[नोट: वीडियो में आपत्तिज़नक भाषा और हिंसा है. इसे ध्यान में रखकर पाठक वीडियो देखें.]

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. दावा है कि कश्मीर में घूम रहे राजस्थान के मुस्लिम युवाओं को भारतीय सेना के जवानों ने इसलिए पीटा क्योंकि वो भारत विरोधी नारे लगा रहे थे. वीडियो में सुरक्षाकर्मी 5 घायल लोगों को राष्ट्रगान और ‘वंदे मातरम्’ गाने के लिए मजबूर करते हुए दिख रहे हैं. (पहला लिंक, दूसरा लिंक)

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ये वीडियो ट्विटर और फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ खूब शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

ये वीडियो कश्मीर का नहीं है बल्कि फ़रवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों का है. जब ये वीडियो सामने आया था तो ऑल्ट न्यूज़ ने इसे वेरीफ़ाई करते हुए एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. हममें अपनी जांच में पाया था कि ये घटना 24 फ़रवरी 2020 की शाम करीब 5 बजकर 45 मिनट पर शाहदरा के कर्दम पुरी इलाके में कृष्णा मार्ग बस स्टॉप के पास हुई थी.

बाद में सामने आया कि वीडियो में दिख रहे पीड़ितों में से एक 23 साल का फैज़ान नामक युवक था. इस वीडियो के वायरल होने के कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई थी.

जनवरी 2022 में पब्लिश हुई द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने फैज़ान की मौत के सिलसिले में एक हेड कांस्टेबल की पहचान करते हुए उससे पूछताछ की. रिपोर्ट में ये भी ज़िक्र किया गया था कि न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली एकल-न्यायाधीश पीठ ने जांच में देरी के लिए पुलिस की आलोचना की. मामले में अगली सुनवाई 22 फ़रवरी 2022 को होगी.

अदालत ने पुलिस को इस जांच की डिटेल्ड रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. साथ ही उस समय पुलिस उपायुक्त और जांच अधिकारी की मौजूदगी की भी मांग की है.

जहां तक कि राजस्थान के मुस्लिम युवाओं को ‘भारत विरोधी’ नारे लगाने के लिए सेना द्वारा पीटे जाने की बात है तो हमें इस दावे की पुष्टि करनेवाली कोई रिपोर्ट नहीं मिली.

यानी, 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने 5 मुस्लिम लोगों को राष्ट्रगान और वंदे मातरम् गाने को मजबूर किया था, जिसका वीडियो हाल में ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया.

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