पंजाब पुलिस के X अकाउंट (@PunjabPoliceInd) पर कथित तौर पर शेयर की गई एक विवादास्पद पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की गई. दरअसल पोस्ट में पांच साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में हिरासत में हुई एक मौत की भयानक घटना का संदर्भ दिया गया था.

ये पोस्ट कथित तौर पर 18 जुलाई, 2025 को की गई थी. इसमें एक गोरी चमड़ी वाले पुलिसकर्मी की एनिमेटेड तस्वीर थी जिसके चेहरे पर भारतीय तिरंगा था और एक सांवले रंग के व्यक्ति को पाकिस्तानी झंडे के साथ दिखाया गया था. ज़मीन पर पड़े इस शख्स की गर्दन पर पुलिस अधिकारी का घुटना दिख रहा है. कैप्शन में लिखा है, “अगर आप इस झंडे के साथ पकड़े गए तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.” सोशल मीडिया यूज़र्स ने पोस्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर आलोचना करने लगे जिसके बाद पंजाब पुलिस ने इसे हटा दिया.

इसी तरह का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए, कई X यूज़र्स ने गुस्सा व्यक्त किया कि एक भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण इतनी विवादास्पद और क्रूर चीज़ का समर्थन कर रहा था. ये तस्वीर, पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से काफी हद तक मिलती जुलती है.

25 मई, 2020 को, 46 साल के अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड (निहत्थे और हथकड़ी लगाए हुए) को मिनियापोलिस के एक सुविधा स्टोर में सिगरेट खरीदने के लिए नकली 20 डॉलर के बिल का इस्तेमाल करने के बाद तीन अधिकारियों ने उसे जमीन पर गिरा दिया था. अधिकारियों में से एक, डेरेक चाउविन जो कि एक व्हाइट व्यक्ति है, ने फ़्लॉइड की गर्दन को 9 मिनट से ज़्यादा समय तक अपने घुटने से दबाया जिसके बाद उसकी मौत हो गई. फ्लॉयड की हत्या ने संयुक्त राज्य अमेरिका में काले लोगों के खिलाफ नस्लीय अन्याय और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ये विरोध प्रदर्शन ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में बदल गया. घटना के बाद, मिनियापोलिस के चार पूर्व पुलिस अधिकारियों को हत्या और दूसरे दर्जे की हत्या में सहायता करने सहित आरोपों का दोषी पाया गया.

18 जुलाई को X यूज़र जॉय (@Joydas) ने ये स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा: “ये पंजाब पुलिस इंडिया का एक असली ट्वीट है. उन्होंने एक तस्वीर चुनी जो अमेरिका में सबसे ख़राब नस्लवाद और पुलिस की क्रूरता को दिखाती है…” (आर्काइव)

इस बीच, कुछ यूज़र्स (जिनके X पोस्ट में राईटविंग के साथ साफ तौर पर जुड़ाव दिखता है) ने इसे हल्के में लिया और पंजाब पुलिस की तारीफ़ की.

X यूज़र @BeingPolitical1 ने इसी तरह का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें कैप्शन दिया गया कि पंजाब पुलिस ने लोगों और वामपंथियों को “जागृत” करने के लिए कुछ दिया है. (आर्काइव)

इस यूज़र द्वारा पहले भी कई बार ग़लत सूचना शेयर की गई है और ऑल्ट न्यूज़ ने उसकी पड़ताल की है.

हमें X अकाउंट जियाना फ्लॉयड (@GFloydd12) की एक पोस्ट भी मिली जो जॉर्ज फ्लॉयड की बेटी के नाम से है. इस अकाउंट ने वायरल स्क्रीनशॉट को इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया था, “भारतीय पुलिस के ऑफ़िलशियल हैंडल से इस घटिया पोस्ट को देखकर हैरान हूं. ये मेरे दिवंगत पिता, उनके परिवार और उनके साथ एकजुटता में खड़े लाखों अमेरिकियों का बेहद अपमान है. फ्लॉयड परिवार के पास शब्द नहीं हैं.”

हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ को इस बात का समर्थन करने के लिए बहुत कम सबूत मिले कि ये अकाउंट असल में जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार से संबंधित है. अकाउंट, दिसंबर 2024 में बनाया गया था और इसमें केवल तीन पोस्ट हैं – सभी 18 जुलाई को किए गए हैं. उपरोक्त X पोस्ट के अलावा, दूसरा अब 17 साल के कीडॉन ब्रायंट द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि थी और सबसे हालिया पोस्ट में “उसके पिता” के समर्थन के लिए पाकिस्तानी हैंडल को धन्यवाद दिया गया था. हमने ये भी देखा कि यूज़र ‘@GFloydd12’ किसी को भी फ़ॉलो नहीं करता है, लेकिन 183 लोग उसे फ़ॉलो करते हैं, इनमें से कई फ़ॉलोवर्स पाकिस्तान-आधारित एकाउंट्स लगते हैं.

कई X यूज़र्स ने भी विवादास्पद पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए दावा किया कि पंजाब पुलिस ने बाद में इसे हटा दिया.

This slideshow requires JavaScript.

तो क्या पंजाब पुलिस ने ऐसा कोई पोस्ट किया था?

‘पोस्ट हटा दिया गया’

क्या X हैन्डल ‘@PunjabPoliceInd’ ने असल में ये पोस्ट किया था? इसकी जांच करने के लिए हमने पहले 16 से 18 जुलाई के बीच अकाउंट द्वारा किए गए सभी पोस्ट की जांच की. वायरल स्क्रीनशॉट के मुताबिक, पोस्ट 18 जुलाई, 2025 को 1 बजकर 36 मिनट पर किया गया था. इस रिपोर्ट को लिखते वक्त, उस समय सीमा के भीतर पेज द्वारा 12 पोस्ट शेयर किए गए थे, लेकिन उनमें से किसी में भी वायरल ग्राफ़िक शामिल नहीं था.

इसका मतलब ये हुआ कि या तो ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया या फिर किया गया और बाद में हटा दिया गया.

ये जांचने के लिए कि क्या ऐसी कोई पोस्ट हटाई गई थी? हमने 18 जुलाई को सुबह 1 बजकर 30 मिनट से 2 बजे के बीच @PunjabPoliceInd पोस्ट के सभी रिप्लाई को देखा, क्योंकि कथित पोस्ट को रीशेयर करने या रिस्पोंड करने वाले ज़्यादातर एकाउंट्स ने इस समय सीमा में ऐसा किया था.

गौरतलब है कि भले ही कोई X पोस्ट हटा दिया गया हो, उसके रिप्लाई तब तक दिखाई देते हैं जब तक कि यूज़र्स इसे को खुद नहीं हटा देते.

हमने देखा कि इस विंडो के भीतर, कई यूज़र्स ने पंजाब पुलिस द्वारा हटाए गए कथित पोस्ट पर कमेंट्स की थी. ज़्यादातर कमेंट्स में पाकिस्तान का ज़िक्र किया गया, जबकि कुछ ने जॉर्ज फ्लॉयड का ज़िक्र किया. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने पोस्ट के कंटेंट पर नाराजगी जताई थी. इससे हम हटाए गए X पोस्ट का URL ढूंढ पाए, लेकिन चूंकि इसे हटाने से पहले इसे आर्काइव नहीं किया गया था, इसलिए हम ये जांच नहीं कर सके कि क्या ये विवादास्पद पोस्ट ही था.

This slideshow requires JavaScript.

रिप्लाई करने और स्क्रीनशॉट शेयर करने वालों को देखते वक्त, हमारी मुलाकात X यूज़र गुल खान (@ilaqaghair) से हुई जिन्होंने पंजाब पुलिस के X अकाउंट से पोस्ट तक एक्सेस के दौरान एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग भी शेयर की थी, जब ये लाइव था. वीडियो में यूज़र को पोस्ट से सीधे @PunjabPoliceInd हैंडल पर क्लिक करते देखा जा सकता है जो उनके ऑफ़िशियल अकाउंट पर ले जाता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने स्क्रीन रिकॉर्डिंग की सच्चाई वेरिफ़ाई करने के लिए @ilaqaghair से कॉन्टेक्ट किया. हमने वीडियो के मेटाडेटा तक भी पहुंच बनाई और ये पता लगाया कि वीडियो यूज़र के डिवाइस पर रिकॉर्ड किया गया था.

हमने उनसे स्क्रीन रिकॉर्डिंग का मेटाडेटा दिखाने वाला एक और वीडियो कैप्चर करने के लिए कहा जिसे आगे आर्टिकल में देखा जा सकता है. 14 सेकेंड पर, तारीख और समय दिखती है: 18 जुलाई, दोपहर 12 बजकर 22 मिनट खाड़ी मानक समय (GST) – 1 बजकर 52 मिनट IST.

ऑल्ट न्यूज़ ने X यूज़र @Joydas से भी कॉन्टेक्ट किया जिसने 18 जुलाई को सुबह 2 बजकर 3 मिनट पर पंजाब पुलिस के पोस्ट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था. उन्होंने पंजाब पुलिस की टाइमलाइन से अलग-अलग समय पर लिए गए इस पोस्ट के कई स्क्रीनशॉट्स शेयर किए. स्क्रीनशॉट्स में से एक में पंजाब पुलिस को एक यूज़र को रेड क्रॉस इमोजी के साथ जवाब देते हुए दिखाया गया जिसने वायरल ग्राफ़िक के तहत पाकिस्तानी झंडे के इमोजी का इस्तेमाल करके कमेंट किया था. हमने इन स्क्रीनशॉट्स के मेटाडेटा की भी जांच की और वेरिफ़ाई कर पाए कि स्क्रीनशॉट्स असली थे और ऐसी पोस्ट वाकई की गई थी.

इन बातों से पता चलता है कि पंजाब पुलिस अकाउंट ने जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के संदर्भ में ग्राफ़िक पोस्ट किया और बाद में इसे हटा दिया. हमें डिलीट की गई पोस्ट के कई कोट-ट्वीट्स भी मिलें.

This slideshow requires JavaScript.

पुलिस ने पोस्ट शेयर करने से किया इनकार

ऑल्ट न्यूज़ ने ये वेरिफ़ाई करने के लिए पंजाब पुलिस से संपर्क किया कि क्या ऐसा कोई पोस्ट किया गया था और बाद में हटा दिया गया था. राज्य पुलिस की सोशल मीडिया टीम के एक करीबी सूत्र ने X पर ऐसी कोई पोस्ट करने से इनकार किया. हालांकि, नाम न छापने का अनुरोध करने वाला ये व्यक्ति हमें 18 जुलाई को हटाए गए X पोस्ट के बारे में जानकारी नहीं दे पाया.

इसके बाद हमने अडिशनल पुलिस महानिदेशक (काउंटर इंटेलिजेंस) अमित प्रसाद से संपर्क किया जो पंजाब पुलिस के सोशल मीडिया के नोडल अधिकारी हैं. अमित प्रसाद ने ये भी कहा कि उन्होंने ऐसी कोई पोस्ट नहीं की. उन्होंने कहा, “हम ऐसा क्यों करेंगे?” जब उनसे कहा गया कि कई स्क्रीनशॉट्स हैं और हमें एक वेरीफ़ाइड स्क्रीन रिकॉर्डिंग मिली है जिससे ये बात साबित होती है, तो उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने दोहराया कि पोस्ट पुलिस द्वारा नहीं की गई थी, लेकिन उन्होंने X अकाउंट के हैक होने का कोई ज़िक्र नहीं किया.

हिंसक AI-जनरेटेड इमेज

स्क्रीनशॉट की जांच करते वक्त, हमने निचले दाएं कोने में एक ‘ग्रोक’ वॉटरमार्क देखा. यानी, तस्वीर X के AI टूल का इस्तेमाल करके बनाई गई थी.

आगे, हमने एक स्क्रीनशॉट के नीचे ग्रोक को टैग किया और पूछा कि क्या ग्राफ़िक इसके द्वारा तैयार किया गया था. X चैटबॉट ने जवाब दिया: “वॉटरमार्क बताता है कि तस्वीर मेरे AI इमेज टूल का इस्तेमाल करके बनाई गई थी जो X प्रीमियम पर यूज़र्स के लिए सुलभ है।. कोई भी इसे प्रेरित कर सकता था – मैंने इसे नहीं बनाया या पंजाब पुलिस को प्रदान नहीं किया, और मैं इसके असंवेदनशील इस्तेमाल का समर्थन नहीं करता.”

ग्रोक की शर्तें अवैध, हानिकारक, या अपमानजनक गतिविधियों पर कंटेंट उत्पन्न करने पर रोक लगाती हैं जिसमें आतंकवाद समर्थक गतिविधियों सहित मानव जीवन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाना या गंभीर नुकसान को बढ़ावा देना; कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, या अन्य बौद्धिक संपदा कानून का उल्लंघन करना; किसी व्यक्ति की गोपनीयता या उनके प्रचार के अधिकार का उल्लंघन करना; बच्चों का यौन शोषण या शोषण; जासूसी, हैकिंग, धोखाधड़ी, मानहानि, घोटाला, स्पैमिंग या फ़िशिंग शामिल है.

इसलिए, हालांकि ग्रोक की प्रतिक्रिया इसके कंटेंट पॉलिसी के साथ संरेखित होती है, इसका AI उपकरण संकेत दिए जाने पर असली घटनाओं से मिलती-जुलती हिंसक और विवादास्पद कल्पना उत्पन्न करने में सक्षम लगता है जो संभावित रूप से अपने खुद के गाइडलाइन्स का खंडन करता है.

इन निष्कर्षों के आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ ये साबित करने में सक्षम था कि विवादास्पद पोस्ट पंजाब पुलिस के X हैंडल द्वारा ही शेयर किया गया था और बाद में हटा दिया गया. अब हम ये भी जानते हैं कि इमेजरी ग्रोक के AI टूल का इस्तेमाल करके तैयार की गई थी. हालांकि, पुलिस के इनकार और पोस्ट की अजीब टाइमिंग से ये सवाल उठता है कि क्या अकाउंट से छेड़छाड़ की गई थी या पोस्ट ग़लती से की गई थी. राज्य पुलिस की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.