एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठकर भारत का राष्ट्रीय झंडा जला रहा है. वायरल तस्वीर में अंग्रेज़ी में लिखा है कि नए भारत में RSS के सदस्य द्वारा भारतीय ध्वज जलाना आम बात है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति RSS से जुड़ा है.

पंकज शर्मा नाम के यूज़र ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि ये सब देखकर सरकार का खून नहीं खौलता. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ट्विटर यूज़र कुमार अम्बेडकरवादी ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

इमरान कमाल नाम के यूज़र ने भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की है. (आर्काइव लिंक)

ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्विटर पर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ट्विटर यूज़र गिरीश भारद्वाज का 4 अप्रैल 2018 का ट्वीट मिला जिसमें ये तस्वीर शेयर की गई थी. ट्वीट में लिखा है कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति तमिलनाडु के एक स्कूल में आर्ट्स का टीचर है जिसका नाम एम प्रभु है. टीचर ने भारतीय ध्वज को जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. (आर्काइव लिंक)

यहां से मिली जानकारी के आधार पर हमने आगे सर्च किया. 2018 को ‘द न्यू इंडियन एक्स्प्रेस’ की एजुकेशन वेबसाइट Edexlive के आर्टिकल में ये तस्वीर पब्लिश की गई है. आर्टिकल के मुताबिक, वीडियो में दिख रहा व्यक्ति 34 वर्षीय एम प्रभु है जो पेशे से एक स्कूल में पेंटिंग सिखाता है. साथ में ये शख्स तमिल राष्ट्रवादी संगठन “तमिल देसिया पेरियाक्कम” से भी जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) के गठन ना होने से नाराज़ एम प्रभू ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए भारत का झंडा जलाया था. इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया था.

 

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार द्वारा कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) के गठन होने की डेडलाइन खत्म होने पर तमिलनाडू में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था.

हमें इस तस्वीर से जुड़ा 2018 का एक पूरा वीडियो भी मिला.

कुल मिलाकर, 4 साल पुरानी तस्वीर हाल की बताकर शेयर की जा रही है और साथ में ग़लत दावा किया जा रहा है कि तिरंगे को जलाने वाला व्यक्ति RSS से जुड़ा है.

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