सोशल मीडिया पर एक CCTV वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति एक दंपति को लूट रहा है. दंपत्ति के पास से गुज़रते हुए एक आदमी उनके उपर धुंए उड़ा कर उन्हें ड्रग्स देता है. दंपति बेहोश होकर फ़र्श पर गिर जाते है और इसी वक्त वो व्यक्ति उनके सामान उठा ले जाता है. फ़ेसबुक यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये मुसलमानों द्वारा अपनाई गई एक नई रणनीति है. यूज़र ने लोगों को “टोपी पहनने वाले फ़कीरों से” आगाह किया.
शांतिदूतो का नया कारनामा…
आपकी गली में ऐसे टोपी वाले फ़क़ीर घूमते है तो …
उसकी गली में घुसने न दे…
Posted by Arjun Patidar on Friday, 12 November 2021
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो फ़ुटेज की सच्चाई जानने के लिए रिक्वेस्ट भी मिली.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ को उसी फ़ुटेज का एक लंबा वीडियो मिला जिसमें अंत में कुछ सेकंड के लिए एक “डिस्क्लेमर” देखा जा सकता है. “डिस्क्लेमर” में लिखा है, “ये रील लाइफ़ वीडियो फ़ुटेज सिर्फ जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से बनाया गया है ताकि उन्हें ये समझाया जा सके कि असल ज़िंदगी में ऐसी स्थिति से कैसे निपटा जा सके…”
यानी, ये वीडियो फ़ुटेज असल घटना का नहीं है.
एक फ़ेसबुक पेज ने वीडियो शेयर करते हुए साफ तौर पर ये ज़िक्र किया कि ये शैक्षिक उद्देश्य से किया गया एक “स्क्रिप्टेड ड्रामा” था.
जागरूकता फ़ैलाने के लिए बनाए गए एक और वीडियो (नीचे कोलाज में दाईं ओर) को हाल ही में इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया था कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने एक हिंदू महिला को पानी में नशे की दवा मिलाकर पिलाने की कोशिश की. उस मामले में भी इसी तरह के वीडियो को ग़लत दावे से शेयर किया गया था.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.