सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में कुछ घर आग में झुलसते हुए दिख रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश के किशोरगंज ज़िले का है. साथ ही कहा जा रहा है कि ढाका से 86 किलोमीटर दूर भैरब उपज़िला के चांदिब गांव में हिंदू घरों और दुकानों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी से 41 किलोमीटर दूर बांग्लादेश के नरसिंगडी में भी हिंदू दुकानों में आग लगा दी गई.

ट्विटर अकाउंट ‘वॉयस ऑफ़ बांग्लादेशी हिन्दुज़’ ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव्ड लिंक)

@BangladeshVedic, @BIHCommunity, और @avroneel85 सहित कई यूज़र्स ने इसी दावे के साथ इस वीडियो ट्वीट किया.

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ये वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर कई बार शेयर किया गया है.

 

Posted by সনাতন একতা মঞ্চ on Tuesday, 23 August 2022

वेबसाइट्स सनातन प्रभात, अन्वेषन.न्यूज़, हिंदू पोस्ट और सोजसप्त न्यूज़ ने भी यही दावा करते हुए रिपोर्ट्स पब्लिश कीं. सनातन प्रभात और हिंदू पोस्ट ने आर्टिकल्स में ‘द वॉयस ऑफ़ बांग्लादेशी हिन्दुज़’ के ट्वीट का हवाला दिया है.

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फ़ैक्ट-चेक

जैसा कि पाठक देख सकते हैं, वायरल दावे में दो अलग-अलग घटनाओं का ज़िक्र किया गया है जो एक ही दिन में दो अलग-अलग जगहों पर हुई थीं. और ये जगह एक दूसरे से लगभग 40 किलोमीटर दूरी पर है.

नरसिंगडी हादसा

वीडियो के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को द नरसिंगडी टाइम्स की 22 अगस्त की रिपोर्ट मिली जिसमें उसी वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब शेयर किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्वीर किशोरगंज की नहीं बल्कि नरसिंगडी के घोड़ाशाल नगर क्षेत्र के ढलाडिया बाज़ार में लगी आग की घटना की है. रिपोर्ट के मुताबिक़, चार दुकानें जलकर खाक हो गईं और माना जा रहा है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी थी. इस घटना पर AmaderShomoy.com, प्रोटिडाइनर संगबाद और द ढाका क्राइम न्यूज़ की रिपोर्ट में वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब मौजूद हैं. इनमें से दो रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी.

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नरसिंगडी के स्थानीय लोगों ने इस घटना का वीडियो फ़ेसबुक पर भी अपलोड किया था. नीचे स्क्रीनशॉट में वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है जिसका अनुवाद है, “नरसिंगडी घोरशाल में लगी आग में चार दुकानें जलकर राख हो गईं. पीड़ितों का दावा है कि इस आग में उन्हें करीब 8 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. ये घटना सोमवार रात करीब साढ़े तीन बजे नगर निगम क्षेत्र के ढलादिया बाज़ार की है.”

बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की नरसिंगडी ज़िला इकाई के महासचिव सुब्रत कुमार दास ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “सूचना मिलने के बाद हमने अपने प्रतिनिधिमंडल को पलाश उपज़िला में ये देखने के लिए भेजा कि उस रात असल में क्या हुआ था? हमारे प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र के फ़ायरमैन से बात की और मालूम चला कि बिजली के शॉर्ट-सर्किट से आग लगी थी.”

उन्होंने आगे कहा कि घटना के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया था और कुछ लोग इसे सांप्रदायिक ऐंगल देने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने बताया, “हमने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से भी बात की. हमारे प्रतिनिधिमंडल ने घटना की वजह का पता करने के लिए हमारे समुदाय के नेताओं के साथ एक बैठक की. ज़िला पुलिस अधीक्षक, काजी अशरफुल अजीम ने भी घटना के कारण का पता करने के लिए प्रभावित जगह का दौरा किया और आगे की जांच जारी है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने पलाश उपज़िला पूजा उत्जापन परिषद के अध्यक्ष कार्तिक गुहा से भी संपर्क किया. आग लगने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा, “घटना रेलवे ट्रैक के पास हुई जहां लोग आमतौर पर टिन के घरों में अस्थायी रूप से रहते हैं. कुछ लोगों ने हाल ही में एक घर और तीन दुकानें खड़ी की थीं. इन लोगों के पास ज़मीन के कागजात नहीं हैं, उन्हें सरकार बिजली मीटर नहीं देती है. इसलिए वे पड़ोसी के एक घर से अवैध रूप से बिजली काट रहे थे. इसमें दो दुकानें पूरी तरह जलकर खाक हो गईं.”

उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि फ़ायर सर्विस को भी ये शक है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी है. इस घटना के किसी सांप्रदायिक पहलू के बारे में पूछे जाने पर परिषद के महासचिव असित दास ने कहा, “हमारे पास ऐसी कोई खबर नहीं है. स्थानीय पुलिस अधिकारी ने हमें आश्वासन दिया है कि वे अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही वो किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.”

सदर सर्कल, नरसिंगडी के एडिशनल पुलिस सुपर, फ़ारिया अफ़रोज ने ऑल्ट न्यूज़ से बात की और बताया कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी थी और इस घटना का कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था. फ़ारिया अफ़रोज ने बताया, ‘पलाश हिंदू बहुल इलाका है. हालांकि ये सच है कि आग में हिंदू प्रभावित हुए थे. लेकिन पीड़ित खुद ही नहीं मानते हैं कि घटना का कोई सांप्रदायिक पहलू है. ये इलाका शांत है. मुझे नहीं पता कि कुछ लोग इस तरह की झूठी ख़बरें क्यों फ़ैला रहे हैं. यहां के कई पड़ोसी गांवों में भी इसी घटना की तरह बिजली के शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की घटना हुई है.”

किशोरगंज की घटना

बांग्ला में की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को जुगांटोर की एक रिपोर्ट मिली. इसका टाइटल था, “ভৈরবে সংঘর্ষে আহত ১০, বাড়ি ভাঙচুর আগুন” (अनुवाद: भैरब की घटना में 10 घायल, आग लगने से घर जलकर खाक). रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 अगस्त की रात करीब 9 बजे भैरव के चांडीब और पलटकांडा इलाके में दो पक्षों के बीच हुई झड़प में कम से कम 20 लोग घायल हो गए. झड़प के दौरान बदमाशों ने तोड़फोड़ की और 10 दुकानों और घरों में आग लगा दी. रात 11 बजे तक दोनों पक्षों के बीच झड़प जारी रही जब तक पुलिस ने मामला शांत नहीं कराया. रिपोर्ट के मुताबिक, झड़प में घायल हुए लोगों के नाम साजीब, सनी, अलामिन, रसेल, मसूद, हृदोय, इमरान जावेद खान, ज्वेल और उज्जल थे. जैसा कि पाठक ने नोटिस किया होगा, पीड़ितों में हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं.

फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें एक प्रोथॉम एलो की न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली. इसे एक स्टाफ़ रिपोर्टर ने अपलोड किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, पलटकांडा के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पलटकांडा की एक लड़की को चांडीब क्षेत्र का एक युवक लगातार प्रताड़ित कर रहा था. लड़की के परिवार के सदस्यों द्वारा उसे फटकार लगाने के बाद, युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर लड़की के परिवार को पीटा. इसके बाद पलटकांडा निवासी जसीम उद्दीन ने 7 लोगों के खिलाफ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 22 अगस्त की रात करीब 9 बजे गांव के दो निवासियों में कहासुनी हो गई. इसी दौरान पलटकांडा क्षेत्र के कुछ लोगों ने चांदिब इलाके के दक्षिणी मोहल्ले में घुसकर तीन दुकानों और तीन घरों में आग लगा दी. फ़ायरमैन को आग पर काबू पाने में दो घंटे लग गए. बाद में, पुलिस ने अवामी लीग के नेताओं के साथ क्षेत्र का दौरा किया और माहौल को शांत किया. रिपोर्ट में दो किराना दुकान मालिक इलियास काज़ी और उज्जवल मोल्ला के नाम हैं जिनकी दुकानें जलकर खाक हो गईं. ये दोनों कथित तौर पर आग से अपना एक भी सामान नहीं बचा सके. नुकसान झेलने वाले अन्य दुकान मालिकों और निवासियों में सुबल बर्मन, संजीत दास और पलाश डे शामिल हैं. रिपोर्ट में घायलों में राहुल मिया, हृदयोय मिया और आल आमीन का भी नाम है.

RTVऑनलाइन, डेली बांग्लादेश और बार्टा बाज़ार ने भी इस घटना को कवर किया.

ऑल्ट न्यूज़ ने किशोरगंज पूजा उद्यापन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण दत्ता प्रदीप से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “ये एक ही नगर पालिका के दो वार्डस में किसी लड़के और लड़की के बीच संबंध को लेकर लोगों के बीच हुई झड़प की घटना थी. कुछ लोगों ने जानबूझकर चांदीब में हिंदू और मुस्लिमों की दुकानों और घरों में आग लगा दी. आस-पास के कुल सात घरों में आग लगा दी गई जिनमें से पांच पूरी तरह से खाक हो गई. अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया और बैठक की. पीड़ितों को हर्जाने के रूप में 25 हज़ार रूपये दिए गए. अधिकारियों ने ये भी बताया कि ये मुद्दा सांप्रदायिक नहीं था और आग से हिंदू और मुसलमान दोनों पीड़ित थे.”

ऑल्ट न्यूज़ ने भैरब सर्कल के एडिशनल पुलिस अधीक्षक, मोहम्मद रिज़वान दीपू से भी बात की जिन्होंने बताया कि किशोरगंज की घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था. उन्होंने कहा, “ये झड़प दो गांवों के बीच हुई थी और तीन दुकानों में से दो दुकानें मुस्लिम की थीं.”

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर आग की दुर्घटना का एक वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि बांग्लादेश के भैरब, किशोरगंज और नरसिंगडी के चांदीब इलाके में हिंदू घरों और दुकानों को टारगेट बनाते हुए आग लगा दी गई. दरअसल, ये वीडियो नरसिंगडी के पलाश उपज़िला के घोड़ाशाल नगर क्षेत्र में बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी आग का है. चंडीब क्षेत्र में आग भैरब उपज़िला में दो गांवों के निवासियों के बीच हुई झड़प की वजह से लगी थी जो दो गांवों में से किसी एक गांव के युवक ने लगाई थी. इस आग में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों की संपति का नुकसान हुआ था.

[बांग्लादेशी पत्रकार मुक्तादिर राशिद के इनपुट्स से]

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