अवनी पाण्डेय नाम की एक फ़ेसबुक यूज़र ने 24 जून, 2020 को एक तस्वीर शेयर की और दावा किया, “इस मुस्लिम व्यक्ति – मोहमद अंसारी को इतना फैला दो की ये ज़िंदगी में मन्दिर में जाने लायक ना बचे.” इस पोस्ट को 24 हज़ार से भी ज़्यादा बार शेयर किया गया है. (पोस्ट का आर्काइव)

2020-07-07 17_23_12-Avni pandey - Posts

इसे ट्विटर पर भी इसी दावे से शेयर किया है. अर्नब गोस्वामी के नाम से बने एक ट्विटर हैंडल ने इसे ट्वीट किया है.

Arnab Goswami on

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप पर भी इस तस्वीर की सच्चाई पता करने की कुछ रिक्वेस्ट मिली हैं.

priyanka (4)

फ़ैक्ट-चेक

इस दावे की पड़ताल करते हुए हमें पता चला कि ये घटना अप्रैल, 2020 की है. इस मामले के बारे में एक ट्विटर यूज़र ने वाराणसी पुलिस को टैग करते हुए ये तस्वीर ट्वीट की थी. ये ट्वीट 11 मई का है. ट्विटर यूज़र ने लिखा था कि वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाले आजाद गौतम ने अदमापुर गांव में डीह बाबा के मंदिर के ऊपर पैर रख कर फोटो खिंचाई है. इस ट्विटर यूज़र ने पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की. इसके जवाब में ADG ज़ोन वाराणसी के ट्विटर हैंडल ने बताया कि इस प्रकरण में आरोपी को जेल भेजा जा चुका है.

ऐसे ही एक और ट्वीट के रिप्लाई में वाराणसी पुलिस ने भी बताया कि इस मामले में 24 अप्रैल को गिरफ्तारी करते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा चुकी है.

अमर उजाला में 24 अप्रैल, 2020 को छपी खबर बताती है कि वाराणसी के करधना गांव निवासी आज़ाद कुमार गौतम को मिर्ज़ामुराद थाने की पुलिस ने लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है. साथ ही ये भी बताया गया कि आज़ाद कुमार गौतम अपनी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से देवी के संबंध में आपत्तिजनक पोस्ट किये थे.

मिर्ज़ामुराद थाने के इंस्पेक्टर सुनील दत्त दुबे ने अमर उजाला को बताया कि शिकायत के आधार पर दरोगा बृजेश सिंह ने आज़ाद कुमार को उसके घर से गिरफ़्तार कर लिया. उसके पास से एक मोबाइल भी बरामद किया गया था.

amar ujala varanasi

संजीवनी टुडे नाम की एक वेबसाइट ने भी इस मामले पर 24 अप्रैल, 2020 को एक खबर प्रकाशित की.

इस तरह दो महीने से ज़्यादा पुरानी घटना को सोशल मीडिया पर हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल देने की कोशिश की गयी है. वायरल हो रही फ़ोटो में दिख रहे शख़्स का नाम मोहमद अंसारी नहीं बल्कि आज़ाद कुमार गौतम है.

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