजी के बीच में झगड़ा हुआ. फौजी को नाक में चोट लग गई थी. नाक में खून आ गया था जिसका मेडिकल कराने भेजे हैं तो वो भर्ती हो गए हैं. अब हम जा के FIR लेते हैं, पेंट्री कार वालों के विरुद्ध. निकलने के पीछे विवाद हुआ है कुछ आगे पीछे जाने से. पेंट्री कार के वेंडरों को उसने, फौजी ने शायद रोक दिया है, वो बता रहे थे हमें रोक दिया है हमें निकलने नहीं दे रहे थे.”

जब रिपोर्टर ने मुस्लिम व्यक्तियों के बारे में पूछा तो अधिकारी ने जवाब दिया, “मुस्लिम तो वो साइड में नमाज़ पढ़ रहे थे, उनका और इसका विवाद नहीं है..” काकवी ने श्रीवास्तव के बयान को एक ट्वीट थ्रेड में भी अपलोड किया था जिसे नीचे देखा जा सकता है.

कुल मिलाकर, 20 नवंबर को स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में हज़रत निजामुद्दीन से विशाखापत्तनम जा रहे एक रिटायर्ड सैनिक विलास नाइक की पेंट्री कार के कर्मचारियों के साथ हाथापाई हो गई थी. इसके कुछ ही समय बाद विलास नाइक की वीडियो क्लिप वायरल हो गई जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम लोगों ने उनका रास्ता रोककर वहां नमाज़ पढ़ी. हालांकि, उन्होंने कभी ये दावा नहीं किया कि उन्हें मुसलमानों ने पीटा था. इसके बाद भी सुदर्शन न्यूज़ और दैनिक भास्कर के पत्रकारों ने उनकी ये क्लिप शेयर कर झूठी ख़बर चला दी कि मुस्लिम लोगों ने विलास नाइक की पिटाई की.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.