ट्विटर हैन्डल ‘@sunita_yadav122’ ने 11 अगस्त को ट्वीट कर दावा किया कि हरियाणा के पलवल ज़िले में 2 ‘भगवाधारियों’ ने एक युवक को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर मज़बूर किया. बाद में युवक ने दोनों लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 9 हज़ार से ज़्यादा बार लाइक और 1,800 बार रीट्वीट किया गया है.
फ़ेसबुक यूज़र वीर प्रताप सिंह ने 11 अगस्त को ये दावा पोस्ट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2,900 बार शेयर किया गया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
ब्रेकिंग न्यूज़-
पलवल हरियाणा में “जय श्री राम” का नारा जबरदस्ती लगवाने पर युवक ने दो भगवाधारियों को गोली मार दी
दोनों की मौत.,.Posted by Veer Pratap Singh on Tuesday, 11 August 2020
ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये दावा काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें 2 ‘भगवाधारी’ युवकों की हत्या की खबर पब्लिश हुई हो. एक ट्विटर यूज़र ने पलवल पुलिस के ऑफ़िशियल ट्विटर हैन्डल को टैग करते हुए इस दावे की असलियत के बारे में पूछा. पलवल पुलिस ने रिप्लाइ करते हुए इसे ‘ग़लत न्यूज़’ बताया. पुलिस ने ट्वीट में लिखा, “पलवल में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. ये एक फ़र्ज़ी खबर है. सोशल मीडिया में इस झूठी खबर को चलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ़ FIR दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है.”
No such incident has taken place in Palwal. This is false news , FIR is being registered against persons who are spreading this on social media ,
— Palwal Police (@palwalpolice) August 12, 2020
आगे, इस मामले में हमने पलवल के एसपी दीपक गहलावत से बात की. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में दो ‘भगवाधारियों’ को गोली मारने का दावा पूरी तरह से ग़लत है. ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने ये भी बताया कि सोशल मीडिया में चल रही इन अफ़वाहों पर संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की गयी है और जल्द ही सोशल मीडिया पर झूठा दावा करने वाले को गिरफ़्तार किया जाएगा.
इसके अलावा सुनीता यादव नाम के जिस ट्विटर हैन्डल ने ये दावा शेयर किया है, वो हकीकत में गुजरात की LR रैंक्ड (लोक रक्षक) महिला पुलिसकर्मी सुनीता यादव के नाम से चलाया जा रहा एक फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट है. इस बात की जानकारी खुद सुनीता यादव ने 13 जुलाई को फ़ेसबुक पोस्ट में दी थी. आपको बता दें कि सुनीता यादव ने 8 जुलाई 2020 को गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री कुमार कनानी के बेटे को कर्फ़्यू तोड़ने पर फटकार लगाई थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में काफ़ी वायरल हो गया जिसके बाद सुनीता यादव ने काफ़ी तारीफ़ें भी बटोरीं. इस घटना के बाद सुनीता यादव के नाम से ट्विटर पर कई फ़र्ज़ी अकाउंट्स बनाए गए. ऑल्ट न्यूज़ ने जांच में पाया कि सुनीता यादव का ट्विटर पर कोई अकाउंट है ही नहीं है. हमारी इस रिपोर्ट को आप यहां पढ़ सकते हैं.
इस तरह, पलवल ज़िले में युवक से ज़बरदस्ती जय श्री राम का नारा लगवाने वाले दो ‘भगवाधारियों’ की हत्या का दावा पूरी तरह से एक मनगढ़ंत कहानी है. हमारी जांच में सामने आया कि पलवल में ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.