कई सोशल मीडिया यूज़र्स एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय के एक दंपत्ति ने अपनी बेटी की शादी एक हिन्दू लड़के से की. यूज़र्स इन पोस्ट्स में बता रहे हैं कि कैसे हिन्दुओं का घर मुस्लिम समुदाय से ज़्यादा सुरक्षित है और इसलिए मुस्लिम दंपत्ति ने अपनी बेटी की शादी ‘सनातन’ धर्म में की. ट्विटर यूज़र्स इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिख रहे हैं, “केरल मे मुस्लिम माता पिता ने अपनी बेटी की शादी एक #सनातनी हिंन्दू लड़के से करा दी…बेटी #हिन्दू_घर मे सुरक्षित रहेगी.” (आर्काइव लिंक)

यही दावा कई अन्य यूज़र्स शेयर कर रहे हैं.

कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी इसी कैप्शन के साथ मुस्लिम दंपत्ति की ये तस्वीर शेयर की. (आर्काइव लिंक)

ग़लत दावा

इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 19 फ़रवरी, 2020 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला जिसमें यूज़र ने तस्वीर के साथ लिखा है कि तस्वीर में दिख रहा परिवार केरल के कासरगोड का है. यूज़र ने लिखा कि मुस्लिम दंपत्ति अब्दुल्लाह और ख़ादिजा ने हिन्दू बच्ची को गोद लिया था और अब उसकी शादी एक हिन्दू परिवार में हिन्दू रीति रिवाज़ों के साथ करवाई है.

हमने इस बारे में गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 19 फ़रवरी, 2020 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया है कि राजेश्वरी ने 7 वर्ष की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था और मुस्लिम दंपत्ति ने उसे गोद ले लिया था. जबकि वायरल दावों में ये बताने की कोशिश की जा रही है कि जिस लड़की की शादी हुई वो मुस्लिम थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के कासरगोड ज़िले में एक मुस्लिम दंपत्ति ने गोद ली हुई अपनी 22 वर्षीय बेटी राजेश्वरी की शादी 28 वर्षीय हिन्दू लड़के से करवाई. ये शादी कन्हागड में भगवती मंदिर में पूरे हिन्दू रीति रिवाज़ों के साथ कराई गयी.

रिपोर्ट में आगे वो तस्वीर भी लगायी गयी है जो अभी वायरल हो रही है.

इस शादी के बारे में और भी कई मीडिया आउटलेट्स ने यही रिपोर्ट किया है- इंडिया टुडे, न्यूज़ कर्नाटक, द इंडियन एक्सप्रेस, द न्यूज़ मिनट.

सोशल मीडिया पर ये दावा कि एक मुस्लिम लड़की की शादी एक हिन्दू लड़के से करवाई गयी, बिल्कुल ग़लत है. लड़की एक हिन्दू थी जिसे बचपन में मुस्लिम दंपत्ति ने गोद लिया था.


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