पिछले हफ्ते, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने गंभीर रूप से घायल एक महिला को दिखाते हुए वीडियो शेयर कर ये जताया कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं का शोषण और अत्याचार हो रहा है. 

वीडियो में सड़क किनारे बैठी खून से लथपथ एक महिला को दिखाया गया है, जो मुश्किल से शब्दों को जोड़-तोड़ कर बोल पा रही है. जब उससे पूछा जाता है कि उसका घर कहां है, तो वो साफ-साफ जवाब नहीं दे पाती है. उसके आस-पास के लोग पूछते हैं कि क्या वो मुर्शिदाबाद से है, तो वो सहमति में सिर हिलाती है.

25 जनवरी को X अकाउंट @Bangladesh_Fact ने इस फ़ुटेज को शेयर करते हुए दावा किया कि ये “फ़ासीवादी यूनुस” द्वारा शासित देश है जो “आतंकवाद को बढ़ावा देता है.” (आर्काइव)

दो दिन बाद यही वीडियो X अकाउंट @ajay chouhan41 ने शेयर किया. इस यूज़र ने लिखा, “नंगी औरतें!  मां और बहन को नंगा कर दिया! नंगी लाल आज़ादी…! ये कोई फ़िल्म की शूटिंग नहीं है! उग्रवाद को बढ़ावा देने वाली बांग्लादेश की इस्लामिक यूनुस सरकार के नए देश की हिंदू विरोधी तस्वीर है.” इस पोस्ट को लगभग 207,000 बार देखा गया. पाठक ध्यान दें कि इस यूज़र को पहले कई बार ग़लत जानकारी शेयर करते हुए पाया गया है. (आर्काइव लिंक)

 

अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावे शेयर किए. नीचे कुछ स्क्रीनशॉट्स देखे जा सकते हैं. 

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की जांच करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को फ़ेसबुक पर शेयर की गई एक ऐसी ही क्लिप मिली जिसे 22 जनवरी को पोस्ट शेयर किया गया था. पश्चिम बंगाल के संदेशखली से भाजपा-नामांकित उम्मीदवार रेखा पात्रा ने इसी तरह के विजुअल्स के साथ एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि जयनगर में बकुलतला पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले एक गांव में एक महिला की हत्या कर दी गई. 

इसे ध्यान में रखते हुए हमने बंगाली की-वर्डस सर्च किया. हमें घटना के बारे में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. टीवी9 बांग्ला की एक रिपोर्ट में लिखा है कि जयनगर निर्वाचन क्षेत्र में एक महिला की लाश मिली, उसका चेहरा कुचला हुआ था. एक स्थानीय टोटो चालक ने उसे 21 जनवरी की देर रात मायाहौरी ग्राम पंचायत के आनंदपुर-रथतला क्षेत्र में एक खाली धान के खेत के बगल में खून से लथपथ अवस्था में पड़ा हुआ पाया. उसने आस-पास के लोगों को बुलाया और मुखिया को सूचित किया, बाद में बकुलतला पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची, महिला को निकाला और उसे नीमपीठ ग्रामीण अस्पताल ले गई जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. 

ABP की एक रिपोर्ट में लिखा है कि महिला के शरीर पर जख्म के निशान हैं जिससे लग रहा है कि उस पर किसी हथियार से हमला किया गया है. उसके चेहरे का एक हिस्सा कुचला हुआ था और दांत टूट गए थे और स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर कहा कि उसका बहुत खून बह रहा था.

ज़ी 24-घंटा की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के संदिग्ध की पहचान करने वाले CCTV फ़ुटेज जारी किए गए हैं और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. “बकुलतला पुलिस इलाके में एक संदिग्ध बाइक और CCTV में कैद एक संदिग्ध व्यक्ति की तलाश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, घटना में बाइक पर सवार दो लोग शामिल हो सकते हैं.” हालांकि, मृत महिला की पहचान का पता नहीं चल सका है.

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल निर्विक बार्टा ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर इस घटना का डॉक्यूमेंटेशन किया.

वीडियो में घटनास्थल के फ़ुटेज शामिल हैं, जहां पुलिस को घटनास्थल चिह्नित करते देखा जा सकता है. ईंटों वाली सड़क भी दिख रही है. रिपोर्ट में अब्दुल सलाम नाम के शख्स ने बताया कि वो घायल महिला के पास पहुंचा और उससे पूछा कि उसका घर कहां है. उसके चेहरे पर लगी चोटों के कारण, वो उसकी प्रतिक्रिया समझ नहीं सका और उसने बार-बार कहा, “मुर्शिदाबाद?” जिस पर उसने सिर हिलाया. ध्यान दें कि मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल का एक शहर है.

संगबाद प्रतिदिन और हिंदुस्तान टाइम्स बांग्ला की न्यूज़ रिपोर्ट्स में पीड़िता की पहचान लतीफ़ा खातून और आरोपी की पहचान मनिरतट निवासी गियासुद्दीन गाजी के रूप में की गई है, जो बकुटाला पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है. गियासुद्दीन गाजी ने कथित तौर पर कबूल किया कि उसने लतीफ़ा खातून को मारने के लिए इलाके में अपने घर पर बुलाया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने बकुलतला पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि वे 28 जनवरी को कथित अपराधी – उसके पति – को ट्रैक करने और हिरासत में लेने में कामयाब रहे. पुलिस ने ये भी स्पष्ट किया कि घरेलू झगड़े के कारण महिला की हत्या हुई और इस मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था. महिला मुर्शिदाबाद की रहने वाली थी जबकि उसका पति जयनगर इलाके का रहने वाला था. दोनों मुस्लिम समुदाय से थे.

कुल मिलाकर, वीडियो बांग्लादेश का नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का है और इस मामले को ग़लत तरीके से सांप्रदायिक ऐंगल दिया गया है.

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