सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिसवालों को भीड़ पीट रही है. वीडियो में 2 पुलिसकर्मी दिख रहे हैं. एक पुलिसवाला अपने साथी को बचाने की कोशिश करता है लेकिन लोग उसे भी पीटने लगते हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा जा रहा है, “बरेली सिविल लाईन्स न्यूज़ पुलिस द्वारा चालान काटने पर पुलिसकर्मियो की पिटाई की जो कानून को चुनौती है! यह वीडियो बताता है की आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा |कौन देश चलायेगा! और सबका भविष्य क्या होगा ! कड़वा सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से बहुत ज्यादा खतरा है!”

ये वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल है और ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (+91 76000 11160) पर भी इसकी जांच की रिक्वेस्ट मिली है.

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मार्च 2021 में भी ये वीडियो वायरल हुआ था. उस समय इसे शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि राजस्थान के मेवात में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो हिन्दू कहां से सुरक्षित रहेगा. साथ ही लिखा है, “मु’स्लिम आबादी मैं हिंदू का रहना नर्क के बराबर है.” (आर्काइव लिंक)

इसे शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि मुस्लिम भीड़ ने पुलिसवाले को पीट दिया.

BJP से जुड़े लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी ये वीडियो शेयर किया है. हालांकि उन्होंने कोई दावा न करते हुए सिर्फ़ इतना लिखा है कि घटना राजस्थान के मेवात इलाक़े की है.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो के फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें दैनिक भास्कर की 23 मार्च 2021 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के अनुसार, “घटना भरतपुर और हरियाणा की सीमा के पास जुरहरा कस्बे की है। यहां हरियाणा के पुनहाना थाने का पुलिस कांस्टेबल किसी केस की जांच के लिए जुरहरा आया था। बाजार से गुजरते वक्त पुलिस की गाड़ी की दूसरी गाड़ी से टक्कर हो गई। टक्कर के बाद पुलिसकर्मी और दूसरी गाड़ी में सवार युवाओं में कहासुनी हो गई थी। मामला इतना बढ़ा कि गुस्साए युवाओं ने कांस्टेबल को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी.”

हमने देखा कि राजस्थान के भरतपुर पुलिस ने ट्विटर पर इस वीडियो के नीचे कमेन्ट में इसे जुरहरा के होने की बात की है.

हमने भरतपुर रेंज के IG प्रसन्न खमेसरा से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “ये घटना 23 फ़रवरी की है. और जुरहरा कस्बे की घटना है लेकिन इसमें राजस्थान पुलिस नहीं है. हरियाणा पुलिस के कुछ आदमी आये थे और इसमें हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल कतई नहीं है. हुआ ये था कि हरियाणा से दो नाबालिग़ बच्चे-बच्ची भाग कर वहां आये थे जिसकी सूचना जुरहरा पुलिस ने हरियाणा पुलिस को दी. हरियाणा के पुलिसकर्मी जब उन बच्चों को लेने आए तो उनकी गाड़ी एक स्थानीय नेता से टकरा गयी. दोनों पक्षों में कहा-सुनी के बाद हरियाणा पुलिस के हेड कांस्टेबल ने एक-दो जनों को पीट दिया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसवाले को भी पीट दिया. बाद में मामला शांत हुआ. हरियाणा के पुनहाना SHO भी आये फिर दोनों पक्षों ने आपसी रज़ामंदी से कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई. नाबालिग बच्चों को भी उन्हें सौंप दिया गया.”

IG ने हमें ये भी बताया, “सोशल मीडिया का ये दावा कि मेवात में पुलिस सुरक्षित नहीं है, ग़लत है. और इस घटना का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है. हम अपराधी का धर्म नहीं देखते, अपराध देखते हैं. और मुजरिम चाहे किसी भी धर्म का हो, किसी भी इलाके का हो, पुलिस उसके ऊपर कार्रवाई करती है और सज़ा देती है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो ग़लत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.”

ETV हरियाणा ने भी इस मामले पर ख़बर प्रकाशित की है.

रिपब्लिक मेवात नाम के एक यूट्यूब चैनल ने 25 मार्च को इस मामले से जुड़ी खबर बताते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस ने एक कांग्रेस नेता को टक्कर मारी थी जिसके बाद कहासुनी हुई और स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों को पीट दिया. इस आधार पर जब हमने छानबीन की तो मालूम चला कि खुर्शीद अहमद, जो 30 साल तक भरतपुर से BJP के ज़िलामंत्री रह चुके हैं और जिन्होंने 2018 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी, को पुलिस की गाड़ी ने टक्कर मार दी थी. हमने खुर्शीद अहमद से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “ये मामला एक महीने पुराना है और इसे लोग ग़लत दावों से शेयर कर रहे हैं. कोई हिन्दू मुस्लिम ऐंगल नहीं था. मेरे पुराने मित्र जो मेरे कांग्रेस में जाने से खफ़ा थे, वो ये शेयर कर रहे हैं. जबकि मैं खुद 30 सालों तक BJP में ही था. पुलिस की गाड़ी मुझसे टकरा गयी थी जिसके बाद वो ही लोग मुझे गाली भी देने लगे. मैंने भी गाली दी, मैं झूठ नहीं बोलूंगा. बात बढ़ गयी और पुलिस ने मेरे साथ खड़े एक व्यक्ति को पीट दिया. ये देखकर आस-पास की दुकानों के लोग भी आ गए जो हिन्दू ही हैं. और पुलिस को पीटने लगे. दोनों तरफ़ से हाथापाई हुई.

यानी, महीने भर पुराना वीडियो शेयर करते हुए ग़लत दावा किया जा रहा है कि मेवात पुलिस को मुस्लिम बहुल इलाके में पीटा जा रहा है.

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