जब इंदौर में ज़ोमैटो के साथ काम करने वाला एक डिलीवरी पार्टनर अर्जुन 25 दिसंबर, 2024 को काम के लिए बाहर गया, तो वो सामान्य से ज़्यादा व्यस्त दिन के लिए तैयार था, लेकिन फिर भी उस दिन के लिए तैयार नहीं था जो उसने अनुभव किया था. फ़ूड डिलीवरी कंपनी के क्रिसमस कैंपेन के रूप में सांता क्लॉज़ के कपड़े पहने हुए थे, और उन्हें किसी ने रोक लिया और उनसे पूछा कि उन्होंने वो कपड़े क्यों पहने हैं और क्या वो हिंदू त्योहारों के लिए भी इसी तरह तैयार होते हैं.
इस बातचीत का वीडियो में जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया (आर्काइव). इस वीडियो में डिलीवरी एजेंट से बात करने वाले व्यक्ति को ये पूछते हुए सुना जा सकता है, “ज़ोमैटो ने आपको ये (सांता क्लॉज़) कपड़े पहनने के लिए कहा था?”
A #Zomato delivery man was stopped by workers of the #HinduJagranManch and asked to remove a #SantaClaus attire he was wearing for #Christmas celebrations. The incident occurred in #MadhyaPradesh’s #Indore city.
A video of the Zomato delivery man named Arjun being questioned by… pic.twitter.com/GGQNkkgDZF
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) December 25, 2024
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, इंडिया टुडे और हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स में अर्जुन से बात करने वाले व्यक्ति की पहचान हिंदू जागरण मंच के ज़िला संयोजक सुमित हार्डिया के रूप में की गई है. कुछ ही सेकंड बाद हार्डिया ने डिलीवरी पार्टनर से कॉस्ट्यूम हटाने के लिए कहा.
सुमित हार्डिया कहते हैं, “तो कभी दिवाली पे राम भगवान और ये ऐसा स्वरूप करके कभी लोगों के घर जाते हैं क्या अप्पन?… ये ऑर्डर तो अधिकतर सब हिंदू लोग ही मंगवाते हैं, क्योंकि इतनी जनसंख्या तो दूसरों की है नहीं तो जब उनलोगों के त्योहार आए तो कभी भगवा पहन के कभी दीपावली पर इस तरीके से भी जाया करो ना..अर्जुन भाई अप्पन हिंदू हैं सांता क्लॉज़ से..क्या संदेश देना चाहते हैं..उतारो ये..”
अर्जुन द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद कि ये वेशभूषा ज़ोमैटो द्वारा अनिवार्य थी और इसे हटाने से उनके काम पर असर पड़ सकता है, हार्डिया उनसे इसे हटाने पर अड़े रहे. आख़िरकार, अर्जुन मान गया.
Madhya Pradesh, Indore.
On Christmas, @Zomato dressed its delivery boys as Santa Claus. During deliveries, members of the “Hindu Jagran Manch” forced them to remove the Santa costumes and chanted “Jai Shri Ram” slogans.#MerryChristmas pic.twitter.com/DwzFlDFWbo
— هارون خان (@iamharunkhan) December 25, 2024
हालांकि, अर्जुन के इस अनुभव ने मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर लाखों यूज़र्स तक भी पहुंचा, ये कोई एक घटना नहीं है जो पिछले महीने क्रिसमस के आसपास हुई हो. क्रिसमस पर आपत्ति जताने वाले राईटविंग ग्रुप ने ऐसे कई मामलों को अंजाम दिया है. उत्सव और उल्लास के साथ आमतौर पर भारत में ईसाई त्योहार और साल के आखिर के दिनों को मनाया जाता है. लेकिन इस रंग में भंग, हिंदुत्व संगठनों द्वारा टार्गेटेड हैरेसमेंट के कारण हुआ. उनमें से सिर्फ कुछ को ही मुख्यधारा की मीडिया ने कवर किया.
ऑल्ट न्यूज़ इनमें से कुछ उदाहरणों को आर्टिकल में आगे विस्तार से बताया गया है.
ओडिशा: ईसाई महिलाओं को पेड़ से बांधा, उन पर हमला किया
ओडिशा के बालासोर के नीलगिरि में क्रिसमस के एक दिन बाद देव सेना नामक हिंदुत्व ग्रुप के सदस्यों ने दो ईसाई महिलाओं को कथित तौर पर पीटा था, अपमानित किया और एक पेड़ से बांध दिया. सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें दो महिलाओं को एक आदिवासी हिंदू व्यक्ति के धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने के आरोप में पेड़ से बांध दिया है. (आर्काइव लिंक)
Two Christian tribal women in Odisha were tied and beaten for celebrating Christmas.
This horrific incident occurred in the area of same Pratap Sarangi, who falsely accused LoP @RahulGandhi Ji of pushing him.
These attackers are followers of his ideology. pic.twitter.com/ZnHQ3n2MCA
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) December 29, 2024
दो महिलाएं, सुभासिनी सिंह और सुकांति सिंह पर बेरहमी से हमला किया गया और उन्हें अपमानित किया गया और उनके चेहरे पर केक लगाया गया जो वो क्रिसमस मनाने के लिए लाए थे. (आर्काइव)
Attacks on Minorities at it’s peak in #Odisha! see how A Right Wing goon is beating #christian woman with shoes n kicking her repeatedly .He is a close ally of BJP, MP.After FIR n plenty of proofs he is roaming free @Ashok_Kashmir @irfhabib @ravishndtv @Apoorvanand__ @RanaAyyub pic.twitter.com/TMAXiXX6Hi
— Amiya_Pandav ଅମିୟ ପାଣ୍ଡଵ Write n Fight (@AmiyaPandav) December 31, 2024
उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए भी मजबूर किया गया. (आर्काइव)
It’s not Manipur It’s #Odisha
Poor tribal Christian women were tied in a tree, beaten badly, face disfigured and were forced to chant JSR,JJN by Hindutva Goons in Odisha.
Minorities r under threat under BJP rule @Ashok_Kashmir @irfhabib @ShayarImran @zoo_bear @alishan_jafri pic.twitter.com/K33ZnVevi9— Amiya_Pandav ଅମିୟ ପାଣ୍ଡଵ Write n Fight (@AmiyaPandav) December 29, 2024
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया है – पीतांबर बिस्वाल, प्रशांत कुमार नायक, जयंत कुमार नायक और बादल कुमार पांडा. घटना के संबंध में दो मामले दर्ज़ किए गए, एक दो महिलाओं के खिलाफ और दूसरा लोगों के ग्रुप के खिलाफ. पांडा ने अपनी शिकायत में दावा किया कि छनखानपुर गांव में महिलाएं एक व्यक्ति को “धमकी देकर” उसे “जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित” कर रही थीं और गांव के निवासियों ने आरोपी को “पकड़” लिया था. हालांकि, जवाबी शिकायत में, जिस व्यक्ति का कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था, उसने दावा किया कि दोनों महिलाएं उसे जानती थीं और भीड़ ने “उन्हें खींचकर और एक खंभे से बांधकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई.”
इसकी जांच करते हुए हमें बादल कुमार पांडा का फ़ेसबुक पेज मिला जिसने पूरी घटना को लाइव स्ट्रीम किया था. एक स्थानीय मीडिया आउटलेट ने बादल पांडा को देव सेना संगठन का नीलगिरि ब्लॉक अध्यक्ष बताया. इसके अलावा, हमें उनके फ़ेसबुक पेज पर एक पोस्टर मिला जिसमें लोगों से 25 दिसंबर को क्रिसमस न मनाने, बल्कि तुलसी पूजा मनाने का आग्रह किया गया था. पोस्टर में उड़िया में लिखा है, “ये सांता की भूमि नहीं है, ये संतों की भूमि है.”
गौरतलब है कि बादल पांडा अपने फ़ेसबुक बायो में खुद को भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता बताते हैं.
उत्तर प्रदेश: फ़तेहपुर में दलित युवक को अपमानित कर हमला
उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर में एक दलित युवक को कथित तौर पर उसके घर से जबरन उठा लिया गया. बजरंग दल के सदस्यों द्वारा ईसाई धर्म में परिवर्तित होने का आरोप लगाने के बाद उनके साथ मारपीट की गई, दुर्व्यवहार किया गया, उसका सिर मुंडवाया गया और परेड कराई गई. बजरंग दल के सदस्यों ने एक वीडियो में आरोप लगाया कि दलित युवक ने ईसाई धर्म अपना लिया और बाद में 27 दिसंबर, 2024 को बजरंग दल के सदस्यों से उसे वापस हिंदू धर्म में परिवर्तित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि दलित युवक ने हिंदू धर्म में पुनः परिवर्तन के लिए बजरंग दल द्वारा की गई सभी प्रक्रियाओं पर सहमति व्यक्त की थी. (आर्काइव)
#फतेहपुर के खागा कोतवाली क्षेत्र के ऐलई गांव में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक दलित युवक की घर वापसी कराई। ईसाई धर्म अपनाने वाले युवक का सिर मुंडवाकर पूरे गांव में जय श्री राम के नारों के साथ पैदल घुमाया गया। गांव के हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ और… pic.twitter.com/irJdzUGsTb
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) December 27, 2024
एक दूसरे वीडियो में दलित युवक खुद बता रहा है कि बजरंग दल के सदस्य रोहित दीक्षित और कुछ अन्य लोगों को शक था कि उसने ईसाई धर्म अपना लिया है और उसे लातों और थप्पड़ों से पीटा जिसके बाद उसे जबरदस्ती उसके घर से निकाल दिया गया. यहां तक कि उसे जूतों से भी पीटा गया. उसका सिर मुंडवा दिया गया और उसे एक मंदिर में ले जाया गया जहां उसे झुकने और हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मजबूर किया गया. (आर्काइव)
#फतेहपुर के खागा कोतवाली क्षेत्र के ऐलई गांव में दलित युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला गरमा गया है। आरोप है कि युवक का सिर मुंडवाकर, जूतों से पीटते हुए, गांव में जबरन घुमाया गया। उसे मंदिर में ले जाकर हनुमान चालीसा पढ़वाई गई और पूरे गांव में भ्रमण कराया गया।
दलित समाज ने इस… https://t.co/X54cihaULa pic.twitter.com/w4QBlZBLcL— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) December 28, 2024
इस घटना को दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स और हिंदुस्तान सहित हिंदी मीडिया आउटलेट्स ने व्यापक रूप से कवर किया था.
पंजाब: कांग्रेस नेता सोनू सिंह राजपूत ने ईसाई पादरी को धमकाया, धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया
लुधियाना में स्थानीय कांग्रेस नेता सोनू सिंह राजपूत ने कैमरे पर एक ईसाई पादरी को ये कहते हुए परेशान किया कि वो धर्म परिवर्तन के लिए एक घर में जा रहा था. पादरी बताते हैं कि उन्हें क्रिसमस सेवा के लिए घर पर आमंत्रित किया गया था जिस पर कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि ऐसे समारोह चर्च में किए जाने चाहिए, न कि उनके ‘एरिया’ में. उन्होंने पादरी को धमकी भी दी, और उन्हें ऐसी सेवाओं के लिए आने से साफ तौर पर मना किया.
वीडियो को सोनू सिंह राजपूत ने खुद अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा, “मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि अगर आपके गली-मोहल्ले में ऐसी गतिविधियां हो रही हैं तो आप इसका विरोध करें. क्योंकि अगर कोई धर्म सबसे बड़ा है तो वो धर्म सनातन धर्म है.”
कुछ शरारती अंसरों द्वारा
सीधे साधे लोगों को बहला फुसला कर कुछ लालच देकर
उनके घर में जाकर प्राथना के नाम पर उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा
और ये काम काफ़ी तेजी किया जा रहा ऐसे काफी लोगों को हमने पकड़ कर उनका पर्दाफाश किया
आप सभी से बिनती है ऐसे काम अगर आपके गली या मोहल्ले में हो तो इसका विरोध आप जरूर करे
क्योंकि सबसे बड़ा अगर कोई धर्म हैं तो वो धर्म सनातन धर्म हैंPosted by Sonu Singh Rajput on Friday 20 December 2024
मुंबई: हिंदुत्व समूह ने एक झुग्गी बस्ती में क्रिसमस समारोह में खलल डाला, नारे लगाए
मुंबई के काशीमीरा क्षेत्र की एक झुग्गी बस्ती में एक हिंदुत्व ग्रुप द्वारा क्रिसमस उत्सव में बाधा डाली गई जिन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय चर्च के सदस्य कार्यक्रम के दौरान धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे और बच्चों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने बच्चों से हिंदू धर्म का कट्टर फॉलोवर्स बनने का भी आग्रह किया. (आर्काइव)
Mumbai, India
Hindutva leaders stopped the Christmas celebration, and made children recite the Hanuman Chalisa and chant “Jai Shree Ram.”
We urged the concern authority to maintain peace and religious freedom in the city.@CPMumbaiPolice@MumbaiPolice@Navimumpolice… pic.twitter.com/GpaBsVVqpo— Indian Christian Community (@ChristianIndia_) December 26, 2024
हैदराबाद स्थित मीडिया आउटलेट सियासत ने इस घटना पर रिपोर्ट की.
हरियाणा: बजरंग दल के सदस्यों ने क्रिसमस कार्यक्रम में खलल डाला; मौजूद लोगों को जाने के लिए मज़बूर किया
हरियाणा के रोहतक में बजरंग दल ने पंजाबी शिव धर्मशाला में ईसाइयों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में खलल डाला. उन्होंने कार्यक्रम पर कब्ज़ा कर लिया, हनुमान चालीसा का पाठ किया और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए, आख़िरकार उपस्थित लोगों को छोड़ने के लिए मजबूर किया. ग्रुप के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि धर्मशाला में ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकते, उन्होंने कहा कि उन्हें क्रिसमस समारोह रोकना पड़ा क्योंकि वो धार्मिक रूपांतरण का विरोध करते थे. कथित तौर पर उपस्थित लोगों में महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. (आर्काइव)
In #Haryana‘s #Rohtak, a #Hindutva group members on Wednesday disrupted event held by #Christians on the occasion of #Christmas where former #WWE wrestler #TheGreatKhali was invited.
Members took over the stage, recited #HanumanChalisa and forced attendees to leave the event.… pic.twitter.com/jasw2cfXYt
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) December 26, 2024
द प्रिंट के मुताबिक, “कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल पर हंगामा किया और आरोप लगाया कि कार्यक्रम के पीछे छिपा एजेंडा लोगों को ईसाई धर्म के प्रति ‘लुभाना’ था.” रिपोर्ट में आयोजकों में से एक के हवाले से कहा गया है, “कार्यक्रम पर 8.5 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च किए गए थे, लेकिन लोगों को धर्मशाला में खाना या नाश्ता करने की भी अनुमति नहीं थी… मैंने पुलिस से पूछा- क्या हम आज़ाद देश में नहीं रहते?, जहां हर किसी को अपना धर्म मानने का अधिकार है? लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.”
देहरादून: बजरंग दल नेता ने दिया भड़काऊ भाषण, ईसाई धर्म को बताया ‘विदेशी आयात’
उत्तराखंड में बजरंग दल के नेता विकास वर्मा ने देहरादून में प्रसिद्ध क्लॉक टॉवर के पास एक सभा को संबोधित किया, और क्रिसमस समारोह के खिलाफ बोला, उन्होंने दावा किया कि इससे हिंदू आस्था का महत्व कम हो गया है. अपने संबोधन में उन्होंने ईसाई धर्म को ‘विदेशी’ आयात के रूप में संदर्भित किया और हिंदू परिवारों के माता-पिता से अपने बच्चों की उनकी आस्थाओं और परंपराओं से बढ़ती दूरी पर ध्यान देने का आग्रह किया. भाषण के कुछ हिस्से सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जो अन्य धर्मों के उत्सवों के प्रति हिंदू राईटविंग की बढ़ती असहिष्णुता का सबूत है. (आर्काइव)
Bajrang Dal leader Vikas Verma, during a Hanuman Chalisa gathering in Dehradun on December 24, made false claims against Christians. He questioned Christmas celebrations, accused families letting kids wear Santa hats of being “converted,” and criticized convent schools, while… pic.twitter.com/Mr7nmzf5GQ
— The Observer Post (@TheObserverPost) December 26, 2024
मध्य प्रदेश: क्रिसमस ट्री पर लगाया गया हिंदू देवता राम का कट-आउट
नेक्सस इंदौर सेंट्रल मॉल ने अन्य सजावटों के साथ एक बहुत बड़ा क्रिसमस ट्री लगाकर क्रिसमस फ़ेस्टिवल मनाया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें भगवा स्टोल/स्कार्फ (हिंदुत्व संगठन) पहने लोगों का एक ग्रुप हिंदू देवता राम का एक बड़ा कटआउट ले जा रहा है और उसे क्रिसमस ट्री पर रख रहा है और हिंदू नारे लगाते हुए पेड़ पर भगवा झंडे लहरा रहा है. (आर्काइव)
केरल: एक स्कूल में उत्पीड़न और क्रिसमस की सजावट में तोड़फोड़ की रिपोर्ट
20 दिसंबर को केरल के पलक्कड़ में विश्व हिन्दू परिषद के तीन सदस्यों ने नल्लेपिल्ली सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में प्रवेश किया जिसे क्रिसमस के लिए सजाया गया था और सजावट को तोड़ दिया. (आर्काइव)
This is from #Palakkad, #Kerala.
On December 20, Three members of the Vishva Hindu Parishad (#VHP) threatened the teachers of a school for organising #Christmas celebrations and vandalised the decorations. They have been arrested and sent to judicial custody. pic.twitter.com/5tpulSz2bx
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) December 27, 2024
अपनी शिकायत में स्कूल अधिकारियों ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने उनसे पूछताछ की और मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया जिन्होंने उनसे ये भी पूछा कि क्या स्कूल में कृष्ण जयंती मनाई जाती है. विश्व हिंदू परिषद के तीन सदस्यों की पहचान, के. अनिलकुमार, वी. सुसासनन और के. वेलायुधन के रूप में की गई हैं. इन्हें चित्तूर पुलिस ने फ़ैकल्टी को परेशान करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. हालांकि, 3 दिन बाद, पलक्कड़ के थथामंगलम में सरकारी लड़कों के स्कूल में उत्सव के लिए आयोजित एक क्रिसमस पालना (क्रिब) को तोड़ दिया गया.
कैसे सोशल मीडिया ने ईसाई समुदाय के प्रति बढ़ती असहिष्णुता को दिखाया
क्रिसमस से पहले के हफ्तों में सोशल मीडिया पर ईसाइयों के टार्गेटेड हैरेसमेंट के मामले भी दर्ज़ किए गए थे.
22 दिसंबर को कंटेंट क्रिएटर आकाश सागर (@akashसागर_97) ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड किया जिसमें वो मेघालय के मावलिननॉन्ग में एक चर्च के मंच से हिंदी गीत ‘राम सिया राम’ गा रहे हैं. इस पोस्ट को सोशल मीडिया यूज़र्स के एक वर्ग से भारी आलोचना का सामना करना पड़ा. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, इंस्टाग्राम पोस्ट 5 लाख से ज़्यादा दर्शकों तक पहुंच गई थी. शिलॉन्ग की एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता एंजेला रांगड ने लैथुमकरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि सागर ने “…जानबूझकर और पूर्व-निर्धारित और योजनाबद्ध तरीके से वेदी क्षेत्र में अतिक्रमण किया और गैर-ईसाई नारे लगाए और मजाक में गैर-ईसाई गाने गाए.”
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क्रिसमस से एक दिन पहले स्वयंभू धर्मगुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (जो बागेश्वर धाम से भी जाने जाते हैं) ने एक विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने घोषणा की कि भारत में रहने वाले ईसाई असल में हिंदू थे, क्योंकि वो भी हिंदुस्तान से हैं. (आर्काइव)
क्रिसमस डे के एक दिन पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- इस देश में रहने वाले प्रत्येक ईसाई हिन्दू हैं क्योंकि यह देश हिंदुस्तान है और मुसलमान-ईसाई की आठवीं और नवमी पीढ़ी हिंदू है वे रामलाल और श्यामलाल है. सभी सनातनी है कोई पराया नहीं है, हम हिंदू राष्ट्र बनाकर ही… pic.twitter.com/Vx9rmO3nvg
— Zee News (@ZeeNews) December 24, 2024
X हैन्डल ‘@viprabuddhi‘ ने दावा किया कि ‘ईसाई धर्म’ ‘कृष्ण नीति’ शब्द के भ्रष्टाचार से ज़्यादा कुछ नहीं है, ईसाइयों से ‘अपनी जड़ों की ओर वापस लौटने’ और फिर से भगवान कृष्ण की पूजा करने का आग्रह किया. (आर्काइव)
“Christianity” is nothing more than corruption of the term “Krishna neeti”.
Jesus was the messenger of Shri Krishna sent to this realm to spread his gospel.
Christians should return back to their roots and worship Lord Krishna again.
Merry Christmas 🕉️ pic.twitter.com/ewInPMjPth
— do’o kappa (@viprabuddhi) December 24, 2024
इंस्टाग्राम यूज़र (officialprincepandatncr) ने 26 दिसंबर, 2024 को एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में सांता क्लॉज़ के कपड़े पहने एक व्यक्ति ‘जय श्री राम’ लिखी कार का बोनेट साफ कर रहा है. इस पोस्ट को 2 लाख से ज़्यादा बार देखा गया था. हालांकि, बाद में इसे हटा दिया गया. यहां एक स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है:
इस महीने की शुरुआत में यूनाइटेड क्रिश्चियन फ़ोरम द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया था कि 2024 में भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की 834 घटनाएं देखी गईं जो 2023 में 734 थीं. ये लगभग 14% की बढ़ोतरी है.” ये घटनाएं कई रूपों में होती हैं: चर्चों या प्रार्थना सभाओं पर हमले, उनके विश्वास का पालन करने वालों का उत्पीड़न, बहिष्कार और सामुदायिक संसाधनों तक पहुंच को सीमित करना, और झूठे आरोप और आपराधिक मामले, विशेष रूप से ‘जबरन धर्म परिवर्तन’ से संबंधित मामले.”
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