22 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक वीडियो ट्वीट किया था. इसमें देखा जा सकता था कि वो GTB हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर अनस मुजाहिद के घर गए थे. डॉक्टर अनस की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी थी. केजरीवाल ने लिखा कि डॉक्टर अनस कोरोना मरीज़ों का इलाज करते हुए मात्र 26 वर्ष की उम्र में शहीद हो गए.

इसकी पृष्ठभूमि में कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने इस तरह से किसी और परिवार की मदद नहीं की है. इसी के साथ दावा किया जाने लगा कि आम आदमी पार्टी एक धर्म के लोगों के प्रति पक्षपात कर रही है. कई यूज़र्स ने ये भी दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने और परिवारों की मदद के लिए कोई ट्वीट नहीं किया. ये दावा हिंदी और अंग्रेज़ी, दोनों में वायरल है.

भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय और हरियाणा भाजपा के सोशल मीडिया हेड अरुण यादव के दावों को 5 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया.

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भाजपा सदस्य गौरव महाजन और भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य रवि सोलंकी ने इस दावों को बढ़ावा दिया. भाजपा समर्थकों @MeghUpdates, @ExSecular और ऋषि बागरी के ट्वीट्स को कुल मिलाकर 5 हज़ार से ऊपर रीट्वीट मिले. इन यूज़र्स ने इससे पहले भी कई मौकों पर मिस-इन्फ़ॉर्मेशन फैलाई है. (पहला लिंक, दूसरा लिंक)

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प्रोपोगेन्डा फैलाने वाली वेबसाइट्स TFI पोस्ट और क्रियेटली ने ऐसी ही कहानी गढ़ते हुए आर्टिकल पब्लिश किये.

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फ़ैक्ट-चेक

19 अप्रैल को, दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कहा, “कोई भी व्यक्ति, जिसमें डॉक्टर नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ़, सिक्योरिटी/सफ़ाईकर्मी या कोई और सरकारी अफ़सर/अधिकारी जिसमें पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे, वो चाहे टेम्परेरी हों या परमानेंट या संविदा पर हों, चाहे सरकारी सेक्टर में हों या प्राइवेट, अगर दिल्ली सरकार द्वारा कोविड ड्यूटी पर रखे गए हैं और उनकी ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.” (पीडीएफ़ देखें.)

जबकि सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा था कि सिर्फ़ डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिवार को ही मुआवजा मिला है और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बाकी परिवारों की मदद के बारे में कोई ट्वीट नहीं किया है, हमें केजरीवाल के अकाउंट से किये गए कई ऐसे ट्वीट मिले जो इन दावों को झूठा साबित करते हैं. उन्होंने कई ऐसे वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें बाकी परिवारों को मदद दी जा रही है.

1. 22 मई: नितिन तंवर, प्राइमरी स्कूल में शिक्षक
2. 20 मई: शिवजी मिश्र, स्कूल में अध्यापक
3. 13 मार्च: राकेश जैन, हिंदू राव अस्पताल में लैब टेक्नीशियन
4. 18 फ़रवरी: राज कुमार, सिक्योरिटी गार और ओमपाल, स्कूल प्रिंसिपल
5. 13 जनवरी: डॉक्टर हितेश गुप्ता
6. सितम्बर 2020: राजेश भारद्वाज, दिल्ली सरकार में फ़ार्मसिस्ट
7. अगस्त 2020: राजू, सफ़ाईकर्मी
8. अगस्त 2020: डॉक्टर जोगिन्दर चौधरी, दिल्ली के सरकारी अस्पताल में
9. जुलाई 2020: डॉक्टर जावेद अली
10. जुलाई 2020: अरुण कुमार, सिविल डिफ़ेंस ऑफ़िसर

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आम आदमी पार्टी के एक नेता ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर ऑल्ट न्यूज़ को 15 परिवारों की एक लिस्ट उपलब्ध करवाई जिसमें वो परिवार थे जिनके सदस्य की मृत्युपरांत उन्हें सहायता राशी दी गयी थी. 15 परिवारों में 11 से मिलने के बारे में अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया था. जिन्हें हरे रंग से दिखाया गया है, वो डॉक्टर हैं. बाकी 4 में से 3 के बारे में मीडिया रिपोर्ट मिलती हैं – बैकाली सरकार, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में संविदा पर शिक्षक; चरण सिंह, लोक नायक अस्पताल में कर्मचारी और शेओजी मिश्रा, अध्यापिका. रिपोर्ट में बताया गया है कि इनके परिवार को कोविड की सहायता राशि मिलेगी.

भाजपा सरकार और समर्थकों ने अरविन्द केजरीवाल के डॉक्टर अनस के परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि देने के ट्वीट के साथ साम्प्रदायिक दावे करने शुरू किये. केजरीवाल ने 11 और ट्वीट किये थे जिसमें उनके कोविड से मरने वाले लोगों के परिवार से मिलने पहुंचने के बारे में जानकारी मिलती है.


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