एयर इंडिया एक्सप्रेस IX-1344 विमान 7 अगस्त को कोझिकोड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रैश हो गया. इस दुर्घटना में 18 लोगों की मृत्यु हो गयी और 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे. मलयालम चैनल मनोरमा न्यूज़ ने 10 अगस्त के बुलेटिन के दौरान एक वीडियो चलाया जिसमें दावा किया गया कि यह विमान IX-1344 का कॉकपिट है.

[ऑल्ट न्यूज़ के फै़क्ट चेक के बाद मनोरमा न्यूज़ ने प्रसारण पर अपनी सफ़ाई दी है जो इस आर्टिकल के आखिरी में लिखा है.]

नीचे दिए गए वीडियो में इस दावे को और उसके साथ कॉकपिट के कथित विज़ुअल को 15 मिनट 13 सेकंड से देखा जा सकता है.

एक ट्विटर यूज़र ने दावा किया कि यह वीडियो व्हाट्सऐप पर तेज़ी से वायरल हो रहा है.

ऑल्ट न्यूज़ को इस विडियो के वेरिफ़िकेशन के लिए इसके व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) और ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर कई रिक्वेस्ट भेजी गईं.

 

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फे़सबुक पेज अलिफ़ न्यूज़ – इंडिया ने वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया – ‘केरला विमान दुर्घटना की सच्चाई’. इस वीडियो को 19,000 से ज्यादा व्यूज़ मिले.

फ़ैक्ट-चेक

यह वीडियो असली कॉकपिट का वीडियो नहीं है बल्कि ग्राफ़िक्स के ज़रिये इसे हूबहू वैसा बनाने की कोशिश की है. जब हमने कीवर्ड ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस फ़्लाइट क्रैश’ गूगल किया तो इसका ओरिजिनल वीडियो मिला. इसे यूट्यूब चैनल ‘MPC Flight Recreations’ ने 7 अगस्त को अपलोड किया था. इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “यह 7 अगस्त 2020 को दुबई से कालीकट जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस फ़्लाइट1344 के बोईंग 737 के VT-AXH विमान का सिमुलेशन है.”

1:43 मिनट पर वह विजु़अल आता है जिसे मनोरमा न्यूज़ ने बुलेटिन में दिखाया है.

वीडियो के ऊपर सीधी तरफ़ लिखा है, ‘academic license’ जिसका मतलब है कि वीडियो को किसी सॉफ़्टवेयर से बनाया गया है. अकेडमिक लाइसेंस शिक्षा से जुड़े उत्पादों पर दिए जाते हैं और आमतौर पर यह विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों को ही मिलता है.

यानी मलयालम मनोरमा न्यूज़ ने ग्राफ़िक्स की मदद से बनाया एक वीडियो दिखाकर दावा किया कि उन्हें 7 अगस्त को क्रैश हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस फ़्लाइट के कॉकपिट का ‘विजु़अल’ प्राप्त हुआ है. इससे पहले मातृभूमि ने भी गलत रिपोर्ट किया था कि विमान के 40 यात्रियों को कोविड पॉजिटिव पाया गया है. इसे मलप्पुरम कलेक्टर ने ‘फ़ेक न्यूज़’ बताया था.

मनोरमा न्यूज़ का स्पष्टीकरण: “हमें मॉडल के तौर पर कई विज़ुअल/सिम्युलेशन मिले थे जिन्हें बतौर रेफ़रेन्स रख लिया था. 10 अगस्त को हमें दुर्भाग्यशाली प्लेन के कॉकपिट की तस्वीर मिली. यह ख़बर उस तस्वीर पर आधारित थी. न्यूज़ में इस तस्वीर के बारे में साफ़ तौर पर थ्रस्ट लीवर, फ़्लैप, चालू इंजिन आदि चीज़ें बतायी गयी हैं. हम इस तस्वीर के आधार पर ही जानकारियां देना चाहते थे. लेकिन ग़लती से रेफ़रेन्स के लिए रखा गया एक विजु़अल स्टोरी में इस्तेमाल कर दिया गया. हालांकि हमारी स्टोरी के ऑन-एयर जाने के बाद इस गलती को हमारी टीम ने ही नोटिस किया और हमने इसे तुरंत हटा लिया. इसके साथ ही अगले बुलेटिन में हमने नयी स्टोरी प्रकाशित की. रेफ़रेन्स के लिए  नयी स्टोरी यहां दी गयी है.”

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.