एक वीडियो जिसमें लोगों की भीड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुतले को आग लगाते हुए देखा जा सकता है, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है। दावा किया गया है कि यह वीडियो विदेश में लिया गया है। साझा किये गए संदेश के मुताबिक,“विदेशो मे साहब की थू थू हो रही हैं और अपने देश के जाहील भक्त इसे मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं तरस आ रहा हैं तुम पर भक्तों मे इस विडियो की कड़ी निंदा करता हुं“।

एक फेसबुक उपयोगकर्ता ‘दिलीप पटेल गाल्वी 2’ द्वारा साझा किए गए वीडियो को करीब 1,00,000 से ज़्यादा बार देखा गया है।

 

विदेशो मे साहब की थू थू हो रही हैं और अपने देश के जाहील भक्त इसे मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं तरस आ रहा हैं तुम पर भक्तों मे इस विडियो की कड़ी निंदा करता हुं

Posted by Dilip Patel Gavli II on Wednesday, 14 August 2019

ट्विटर पर इस वीडियो को साझा किया गया है।

यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर दोनों पर वायरल है।

मिजोरम में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध का पुराना वीडियो

प्रसारित वीडियो भारत सरकार के अनुच्छेद 370 पर लिए गए हाल ही के फैसले से असंबधित है। यह नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ मिजोरम में आयोजित किये गए विरोध प्रदर्शन से संबंधित है। वीडियो 23 जनवरी, 2019 को नॉर्थईस्ट लाइव द्वारा प्रसारित किया गया था। मीडिया संगठन के अनुसार,“प्रभावशाली मिज़ो ज़िरलाई पॉल (MZP) ने एक राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें लोगों को यह लगता है कि इससे मिज़ो की पहचान को खतरा होगा”-अनुवाद। नीचे दिए गए वीडियो में 0:18 सेकेंड पर लोगों को पीएम मोदी और राजनाथ सिंह के पुतले को जलाते हुए देखा जा सकता है।

मुख्यधारा के मीडिया संगठन ने भी इस विरोध प्रदर्शन को कवर किया था। NDTV के मुताबिक,“अइज़ोल के सात जिला मुख्यालयों और अन्य 50 से अधिक स्थानों से रैलियां निकालीं गई, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुतलों को भी जला दिया था। नारा लगाते हुए और पोस्टर पकड़े हुए प्रदर्शनकारी पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि विवादास्पद बिल मिजोस के अस्तित्व को खतरे में डाल देगा”-अनुवाद।

अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद, कई पुराने और असंबधित वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है। हाल ही में, जनाज़े के एक पुराने वीडियो को इस दावे से साझा किया गया कि महिलाएं जम्मू-कश्मीर के विशिष्ट दर्ज़े के बारे में लिए गए फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इसी तरह, कश्मीरी लोगों द्वारा इस फैसले का स्वागत करने के दावे से भी गलत जानकारी शेयर की जा रही है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.