23 दिसंबर 2021 को हरियाणा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हरीश रामकली ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट किया. पोस्ट में कहा गया कि जो स्कूल अपने छात्रों को उनके माता-पिता की अनुमति के बिना सेंटा क्लॉज़ के रूप में तैयार करते हैं, उनके खिलाफ़ मामला दर्ज किया जाएगा और ऐसे स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा.

हरीश रामकली ने पिछले साल क्रिसमस से पहले अपने फ़ेसबुक पेज पर ऐसे कई पोस्ट किये थे. इनमें अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ़ हिंसा की बात की गई थी.

12 दिसंबर को रामकली ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें ईसाई पादरी के खिलाफ़ लोगों को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. बता दें कि इस पादरी पर हरियाणा में धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया गया था. वाल्मीकि की जय-जयकार और ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच रामकली को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि “हरियाणा में जींद का वाल्मीकि समुदाय उनके (ईसाई समुदाय) खिलाफ़ खड़ा है.”

हरीश रामकली उर्फ़ ​​हरीश सैनी हरियाणा के जींद के रहने वाले हैं और बजरंग दल के कार्यकर्ता हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के ज़िलाध्यक्ष के रूप में शुरुआत करते हुए संघ में रामकली धीरे-धीरे आगे बढ़े हैं. बजरंग दल में नियुक्ति से पहले वो विश्व हिंदू परिषद (VHP) हरियाणा विंग के छात्र प्रमुख थे.

पिछले साल, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ़ विरोध मार्च के लिए जींद के रानी तालाब में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और वकीलों के प्रदर्शनकारियों का एक समूह इकट्ठा हुआ था. जब मुस्लिम प्रदर्शनकारी अपनी दिनचर्या के अनुसार नमाज़ अदा करने लगे तो उन्हें बजरंग दल और गौ सेवा दल के सदस्यों ने रोक दिया. रामकली ने मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को वहां नमाज़ अदा करने पर ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने की धमकी दी थी.

जुलाई में फ़ेसबुक पर अपलोड किए गए एक वीडियो में उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर ‘ज़मीन ज़िहाद’ का आरोप लगाया था. उन्होंने ‘अवैध’ मज़ारों (धार्मिक स्थल) को तोड़ने की ज़िम्मेदारी ली. वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, “चाहे आप दिल्ली, हरियाणा या राजस्थान जाएं, ये [‘ज़मीन जिहाद’] तेजी से बढ़ रहा है. ये ‘लव ज़िहाद’ के बाद हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा है. बजरंग दल ने प्रशासन की अनुमति से कई ‘अवैध’ मज़ारों को हटाया है.” इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 4 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

कुछ दिनों बाद, उन्होंने एक और वीडियो अपलोड किया जिसमें एक आदमी कुल्हाड़ी से मज़ार तोड़ते हुए दिख रहा है. इसे आर्टिकल लिखे जाने तक 5.3 मिलियन व्यूज़ मिले हैं. इस मज़ार को भी रामकली ने ‘अवैध’ बताया था.

हालांकि, ये संभव हो सकता है कि इन मज़ारों को बनाने के लिए अनुमति नहीं ली गई हो. लेकिन किसी नागरिक द्वारा कानून अपने हाथ में लेकर इस तरह की कार्रवाई करना सही नहीं है.

ऑल्ट न्यूज़ ने जींद के सफीदों पुलिस स्टेशन से संपर्क किया. पुलिस ने रामकली के बारे में कुछ पता नहीं होने का दावा किया.

रामकली ने पुलिसकर्मियों के साथ काम करते हुए वीडियो और तस्वीरें भी अपलोड की थीं. लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने रामकली को नहीं पहचानने की बात कही. गुड़गांव में नमाज़ अदा करने वाले मुसलमानों पर बढ़ते हमलों के बीच पिछले महीने रामकली ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा था, “सिर्फ गुरुग्राम ही नहीं, हम आपको (मुसलमानों को) हरियाणा में कहीं भी नमाज़ पढ़ने या ‘ज़मीन जिहाद’ करने की इजाज़त नहीं देंगे. बजरंग दल ने हरियाणा में प्रशासन को होश में लाने के लिए सूचना दी है.”

ऑल्ट न्यूज़ द्वारा ऐसे खतरनाक अकाउंट्स को हटाने करने के प्रयास

ऑल्ट न्यूज़ ने ईमेल के माध्यम से फ़ेसबुक से संपर्क किया. इसके बाद हरीश रामकली का अकाउंट हटा दिया गया. हमने इस सोशल मीडिया कंपनी को कई ईमेल लिखे और बार-बार नियमों के उल्लंघन के बावजूद उनके द्वारा रामकली के अकाउंट को बैन न कर पाने के बारे में बताया. ऑल्ट न्यूज़ ने पहला ईमेल 6 दिसंबर 2021 को भेजा था. रामकली का अकाउंट जनवरी 2022 के पहले हफ़्ते में डिलीट किया गया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक और यूट्यूब को कई दूसरे व्यक्तियों के बारे में भी लिखा जो उनके प्लेटफ़ॉर्म पर नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं और हिंसक कॉन्टेंट पोस्ट करते हैं.

जब ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे कॉन्टेंट के बारे में सचेत किया तो इन व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया:

जीत वशिष्ठ

हिंदू जागरण मंच (HJM) के सदस्य जीत वशिष्ठ ने नवंबर 2021 में एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उन्होंने अपने साथियों के साथ एक दरगाह में जाकर आरोप लगाया कि ये एक ‘अवैध’ संपत्ति है जो सरकारी ज़मीन पर बनी है. और जहां काले जादू का इस्तेमाल करके धर्म परिवर्तन कराया जाता है. उन्होंने दरगाह कमेटी पर पाकिस्तान से संबंध रखने का भी आरोप लगाया.

उसी दिन शाम तक, दूर-दराज़ से हिंदू ‘कार्यकर्ताओं’ का एक बड़ा समूह दरगाह के पास इकट्ठा हुआ और उसे गिराने का आह्वान किया. लोगों ने पुलिस को इस मामले में FIR दर्ज करने और दरग़ाह से जुड़े लोगों को गिरफ़्तार करने का निर्देश दिया.

12 दिसंबर, 2021 को उन्होंने बजरंग दल के सदस्यों के साथ मेवात में मुस्लिम बहुसंख्यक क्षेत्रों में प्रवेश किया. ताकि उस ज़गह का ‘भगवाकरण’ किया जा सके. उन्होंने दावा किया कि 500 से ज़्यादा कारों में ‘हिंदू भाई’ मुस्लिम बहुसंख्यक गांवों में गए थे. उन्हें कार में हथियार ले जाते देखा जा सकता है. रैली से किए गए फ़ेसबुक लाइव को करीब 2 लाख बार देखा गया. नीचे दिया गया स्क्रीनशॉट राहुल’ नाम के एक व्यक्ति का है जिसे वशिष्ठ ‘युवा कार्यकर्ता’ के रूप में पेश किया गया. उन्होंने कहा कि राहुल से उनकी मुलाकात फ़ेसबुक पेज के ज़रिए हुई थी.

जीत वशिष्ठ ज़्यादातर अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी के खिलाफ़ हिंदुओं को भड़काने वाले वीडियोज़ शेयर करते थे. जीत वशिष्ठ भाजपा नेता कपिल मिश्रा के करीबी मालूम पड़ते हैं. उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ भी अपनी तस्वीरें अपलोड की थीं.

उन्होंने हाल ही में एक फ़ेसबुक लाइव अपलोड किया था जिसमें एक पेड़ पर हरे रंग के कपड़े बंधे हुए दिख रहे थे. उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर इस पेड़ पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि फ़रीदाबाद की इस पूरी सड़क पर धीरे-धीरे कब्ज़ा कर लिया जाएगा. यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत में पेड़ों की पूजा करना एक आम बात है. पेड़ों की पूजा हिन्दू भी करते हैं, लेकिन वशिष्ठ ने फ़रीदाबाद में एक पेड़ पर हरे कपड़े बंधे होने की वज़ह से ‘मुस्लिम द्वारा उस पर कब्ज़ा’ कर लेने की एक कहानी बनाकर शेयर की.

हाल ही में एक और फ़ेसबुक लाइव में वशिष्ठ ने बिरयानी बेचने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति पर खाने में पेशाब मिलाने का आरोप लगाते हुए उसे परेशान किया. वशिष्ठ ने बिरयानी बेचने को ‘जिहादी मानसिकता’ बताया. ये घटना भी हरियाणा में हुई थी. इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 4 लाख से ज़्यादा बार देखा गया.

जीत वशिष्ठ अलग-अलग धर्म के जोड़ों को परेशान करने और उन्हें पुलिस को सौंपने का क्रेडिट खुद को देते हुए भी वीडियो पोस्ट करते थे.

संदीप आचार्य

ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक को हिंदू युवा वाहिनी के सदस्य संदीप आचार्य के बारे में भी सूचित किया जो ‘हिंदुत्व’ गीत बनाते हैं. गीत के बोल में मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़रत वाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं. अकाउंट सस्पेंड होने से पहले इन्होंने इन गानों का प्रचार करने के लिए अपने फ़ेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल किया था.

पिछले साल नवंबर में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने मुसलमानों से दोस्ती करने वाले ‘धर्मनिरपेक्ष हिंदुओं’ को धमकी दी थी.

अपने एक गाने में उन्होंने मुस्लिम समुदाय से सवाल किया कि क्या अल्लाह उन्हें ‘मंदिरों को गिराने’ के लिए उकसाता है.

संदीप आचार्य ‘रुद्र म्यूज़िक’ नामक एक काफी पॉपुलर यूट्यूब चैनल भी चलाते थे जिसे वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा की पॉलिसी का उल्लंघन करने की वज़ह से सस्पेंड कर दिया.

सुरेश राजपूत

पिछले नवंबर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ऑल्ट न्यूज़ ने भाजपा समर्थक सुरेश राजपूत के बारे में बताया था जो अक्सर अपने पोस्ट में मुस्लिम समुदाय को अमानवीय बताते हुए उनके लिए नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते थे.

हालांकि, फ़ेसबुक सुरेश राजपूत के अकाउंट को बैन नहीं कर पाया. और ये कहा कि “हम प्रगतिशील समीक्षा करते हैं और उल्लंघन करने पर अकाउंट्स को बैन करते हैं. जब किसी एकाउंट द्वारा बैन करने के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया जाता है तभी हम अंतिम कार्रवाई करते हैं.” जबकि यूट्यूब ने सुरेश राजपूत के चैनल को बंद कर दिया था.

फ़रवरी 2020 में सुरेश राजपूत ने अपने यूट्यूब चैनल ‘हिंदू शेर बॉय’ पर एक वीडियो अपलोड किया था. वीडियो में उन्होंने AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान को ‘क*** मुल्ला’ (मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द), मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को ‘सूअर’, और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं को ‘वेश्या’ बताया. उन्होंने वारिस पठान को हिंसा की धमकी भी दी थी.

इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 10 लाख से ज़्यादा बार देखा गया.

यूट्यूब ने उनके चैनल को बंद कर दिया जिसके बाद उन्होंने एक नया चैनल बनाया. ऑल्ट न्यूज़ द्वारा सूचित किए जाने के बाद इस चैनल को भी यूट्यूब ने बंद कर दिया था. यूट्यूब ने हमें ये जवाब भेजा, “यूट्यूब के पास हमेशा सामुदायिक दिशानिर्देश होते हैं जो ये तय करते हैं कि प्लेटफ़ॉर्म पर किन चीजों की अनुमति है. हमारी नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा की पॉलिसी के उल्लंघन करने की वज़ह से “हिंदू शेर बॉय” चैनल को बंद कर दिया गया. इस दौरान, उन्होंने एक और चैनल का इस्तेमाल किया और हमने अपनी सर्विस की शर्तों के अनुसार, पॉलिसी के उल्लंघन करने की वज़ह से उसे भी बंद कर दिया.”

फ़ेसबुक ने अभी तक सुरेश राजपूत और उनके साथी सुरेश प्रभु का अकाउंट नहीं हटाया है जो इसी तरह के कॉन्टेंट पोस्ट करते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने उनके प्रोफ़ाइल की जानकारी दी है. और अगर फ़ेसबुक उन्हें बैन करता है तो इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

’यूट्यूब चैनल ‘स्वामी अमृतानंद’

इस चैनल के 14 हज़ार से ज़्यादा सब्सक्राइबर थे. चैनल ने हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम को लाइव स्ट्रीम किया था जहां भारत में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया गया था. ये चैनल हिंदू ग्रुप्स की ऐसी कई लाइव स्ट्रीम शेयर करता था जिसमें नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया जाता था. ऑन-ग्राउंड नफ़रत को बढ़ाने के लिए चैनल द्वारा यूट्यूब का इस्तेमाल किया गया.

ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब को इसकी सूचना दी जिसके बाद, प्लेटफ़ॉर्म ने पहले चैनल द्वारा अपलोड किए गए दो वीडियोज़ हटा दिए और एक हफ़्ते के लिए कुछ भी पोस्ट करने से बैन कर दिया. लेकिन यूज़र ने इस दौरान नया चैनल बनाया लेकिन दोनों चैनल को सस्पेंड कर दिया गया.

ऑल्ट न्यूज़ उन पॉपुलर अकाउंट्स को हटाने के लिए काम कर रहा है जो अपने पोस्ट में नफ़रत फ़ैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं या अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ़ हिंसा भड़काने का काम करते हैं. हम आने वाले कुछ समय में ऐसे और अकाउंट्स और यूज़र्स का डॉक्यूमेंटेशन करेंगे.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.