“बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में हिंदुओ का घर खाली करवा रही है वो इस वीडियो में जरा देखिये”।
उपरोक्त संदेश के साथ, एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शेयर किया गया है। ढाई मिनट लंबा यह वीडियो अपनी दुर्दशा बता रही एक महिला के इस वर्णन से शुरू होता है कि उसे अपना घर खाली करने के लिए मजबूर किया गया था। यह वीडियो फिर एक दूसरी महिला को दिखाता है जो उस जगह के आसपास घूम-घूम कर बताती है कि कैसे हमला किया गया और आग लगा दी गई। बाद में वीडियो में, वह पुलिस पर हिंसा में मिलीभगत का आरोप लगाती है। यह वीडियो, बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट है।
“बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में हिंदुओ का घर खाली करवा रही है वो इस वीडियो में जरा देखिये”…👇😡😡😡
Posted by भगवा शेरनी on Wednesday, 8 May 2019
एक पेज, भगवा शेरनी के उपरोक्त पोस्ट को, 7 मई को पोस्ट किए जाने के बाद से, 1,67,000 से अधिक बार देखा गया और 7,500 से अधिक बार शेयर किया गया है। इस वीडियो को कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया है। यहां वीडियो के साथ दावा किया गया है कि हिंदू समुदाय के सदस्यों को पश्चिम बंगाल में अपने घर खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वायरल संदेश में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को, इस मनमानी प्रताड़ना के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार होने का वीडियो में बयान करते हुए, सीधे दोषी ठहराया गया है।
अभिनेत्री कोयना मित्रा ने भी यही वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि “बंगाल में कश्मीर जैसे हालात हैं। अवैध अप्रवासी घर जला रहे हैं और हिंदुओं को मार रहे हैं। ममता के जिहाद से सभी अवैध प्रवासियों को हटाओ, भारत को उनकी जरूरत नहीं है।” – (अनुवाद)
Kashmir like situation in Bengal. Illegal Immigrants are burning houses and killing Hindus. Throw all illegal immigrants from Mamta's jihad den, India does not need them!!! @SuPriyoBabul @narendramodi @AmitShah @HMOIndia #Bengal #KashmiriPandits #IllegalImmigrants pic.twitter.com/KiKIUSQS2n
— Koena Mitra (@koenamitra) May 18, 2019
2018 का वीडियो
टीएमसी सरकार के हाथों हिंदुओं से भेदभाव का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इतने आक्रामक तरीके से शेयर किया गया वीडियो, हाल का नहीं है। यह एक साल से अधिक पुराना है। यह, मार्च 2018 की रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल के आसनसोल को हिलाकर रख देने वाली सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित है। उस दंगे में कम से कम पांच लोग मारे गए थे।
BBC हिंदी की ग्राउंड रिपोर्ट 2 अप्रैल, 2018 को यूट्यूब पर प्रकाशित हुई थी। इसे नीचे पोस्ट किया गया है।
मार्च 2018 में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा ने आसनसोल को हिला कर रख दिया
मार्च 2018 में आसनसोल में सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जब रानीगंज में रामनवमी के जुलूस हिंसक हो गए थे। उस हिंसा में पांच लोग मारे गए थे, और दर्जनों वाहनों और घरों में आग लगा दी गई थी। अप्रैल 2018 में प्रकाशित स्क्रॉल की एक ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा से प्रभावित लोगों ने कहा कि पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हुई। इस रिपोर्ट में कहा गया है :
“हिंसा की घटनाओं पर करीबी नज़र और जिन लोगों ने जुलूसों का आयोजन किया या उनमें भाग लिया उनके समेत, उन लोगों से बातचीत जो इनके गवाह थे, उससे यह प्रकट होता है कि पुलिस और प्रशासन ने दंगे पर प्रतिक्रिया देने और इसके फैलाव को रोकने के अपने प्रयासों में देरी कर दी थी। उनमें से कई ने स्क्रॉल.इन को बताया कि पुलिस को परेशानी वाले स्थानों पर पहुंचने में कई घंटे लग गए, इसके बावजूद कि इनमें से कई स्थान पुलिस थानों से मिनटों की दूरी पर हैं। उन्होंने पुलिस पर उन क्षेत्रों में पर्याप्त कर्मियों को तैनात नहीं करने का भी आरोप लगाया, जहां पिछले रामनवमी समारोहों के दौरान झड़पें हुई थीं।”
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में 2018 में हुई घटना की एक ग्राउंड रिपोर्ट का वीडियो, टीएमसी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के इशारे पर हिंदू समुदाय के उत्पीड़न और डराने की हालिया घटना के रूप में शेयर किया गया। अंतिम चरण के मतदान की ओर अग्रसर राष्ट्र के साथ, पश्चिम बंगाल, लगातार बढ़ती गलत सूचनाओं के निशाने पर है।
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