चेहरे पर गंभीर चोट वाले एक व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है कि ये किसानों के विरोध प्रदर्शन की है. वेरिफ़ाईड अकाउंट @saraaltafkhan ने वायरल तस्वीर को ट्वीट करते हुए ये दावा किया कि ये शंभू/खानोरी सीमा पर ली गई है. (आर्काइव)
Modi’s democracy⬇️⬇️. Shambhu/Khanori border. pic.twitter.com/zDxK3GLi16
— Dr. Sara A-Khan (@saraaltafkhan) February 23, 2024
यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह ने भी अपने ट्वीट में ये तस्वीर ट्वीट शेयर करते हुए इसे चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ दिया था. उनके ट्वीट को RJ सायमा ने रिट्वीट किया था. बाद में ये डिलीट कर दिया गया. नीचे इसका स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है.
कई अन्य यूज़र्स ने भी इस तस्वीर को ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव्स- 1, 2)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने देखा कि ये स्टॉक फ़ोटोग्राफ़ी वेबसाइट Alamy पर मौजूद है. डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, तस्वीर 13 जुलाई 2016 को क्लिक की गई थी. तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति मोहम्मद इमरान पार्रे है. एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उसे गोली लग गई थी और श्रीनगर के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.
उस वक्त बुरहान वानी की हत्या के कारण कश्मीर घाटी में अशांति थी. बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 को गोली मार दी गई थी, जिससे घाटी में तीन महीने तक घातक अशांति फ़ैल गई थी. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में कथित तौर पर कम से कम 92 लोग मारे गए और 12 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हो गए. मोहम्मद इमरान की तस्वीर उस वक्त हुई हिंसा के नतीजों के रूप में कई न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा पब्लिश की गई थी.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने 24 सितंबर, 2016 को एक रिपोर्ट पब्लिश की, जिसके टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “कई सर्जरी और निर्णय के बाद, पेलेट पीड़ितों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है.” रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पेलेट गन के कहने के बावजूद कानून प्रवर्तन द्वारा पेलेट गन के बेरोकटोक इस्तेमाल के परिणामों के बारे में बताया गया कि इसका इस्तेमाल “दुर्लभ से दुर्लभतम” मामलों में किया जाएगा. रिपोर्ट में मोहम्मद इमरान पार्रे की तस्वीर है.
द इंडिपेंडेंट और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया सहित कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने उस वक्त कश्मीर में अशांति पर रिपोर्ट करते वक्त इस तस्वीर का इस्तेमाल किया था.
ग़लत सूचना शेयर किए जाने की बात बताने के बाद, श्याम मीरा सिंह ने अपना ट्वीट हटा दिया. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “ये तस्वीर अभी के किसान आंदोलन की नहीं है. कृपया इसे शेयर ना करें. ये तस्वीर जुलाई 2016 की है. तस्वीर में- Mohammad Imran Parray हैं. जो कश्मीर से हैं. चेहरे पर पैलेट गन के निशान हैं. जैसे अभी किसान आंदोलन के दौरान किसानों के शरीर पर मेडिकल जाँच में भी प्रूव हुए.”
ये तस्वीर अभी के किसान आंदोलन की नहीं है। कृपया इसे शेयर ना करें। ये तस्वीर जुलाई 2016 की है। तस्वीर में- Mohammad Imran Parray हैं। जो कश्मीर से हैं। चेहरे पर पैलेट गन के निशान हैं। जैसे अभी किसान आंदोलन के दौरान किसानों के शरीर पर मेडिकल जाँच में भी प्रूव हुए। pic.twitter.com/Xc6R4CQgeA
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) February 23, 2024
कुल मिलाकर, बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में 2016 की अशांति के दौरान घायल हुए एक व्यक्ति की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है और यूज़र्स इसे चल रहे किसानों के विरोध के साथ ग़लत तरीके से जोड़ रहे हैं.
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