ट्रिगर वार्निंग: रेप

1 मार्च 2024 को झारखंड के दुमका में सात लोगों ने 28 साल की स्पेनिश ट्रैवल ब्लॉगर के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया. पीड़िता और उसका पार्टनर दुमका के रास्ते भागलपुर की ओर जा रहे थे और घटना वाली रात उन्होंने हंसडीहा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक तंबू लगाया था. पीड़िता ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उसने आरोप लगाया कि सात लोगों ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें लूट लिया. वीडियो में कपल ने ये भी कहा, “उन्होंने हम पर हमला किया, हमें पीटा, हमारी गर्दन पर चाकू रखा और कहा कि वे हमें मार देंगे…वहां सात लोग थे…”

फ़र्स्ट इनफ़ॉर्मेशन रिपोर्ट से पता चलता है कि कपल ने मेन रोड से एक किलोमीटर दूर कुमराहाट गांव के एक जंगली पहाड़ी इलाके में एक तंबू लगाया था. सबसे पहले, तीन लोगों ने पीड़िता के साथी के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया और उसके बाद उन्होंने उस पर हमला किया और उसे बांध दिया. अन्य चारों ने कथित तौर पर पीड़िता को चाकू दिखाकर जबरदस्ती किया. कथित तौर पर पीड़िता को ज़मीन पर गिरा दिया गया, लात और मुक्का मार मार के सभी सात लोगों ने उसके साथ रेप किया. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि वे लोग नशे में थे. ये घटना शाम 7:30 से 10 बजे के बीच की है.

6 मार्च तक इस मामले में आठ लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. हालांकि, पीड़िता ने FIR में कहा था कि सात लोग इसमें शामिल थे. जरमुंडी के SDPO ने कहा, “आठवें व्यक्ति ने अपराध में उन सात लोगों की मदद की थी.”

तीन लोगों को शुरू में गिरफ़्तार किया गया था और रविवार, 3 मार्च को एक अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. उनकी गिरफ़्तारी की ख़बर आने के बाद, कई राईट विंग सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि वे तीनों ‘राइस बैग कन्वर्टर्स’ थे, जो ईसाइयों का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है.

भाजपा नेता और बोधगया के पूर्व विधायक हरि मांझी ने ट्विटर पर दावा किया कि गिरफ़तार किए गए लोग ईसाई मिशनरी के लिए काम करते थे. उन्होंने लिखा, “जो चावल की बोरी में बिक जाए वैसे लोगो का क्या ईमान क्या धर्म । इन सबको फाँसी की सजा होनी चाहिए.” (आर्काइव)

बीजेपी प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव ने भी यही दावा ट्वीट किया. बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. नीचे एक स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है.

राईट विंग इंफ्लुएंसर जितेंद्र प्रताप सिंह (जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं) ने ट्वीट किया कि गिरफ़्तार किए गए सभी लोग ईसाई मिशनरियों के लिए काम करते हैं. (आर्काइव)

वेरीफ़ाइड राईट विंग अकाउंट @RealBababanaras ने ट्वीट किया कि मामले में ‘राइस बैग कन्वर्ट करने वालों’ को गिरफ़्तार किया गया है. ट्वीट को 2 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और इसे लगभग 3 हज़ार रीट्वीट मिले. (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स ने इस दावे को आगे बढ़ाया. (आर्काइव्स- 1, 2, 3, 4)

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फ़ैक्ट-चेक

हमने अब तक के आठ आरोपी व्यक्तियों के नाम का एक्सेस किया. घटना में दो नाबालिग शामिल थे जिनके नाम हम यहां नहीं बता रहे हैं, बाकि 6 आरोपियों के नाम नीचे दिए गए हैं.

-सुकलाल हेम्ब्रोम (30 साल), पेशे से ऑटो ड्राइवर

-बबलू हेम्ब्रोम (22 साल), गुजरात का एक मजदूर, जो घटना से दो सप्ताह पहले झारखंड आया था

-बुदलाल मरांडी (21 साल), गुजरात का एक मजदूर, जो घटना से दो सप्ताह पहले झारखंड आया था

-बाबूजी सोरेन (22 साल), किसान

-राजन मरांडी (24 साल), गुजरात का एक मजदूर, जो घटना से दो सप्ताह पहले झारखंड आया था

-राजेश मुर्मू (24 साल), किसान

ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले जरमुंडी उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) संतोष कुमार से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि शुरू में गिरफ़्तार किए गए तीनों में से कोई भी ईसाई नहीं था या ईसाई मिशनरी के लिए काम नहीं करता था. उन्होंने हमें ये भी बताया कि गिरफ़्तार किए गए आठ लोगों में से सिर्फ एक, बाबूजी सोरेन, ईसाई है. हालांकि, वो मिशनरियों के लिए काम नहीं करता है. वो पेशे से एक किसान है और उसने DJ के लिए अपना म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट भी किराए पर देता है. SDPO ने साफ़ किया कि बाकी सभी आरोपी सरना धर्म को मानने वाले हैं.

सरना आदिवासियों के बीच लोकप्रिय एक देशी आस्था है और इसके अनुयायी प्रकृति उपासक होते हैं जो दशकों से एक अलग धार्मिक पहचान के लिए लड़ रहे हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आदिवासियों के लिए सरना धार्मिक कोड को मान्यता देने की मांग की थी. इस पत्र में उन्होंने लिखा था, “उनकी जनसंख्या के प्रतिशत में लगातार गिरावट आ रही है, जिसकी संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के तहत आदिवासी विकास की नीतियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. परिस्थितियों को देखते हुए, सरना या प्रकृति पूजा करने वाले आदिवासियों को हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन अनुयायियों से अलग पहचानने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक अलग आदिवासी / सरना कोड ज़रूरी है.” झारखंड की एक बड़ी आबादी सरना धर्म को मानती है.

आरोपियों में सोरेन और दो नाबालिगों के अलावा दो हेम्ब्रोम, दो मरांडी और एक मुर्मू हैं. ये सभी संथाल समुदाय के गोत्र हैं, ‘हेम्ब्रोम’, ‘मेरांडी’ और ‘मुर्मू’ 12 ‘गोत्रों‘ में से हैं. लगभग 6 मिलियन की आबादी वाले संथाल भारत की सबसे बड़ी जनजातियों में से हैं. वे बड़े पैमाने पर ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में केंद्रित हैं.

हमने दुमका स्थित जेसुइट पादरी फ़ादर सोलोमन से संपर्क किया जो जौहर मानव संसाधन विकास केंद्र से सामाजिक कार्य करते हैं. उन्होंने अपने लोकल कॉन्टेक्ट्स से बात की और कंफ़र्म किया कि आरोपियों में से सिर्फ एक ईसाई था.

कुल मिलाकर, स्पैनिश व्लॉगर के बलात्कार मामले में गिरफ़्तार किए गए आठ आरोपियों में से सिर्फ एक ईसाई है. कथित अपराध को सोशल मीडिया पर बेमतलब सांप्रदायिक ऐंगल दिया जा रहा है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.