सोशल मीडिया यूजर ऋषि बागरी ने ट्वीट किया, “बरखा दत्त ने एनडीटीवी स्टूडियो में चर्चा आयोजित की थी, जिसमें इमाम बुखारी ने ओवैसी और फारूक शेख के सामने शबाना आजमी (@AzmiShabana) को वेश्या कहा। किसी ने कुछ नहीं कहा। असल में शबाना ने कहा, “मैं बहुत खुश हूँ”। (अनुवाद) ऋषि बागरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कई शीर्ष भाजपा नेता ट्विटर पर फॉलो करते हैं।

वीडियो क्लिप में, शबाना आज़मी के संदर्भ में, इमाम बुखारी को यह कहते सुना जा सकता है कि वह ‘नाचने और गाने वालों’ और ‘तवायफों’ का जवाब नहीं देना चाहते हैं। बागरी ने 11 सितंबर को वीडियो के साथ यह संदेश पोस्ट किया, और अब तक इसे 5700 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है। बागरी ने यह वीडियो अपने इसी दावे के साथ कि ‘बुखारी के शब्दों पर कोई विरोध नहीं हुआ’, पहले भी कई बार ट्वीट किया है।

उपर्युक्त ट्वीट 24 नवंबर, 2015 का है। बागरी ने इस ट्वीट से कुछ दिन पहले 7 नवंबर को भी यह ट्वीट किया था।

गलत चित्रण

एनडीटीवी पर प्रसारित यह बहस वर्ष 2001 की है। ऋषि बागरी का दावा कि ‘किसी ने कुछ नहीं कहा’ और इमाम के शब्दों का विरोध नहीं किया गया, यह सच नहीं है। शबाना आज़मी ने 15 सितंबर, 2018 को ट्वीट किया है कि संसद के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से इमाम बुखारी की टिप्पणी के लिए प्रस्ताव पारित किया था। इसके अलावा, शो की मेजबानी करने वाली बरखा दत्त ने भी आज़मी के जवाब में ट्वीट किया कि बुखारी के उनकी बात वापस लेने या माफी माँगने से इनकार करने के बाद बरखा दत्त ने उन्हें शो छोड़ने के लिए कहा था।

2015 में भी बरखा दत्त ने दावे को गलत ठहराया था

इसके अलावा, शबाना आज़मी ने जब नवंबर 2015 में बागरी के ट्वीट का जवाब दिया था, तब बुखारी के खिलाफ बात कही थी। बरखा दत्त ने उसी ट्वीट का जवाब देकर बागरी को गलत ठहराया था कि बुखारी को उसी समय बताया गया था कि वह तब तक शो जारी नहीं रख सकते जब तक कि वह माफी नहीं माँग लेते।

एनडीटीवी वेबसाइट पर प्रकाशित बहस के पूर्ण वीडियो का लिंक यहां दिया गया है। इसमें 07:36 से 8:25 तक देखा और सुना जा सकता है कि इमाम बुखारी की टिप्पणी के बाद, बरखा दत्त हस्तक्षेप करती हैं और उनसे माफ़ी मांगने को कहती हैं।

ऋषि बागरी कई अवसरों पर बार-बार गलत सूचनाएं और दुष्प्रचार फैलाने में माहिर हैं। 17 वर्ष पुरानी घटना, जिसे उस समय निपटाया जा चुका था, को फिर से उभारना केवल उन लोगों को लक्षित करने के लिए है जो राजनीतिक और वैचारिक विचारों से असहमति रखते हैं। 2015 में ही गलत ठहराए जाने के बावजूद फिर से वीडियो और झूठे दावे को शेयर करना बागरी की नीयत और प्रवृत्ति के बारे में बताता है।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.