30 जुलाई, 2025 को रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया जिससे रूस, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई के कुछ हिस्सों में सुनामी की चेतावनी दी गई. अधिकारियों ने इन क्षेत्रों के तटीय क्षेत्रों के निवासियों से सतर्क रहने और निकासी के लिए तैयार रहने का आग्रह किया था.

भूकंप के बाद कथित तौर पर दहशत और विनाश की स्थिति दिखाने वाले कई अनवेरिफ़ाइड विजुअल्स सोशल मीडिया पर शेयर किए गए. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे 5 ऐसे विज़ुअल्स की पड़ताल की जिनमें से कुछ को न्यूज़ आउटलेट्स ने भी शेयर किया था. 

पहला वीडियो

इनमें से एक वीडियो 29 सेकंड का है जिसमें एक तटीय क्षेत्र में सुनामी लहरें आती दिखाई दे रही हैं. फ़ुटेज में, दो लोगों को घबराहट में भागते हुए देखा जा सकता है क्योंकि बढ़ती लहरें किनारे को घेर रही हैं.

इस वीडियो को 30 जुलाई को ‘ज़ी 24 घंटा’ से जुड़े अयान घोषाल नामक एक यूज़र ने फ़ेसबुक पर इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया, “पहले, एक विनाशकारी भूकंप, फिर, एक शक्तिशाली ज्वार. रूस और जापान में सुनामी की चेतावनी जारी की गई.” (आर्काइव)

फ़ायर न्यूज़ (@FireNewz) ने भी ये वीडियो X पर पोस्ट किया और इसे रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास आए भूकंप से जोड़ा. पोस्ट में कहा गया कि भूकंप के कारण सुनामी आई और बिना किसी चेतावनी के हजारों लोगों की जान चली गई. (आर्काइव)

इस पोस्ट को ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक 1.6 मिलियन व्यूज़ मिलें.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये क्लिप शेयर करते हुए इसी तरह के दावे किए:

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फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो से फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें न्यूज़फ्लेयर नामक एक यूट्यूब चैनल मिला जहां वीडियो चार साल पहले 10 मई, 2021 को अपलोड किया गया था. कैप्शन और डिस्क्रिप्शन से पता चला कि फ़ुटेज हाल का नहीं था. लेकिन जुलाई 2017 में ग्रीनलैंड के पश्चिमी तट पर आई सुनामी का है. वीडियो में हैरान मछुआरें हैं जो समय रहते भागकर अपनी जान बचा पाए थे. 

इसे ध्यान में रखते हुए सर्च करने पर हमें यूनेस्को की एक रिपोर्ट मिली जिसमें 17 जून, 2017 को ग्रीनलैंड के उमियामक्कू नुनाट प्रायद्वीप में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बारे में बताया गया था जिससे 90 मीटर से ज़्यादा ऊंची लहरों के साथ एक मेगा-सुनामी शुरू हो गई थी. सुनामी ने सात मिनट के भीतर नुउगात्सियाक गांव तक पहुंच गई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, 9 घायल हो गए और 11 इमारतें नष्ट हो गईं थीं. बचाव हेलीकॉप्टरों द्वारा लगभग 200 निवासियों को उउम्मन्नक पहुंचाया गया. 

यानी, वीडियो में दो लोगों को ग्रीनलैंड में 8 साल पहले सुनामी से भागते हुए दिखाया गया है; इसका रूस में हाल ही में आए भूकंप से कोई संबंध नहीं है. 

दूसरा वीडियो

सड़कों पर बाढ़ की लहरों का एक दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है कि जापान, रूस और अलास्का में सुनामी जैसी स्थिति देखी जा रही है.   

X यूज़र डी. शीतल यादव ने 30 जुलाई 2025 को ये वीडियो रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए भूकंप से जोड़ते हुए शेयर किया. (आर्काइव)

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें यूट्यूब चैनल कनेक्ट न्यूज़ SA मिला जहां वीडियो 8 साल पहले – 13 मार्च, 2017 को अपलोड किया गया था. 

वीडियो के कैप्शन के मुताबिक, ये दक्षिण अफ्रीका के तटीय शहर डरबन में सुनामी का है.

हमें 2017 के एक फ़ेसबुक पोस्ट में भी ये वीडियो मिला. कैप्शन में ज़िक्र किया गया है कि ये डरबन के क्वाज़ुलु-नटाल प्रांत का समुद्र तट है जहां मेडागास्कर में आए चक्रवात एनावो के कारण “मिनी-सुनामी जैसी” स्थिति देखी गई थी.

दक्षिण अफ्रीकी डिजिटल प्रकाशन द सिटिजन की 12 मार्च, 2017 की रिपोर्ट में अतिरिक्त विजुअल्स के साथ ये फ़ुटेज भी दिखाई गई है जिसमें डरबन के उत्तरी समुद्र तट पर अप्रत्याशित लहरों के बढ़ने का कारण आसपास के क्षेत्र में चक्रवाती गड़बड़ी को बताया गया है.

कुल मिलाकर, इस वीडियो का भी हाल ही में आए भूकंप से कोई संबंध नहीं है.

तीसरा वीडियो

भूकंप के फ़ुटेज के रूप में सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तीसरे वीडियो में पांच सफेद बेलुगा व्हेल किनारे पर फंसी हुई हैं, जबकि दो लोग उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं. ये क्लिप इस दावे के साथ शेयर की गई कि कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से ठीक एक दिन पहले व्हेल दिखाई दी थीं जिससे पता चलता है कि ये “प्रकृति की ओर से चेतावनी” थी. सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि व्हेल का असामान्य व्यवहार भूकंपीय घटना से पहले हुआ था.

X यूज़र बाबा बनारस (@RealBababanaras) ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि “प्रकृति हमेशा पहले जानती है” और सुझाव दिया कि व्हेल का वीडियो भूकंप से एक दिन पहले रिकॉर्ड किया गया था.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस वीडियो को ऐसे दावों के साथ ही शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करे पर हमें रूसी सोशल मीडिया और नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म VK वीडियोज़ मिला जहां वही फ़ुटेज 14 अगस्त, 2023 को अपलोड किया गया था. 

की-वर्ड्स सर्च करने से हमें 15 अगस्त, 2023 की न्यूज़वीक रिपोर्ट मिली जिसमें यही वीडियो है. वीडियो रिपोर्ट में कैप्शन में ज़िक्र किया गया है कि कामचटका के निवासियों ने बेलुगा व्हेल को बचाया.

रिपोर्ट के मुताबिक, बेलुगा व्हेल किनारे पर फंसी हुई थीं और स्थानीय मछुआरे उन्हें जिंदा रखने के लिए तब तक पानी डालते रहे जब तक कि ज्वार आख़िरकार उन्हें ओखोटस्क के समुद्र में वापस नहीं ले गया.

कुल मिलाकर, ये वीडियो भी हाल के भूकंप का नहीं है. ये अगस्त 2023 का है और अज्ञात कारणों से कामचटका तट पर फंसे हुए व्हेल का है.

चौथा वीडियो 

रूस में आए भूकंप से जुड़ी चौथी वायरल क्लिप एक CCTV फ़ुटेज है जिसमें एक स्टोर के अंदर अलमारियां ढहती हुई दिखाई दे रही हैं, जबकि स्टोरकीपर लगभग उसमें दब गया है. मीडिया आउटलेट ETNow (@ETNowLive) ने इस वीडियो को 30 जुलाई, 2025 को X पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया कि रूस में भारी भूकंप आया.

पत्रकार रुबिका लियाकत और पंजाब केसरी के अकाउंट सहित कई लोगों ने वीडियो ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया. 

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें एक यूट्यूब चैनल, 2025 सागांग अर्थक्वेक आर्काइव मिला जहां वही वीडियो 20 अप्रैल, 2025 को अपलोड किया गया था. कैप्शन में कहा गया है कि वीडियो में म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद के हालात है.

फिर हमें उसी वीडियो के साथ न्यूज़फ्लेयर की एक रिपोर्ट मिली. लेकिन CCTV फ़ुटेज में तारीख (28 मार्च, 2025) और टाइम-स्टैंप साफ दिखाई दे रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो उस पल को कैद करता है जब म्यांमार के मांडले में एक दुकान में भूकंप के झटके महसूस किए गए.

हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन का अपडेट भी मिला कि म्यांमार के केंद्रीय सागांग क्षेत्र, मांडले के पास, 28 मार्च, 2025 को दो शक्तिशाली भूकंप आए थे – 7.7 तीव्रता का और दूसरा 6.4 तीव्रता का.

कुल मिलाकर, CCTV फ़ुटेज 4 महीने पुराना है और रूस में हाल ही में आए भूकंप से इसका कोई संबंध नहीं है.

पांचवां वीडियो

तट पर टकराती हुई विशाल लहरों को दिखाने वाला एक हवाई वीडियो भी रूस के कामचटका प्रायद्वीप में हाल ही में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के विज़ुअल्स के रूप में सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

X यूज़र अरुण चौधरी ने 30 जुलाई 2025 को वीडियो भूकंप के बाद जारी सुनामी अलर्ट से जोड़कर शेयर किया था.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

क्लिप के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च से हमें 11 अप्रैल, 2025 की एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिली जिसे stat.us.ai अकाउंट द्वारा शेयर किया गया था. साथ में दिए गए कैप्शन में लिखा है, “समुद्र के अंदर आए शक्तिशाली भूकंप के कारण आई विशाल सुनामी ऐसी दिखेगी.” इससे पता चलता है कि फ़ुटेज असली नहीं है, बल्कि नकली है. अकाउंट ने ज़्यादातर AI-जनरेटेड कंटेंट शेयर किया, इसकी कंटेंट के सिंथेटिक प्रकृति के बारे में कोई साफ डिस्क्लेमर नहीं है.

वीडियो की आगे जांच करने पर, हमने ये भी पाया कि कुछ विजुअल्स में लगभग अवास्तविक स्पष्टता थी जिससे शक पैदा हुआ कि ये AI-जनरेटेड था. हमें 27 जुलाई, 2025 को अपलोड किए गए उसी वीडियो का एक यूट्यूब शॉर्ट भी मिला. इसके डिस्क्रिप्शन में साफ तौर पर ज़िक्र किया गया है कि ये परिवर्तित या सिंथेटिक कंटेंट है.

AI कंटेंट डिटेक्शन टूल ने भी ये संकेत दिया कि क्लिप के AI-जनरेटेड होने की 99% संभावना थी.

कुल मिलाकर, ये वीडियो AI का उपयोग करके तैयार किया गया है और ये न तो असली है और न ही हाल के कामचटका भूकंप से जुड़े है.

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