सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें रेलवे स्टेशन पर एक भव्य रूप से सजी हुई ट्रेन देखी जा सकती है. इंजन के सामने एक हरे रंग का गुंबद लगा हुआ दिख रहा है जिसके किनारे पर दो मीनारें और नीचे सुनहरे हंस हैं. बगल में एक बैनर लगा हुआ है जिस पर उर्दू में ‘उर्स मुबारक’ लिखा है.

वीडियो इस दावे के साथ वायरल है कि एक ट्रेन को ‘जिहादियों’ ने ‘मुस्लिम एक्सप्रेस’ में बदल दिया है, और ये ट्रेन पश्चिम बंगाल से हैदराबाद तक चलती है.

ट्विटर यूज़र @cbpandey29 ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादीयों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया. गार्ड कह रहा है ऐसे गाड़ी नही जायेगी किन्तु जिहादी अड़े हैं कि गाड़ी ऐसे ही भेजो. यह कौन-सी मानसिकता है? इस न्यूज़ को कोई भी न्यूज़ चैनल नहीं दिखा रहा है ..” (आर्काइव)

प्रॉपगैंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए सवाल उठाया कि रेल मंत्रालय इसे कैसे बर्दाश्त कर सकता है. (आर्काइव)

नियमित तौर पर ग़लत सूचना शेयर करने वाले राईट विंग इंफ्लुएंसर श्री सिन्हा (@MrSinha_) ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए वीडियो ट्वीट किया.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसी तरह के दावे किए हैं.

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ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर वीडियो को वेरिफ़ाई करने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले हमने वीडियो से की-फ़्रेम्स लेकर उनका रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें यूट्यूब चैनल @gohash22 द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला. वीडियो में 9 सेकंड पर 13418 WDG 3A ट्रेन इंजन दिख रही है, वायरल वीडियो में भी यही नंबर है. ये वीडियो 2 अगस्त, 2023 को अपलोड किया गया था.

इस वीडियो में कर्नाटक में वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ में आयोजित 46वें उर्स-ए-क़ादिर के बारे में बताया गया है. उर्स सूफ़ी संतों की पुण्य तिथि के अवसर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है. इस अवसर का जश्न मनाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उनकी ‘दरगाह’ पर पहुंचते हैं. ट्रेन के इंजन के सामने लगे एक बोर्ड पर “46वां उर्स-ए-क़ादिर” लिखा हुआ है. (उपरोक्त स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है)

हमने उर्स स्पेशल ट्रेन के बारे में ज़्यादा जानकारी की तलाश की और पता चला कि साउथ सेंट्रल रेलवे की ऑफ़िशियल वेबसाइट ने 27 जुलाई को एक प्रेस रिलीज जारी की थी. इसमें कहा गया था: “उर्स – ई – शरीफ़ की 46वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए 1 अगस्त, 2023 को वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ में महान संत हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा क़ादरी चिश्ती यमनी की शरीफ़, 1 अगस्त और 3 अगस्त, 2023 को हैदराबाद और वाडी के बीच चार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी.”

इसके अलावा, ये पहली बार नहीं है कि उर्स के लिए ऐसी ट्रेन आवंटित की गई है. पिछले कुछ सालों में साउथ सेंट्रल रेलवे के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से इसी तरह की घोषणाएं की गई हैं. (आर्काइव 1, 2, 3, 4, 5)

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गौर करने वाली बात ये भी है कि भारतीय रेलवे कई सालों से ऐसी तीर्थयात्रा के लिए ट्रेनें चला रहा है. एक की-वर्डस सर्च से हमें जुलाई 2014 की मिंट की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया था, “घरेलू धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पेश रेलवे बजट में पूरे भारत में प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेनें शुरू करने का प्रस्ताव है. रेलगाड़ियां हिंदु, जैन, ईसाइ, मुस्लिम-सह-सूफ़ी, सिख, बौद्ध और प्रसिद्ध मंदिरों के तीर्थ स्थलों को कवर करेंगी.”

IRCTC की ऑफ़िशियल वेबसाइट पर तीर्थयात्रा विशेष ट्रेन टूर पैकेज की डिटेल्स देखी जा सकती है. यहां बताए गए कुछ विशेष ट्रेनों में श्री रामायण यात्रा, गंगा सागर यात्रा, कुंभ स्पेशल, भारत दर्शन स्पेशल शामिल हैं. रेल मंत्रालय, शीर्ष अधिकारी या IRCTC समय-समय पर इन विशेष ट्रेनों के बारे में ट्वीट करते रहते हैं. इसके उदाहरण यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

कुल मिलाकर, वायरल वीडियो में सूफी संत मोहम्मद बादशाह कादरी के 46वें उर्स समारोह के अवसर पर 1 और 3 अगस्त को हैदराबाद और वाडी के बीच चलने वाली विशेष ट्रेनों में से एक को दिखाया गया है. ये दावा बिल्कुल झूठा है कि “मुसलमानों ने भारतीय रेलवे पर कब्ज़ा कर लिया है और ट्रेन को ‘मुस्लिम एक्सप्रेस’ में बदल दिया है. भारतीय रेलवे द्वारा भक्तों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए साल भर कई धार्मिक अवसरों पर विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाती हैं.

श्रेयतामा दत्ता ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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