कुछ फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने एक न्यूज़ क्लिप इस दावे के साथ शेयर किया, “अमेरिका ने उस आदमी को ढूंढ लिया है जिसने कोरोना वायरस बनाया और बाद में उसे चीन को बेचा. डॉक्टर चार्ल्स लीबर अमेरिका के हावर्ड यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी और केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं. अमेरिकी विभाग के स्रोतों के अनुसार उन्हें आज गिरफ़्तार किया गया.”
एक ट्विटर यूज़र ने इस वीडियो को पोस्ट किया और इसे 3000 से ज्यादा व्यूज़ मिले.
نواں کٹا کھُل گیا جے
USA just discovered the man who manufactured and sold the Corona virus to China. Dr Charles Lieber, head of the chemistry and biology department at Havard University, USA. He was just arrested today according to American department sources.
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— Basit Alvi (@bpk69) April 5, 2020
इस वीडियो में अमेरिकी अटॉर्नी एंड्रू लेलिंग को कहते हुए सुना जा सकता है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर चार्ल्स लीबर को उनके दफ़्तर से गिरफ़्तार किया गया. लेलिंग कह रहे हैं कि डॉक्टर लीबर के खिलाफ की गयी शिकायत में उन पर आरोप है कि उन्होंने वुहान में चाइनीज़ यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया और उन्हें हर महीने $50,000 के अलावा रहने के लिए $158,000 मिले. रिपोर्ट में आगे यह भी था कि डॉक्टर लीबर ने तथाकथित तौर पर 1.5 मिलियन डॉलर से ऊपर पैसे लिए ताकि हार्वर्ड में रहते हुए और अमेरिकी रक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान से पैसा ग्रहण करते हुए वह चीन में शोध के लिए लैब शुरू कर सकें.
ऑल्ट न्यूज़ को इसके फ़ैक्ट चेक के लिए व्हाट्सऐप (+917600011160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई सारी रिक्वेस्ट भेजी गयी हैं.
फ़ैक्ट-चेक
इस वीडियो में नीचे कोने में अमेरिका के एबीसी न्यूज़ का लोगो नजर आ रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर जब कीवर्ड सर्च किया ’dr charles lieber abc news’ तो हमें एक वीडियो मिला जिसे ‘WCVB चैनल 5 बॉस्टन’ नाम के चैनल ने 29 जनवरी को अपलोड किया था. यह चैनल एबीसी न्यूज़ से जुड़ा हुआ है. इस वीडियो का टाइटल है, ‘हार्वर्ड डिपार्टमेंट के चेयरमैन गिरफ़्तार; चीन के साथ संबंध छिपाने का आरोप.’ (Harvard department chair arrested; charged with concealing ties to China)
उसके बाद ऑल्ट न्यूज़ ने WCVB चैनल 5 बॉस्टन की ऑफ़िशियल वेबसाइट पर कीवर्ड सर्च किया और ‘Dr. Charles Lieber’ से जुड़े 3 लेख मिले.
WCVB चैनल 5 बॉस्टन ने 9 अप्रैल को एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट में लीबर, चीन और कोविड-19 से जुड़े झूठे दावों और अफ़वाहों को डीबंक करते हुए उसकी सच्चाई बताई थी. लीबर को 28 जनवरी को ‘अमेरिकी सरकारी एजेंसी को गलत बयान देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.’ रिपोर्ट में लिखा था कि उन्हें चीन से अपने संबंधों के बारे में फ़ेडरल अथॉरिटीज़ से झूठ बोलने की वजह से गिरफ़्तार किया गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस ने लीबर पर चीन को वायरस बनाकर बेचने के बारे में कोई आरोप नहीं लगाया है. डॉक्टर लीबर के ख़िलाफ़ फ़ेडरल कोर्ट की पूरी शिकायत यहां पढ़ें.
रिपोर्ट में लीबर के वुहान से रिश्तों के बारे में भी सफ़ाई से लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि लीबर 2011 में मध्य-नवंबर में एक नैनो एनर्जी मटीरियल फ़ोरम में भाग लेने के लिए वुहान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी (WUT) गए थे.
डॉ. लीबर के वकील मार्क म्युकासी ने 29 जुलाई को WCVB चैनल 5 को बताया था कि उन्होंने कुछ नहीं छुपाया और न ही सरकारी आरोपों के अनुरूप किसी से कोई पैसे लिए हैं.
यानी, सोशल मीडिया का ये दावा बिल्कुल ग़लत है कि हार्वर्ड के प्रोफेसर डॉ. लीबर ने कोविड-19 वायरस बनाया और चीन को बेचा.
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