1 अप्रैल को, फेसबुक ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से हजारों पेज, ग्रुप और अकाउंट हटा दिए, और इस कार्रवाई को “भारत और पाकिस्तान से समन्वित अप्रामाणिक गतिविधियों और स्पैम को हटाने” के रूप में वर्णित किया। यह निर्दिष्ट करते हुए कि इस पहल का, इन अकाउंट्स द्वारा पोस्ट की गई सामग्री से, कोई लेना-देना नहीं था, फेसबुक ने आगे कहा कि “इस गतिविधि के पीछे के लोग एक-दूसरे के साथ समन्वय करते थे और खुद को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए नकली खातों का इस्तेमाल करते थे, और यही हमारी कार्रवाई का आधार था।”

हालांकि, इस टेक्नोलॉजी दिग्गज ने हटाए गए सभी पेजों की सूची प्रदान नहीं की, उसने हटाए जाने की चार अलग-अलग श्रेणियों पर प्रकाश डाला –

1. पाकिस्तान के 103 पेज, ग्रुप और अकाउंट।

2. भारत के कांग्रेस आईटी सेल से जुड़े व्यक्तियों से संबद्ध 687 पेज और अकाउंट।

3. भारत के और भारतीय आईटी फर्म, सिल्वर टच से जुड़े लोगों से संबद्ध, 15 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट।

4. भारत के 321 फेसबुक पेज और अकाउंट जिन्होंने स्पैम के विरुद्ध फेसबुक के नियमों को तोड़ा।

फेसबुक की विज्ञप्ति में कांग्रेस का नाम आया लेकिन ऐसा कुछ भाजपा के बारे में नहीं कहा गया।

‘द इंडिया आई’

‘समन्वित अप्रामाणिक गतिविधियों’ में भाजपा की भागीदारी को आईटी फर्म, सिल्वर टच — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नमो एप्प’ के लिए काम करने वाली कंपनी — से जुड़े अकाउंट्स के पीछे ढक दिया गया। फेसबुक ने कहा कि उसने इस कंपनी से जुड़े एक पेज, 13 अकाउंट और एक ग्रुप को हटाया। सवालिया पेज था ‘द इंडिया आई’ — एक भाजपा-समर्थक प्रचार संगठन जो सिल्वर टच के सर्वर पर इससे संबंधित वेबसाइट की मेज़बानी करता था। ‘द इंडिया आई’, ‘नमो एप्प’ पर प्रचारित उन 15 अकाउंट में से भी एक है, जहाँ यूजर्स इसके पोस्ट को अनफॉलो करने का निर्णय नहीं कर सकते हैं।

फेसबुक के प्रेस नोट के अनुसार, ‘द इंडिया आई‘ ने फेसबुक विज्ञापनों पर — कांग्रेस के सभी पेजों पर किए गए 27 लाख रुपये के खर्च के विपरीत — अकेले 48 लाख रुपये खर्च किए। इसके अलावा, ‘द इंडिया आई‘ की फॉलोअर्स संख्या कांग्रेस के सभी पेजों की संयुक्त संख्या से 10 गुना अधिक थी।

सिल्वर टच, ‘द इंडिया आई’ और भाजपा के बीच स्पष्ट संबंध को ऑल्ट न्यूज़ द्वारा पहले एक रिपोर्ट में उजागर किया गया था।

ऑल्ट न्यूज़ विश्लेषण: पेज, जो फेसबुक की प्रेस रिलीज में नहीं थे

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि भाजपा समर्थक पेजों को हटाया जाना ‘द इंडिया आई‘ तक सीमित नहीं था। हमने सैकड़ों अन्य पेजों की खोज की जो सत्ता पक्ष के समर्थन में सामग्री प्रकाशित करते थे और हाल ही में फेसबुक द्वारा हटाए गए।

ऐसा ही अवलोकन कांग्रेस-समर्थक पेजों के संबंध में किया गया। हालांकि उनकी संख्या कम थी, फिर भी, हाल ही में फेसबुक द्वारा हटाए गए कई कांग्रेस-समर्थक अकाउंट का उनके बयान में कोई उल्लेख नहीं था।

कार्यप्रणाली

ऑल्ट न्यूज ने उन पेजों को सूचीबद्ध किया है जो अब फेसबुक पर सक्रिय नहीं हैं और ऐसा लगता है कि हाल ही में हटा दिए गए हैं। हमने इनमें से प्रत्येक पेज के गूगल कैश की खोज करके इसे सत्यापित किया और केवल उन्हीं को शामिल किया, जिनका कैश अभी भी सर्च इंजन पर उपलब्ध है। यदि किसी पेज को कुछ समय के लिए हटाया गया है, तो कैश उपलब्ध ना होने की अधिक संभावना है।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी कुछ ऐसे पेज के बारे में पोस्ट किए हैं जो अब फेसबुक पर दिखाई नहीं देते हैं। हमारी सूची में इन्हें यह सिद्ध होने के बाद शामिल किया गया है।

सूची

हमने सैकड़ों पेजों और ग्रुपों की खोज की जिन्हें हाल ही में सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म द्वारा हटाया गया। बड़ी संख्या के कारण, नीचे दी गई तालिका में केवल उन्हें शामिल किया गया है जिनके 4 लाख से अधिक लाइक थे।

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‘भारत माता की जय’ के ज़ाहिर तौर पर सबसे ज्यादा लाइक थे – 60 लाख। इसके विपरीत, फेसबुक की रिलीज़ के अनुसार, हटाए गए सभी कांग्रेस पेजों की संयुक्त लाइक (लगभग) 2.06 लाख थी।

इसके कुछ पोस्ट के गूगल कैश परिणामों तक पहुँचने से पता चलता है कि यह पेज अक्सर भाजपा समर्थक और मोदी समर्थक पोस्ट शेयर करता था।

कई अन्य पेजों का राजनीतिक झुकाव उनके नामों से ही स्पष्ट है।

‘बार बार मोदी सरकार – Modi Forever’ (34 लाख लाइक)

‘एक नाम नरेन्द्र मोदी.’ (24 लाख लाइक)

‘कहो दिल से, नरेन्द्र मोदी फिर से’ (27 लाख लाइक)

‘I Support Modi’ (16 लाख लाइक)

‘Sonia Gandhi Iron Lady’ (9 लाख लाइक)

‘Narendra Modi Whatsapp Group’ (14 लाख लाइक)

‘भारत की शान नरेंद्र मोदी.’ (11 लाख लाइक)

‘Priyanka Gandhi – Next PM of India’ (53.9 लाख लाइक)

‘Narendra Modi – True Indian’ (92.4 लाख लाइक)

‘I Support Doval’ (17 लाख लाइक)

हमने यह भी पाया कि पत्रकार रवीश कुमार को समर्पित कई पेज अब फेसबुक पर मौजूद नहीं हैं। 4 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले इन तीन पेजों की संयुक्त लाइक 20 लाख से अधिक थी। पूर्व में, हमने पहचान की है कि रवीश कुमार के नाम पर बनाए गए पेज लगातार भाजपा को निशाना बनाने वाले पोस्ट प्रकाशित करते हैं या गलत सूचना प्रसारित करते हैं।

फेसबुक ने सत्यापित पेज हटाए

दक्षिणपंथी संगठन माई नेशन और भाजपा विधायक राजा सिंह का आधिकारिक फेसबुक पेज भी हटा दिये गए। दोनों पेज सत्यापित हैंडल थे।

माई नेशन के संपादक अभिजीत मजुमदार ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि फेसबुक ने इस संगठन को हटाने की पूर्व चेतावनी नहीं दी थी।

भाजपा विधायक राजा सिंह ने भी यह आरोप लगाया।

फेसबुक की कारवाई पर सवाल

फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म से सैकड़ों पेजों को हटाया जो अप्रामाणिक गतिविधियों में लगे थे। हालांकि इस तरह का कदम स्वागत योग्य है, लेकिन, इस सफाई को लेकर कुछ सवाल भी उठते हैं।

यह कार्रवाई चुनावों के इतने करीब होने पर क्यों की गई? नियम तोड़ने वाले पेज और अकाउंट्स नियमित आधार पर क्यों नहीं हटाए जाते?

पेज संचालकों (admins) के कई बयान हैं जो दावा करते हैं कि उन्हें हटाए जाने से पहले न तो चेतावनी दी गई और न ही कोई स्पष्ट विवरण दिया गया कि उनके पेज क्यों हटाए गए/अप्रकाशित रहे। जब कई संगठन फेसबुक पर निर्भर करते हैं, तो इसके कार्यों को लेकर पारदर्शिता की कमी चिंताजनक है।

समन्वित अप्रामाणिक गतिविधियों के अलावा, फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफ़ॉर्मों, जिसमें व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम शामिल हैं, इनपर बड़े पैमाने पर चलने वाली गलत सूचना से चुनाव भी प्रभावित होते हैं। कई महीनों से भारत में तथ्य-जांच वेबसाइटों से फेसबुक की साझेदारी है। गलत सूचना के क्षेत्र में लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले पेज/अकाउंट क्यों नहीं हटाए गए? फेसबुक रिलीज में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इन पेजों का हटाया जाना, सामग्री-आधारित नहीं था।

फेसबुक को एक ऐसी कार्रवाई को लेकर, जो भारत में चुनावों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है, अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, यह चिंताजनक है कि एक प्लेटफार्म जो गलत सूचनाओं को रोकने के अपने प्रयास में ईमानदारी का दावा करता है, उसने विघटनकारी सूचनाओं के नियमित पहचान नहीं की है और उन्हें, हटाए जाने की हालिया कार्रवाई में शामिल किया।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.