प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर लाठीचार्ज करते पुलिसकर्मियों के भीड़ का वीडियो व्हाट्सएप पर प्रसारित हो रहा है। व्हाट्सएप पर वायरल उक्त वीडियो के साथ यह दावा किया गया है- “शाहआलम मे पत्थरमारा करने से पहेले पुलीस ने बिना कीसी वजह के लाठीचार्ज कीया ,,, पब्लिक पर”। ऑल्ट न्यूज़ को इसकी तथ्य-जांच के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
इसी दावे के साथ इस क्लिप को ट्विटर पर भी शेयर किया गया है।
Isko Godi media nhi dikhayegi Gujarat Ahmadabad Ke shahalam me @Aruuniimaa @ziddi__zoya_ @ziddi_zoya_ @ziddy_zoya_ pic.twitter.com/d1jTV5zh9o
— Pathanshahalam (@Pathanshahalam) December 20, 2019
19 दिसंबर को, नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के विरोध ने हिंसक मोड़ ले लिया और अहमदाबाद, गुजरात के शाह आलम क्षेत्र में 19 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए। एक रिपोर्ट के अनुसार, शाम लगभग 5 बजे, प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थर फेंकने और पुलिसकर्मियों और उनके वाहनों पर हमला करने के साथ हिंसा भड़की। पुलिस कथित तौर पर प्रदर्शन स्थल से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने आई थी।
द इंडियन एक्सप्रेस ने 20 दिसंबर को खबर दी, “कई वीडियो दिखलाते हैं कि भीड़ ने पुलिस कंट्रोल रूम वैन पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।”-(अनुवाद)
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए, अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा, “हमने लगभग 32 लोगों को हिरासत में लिया है, हम FIR दर्ज़ कर रहे हैं। हम सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दूसरों की पहचान कर रहे हैं। घटना में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए।”
तथ्य-जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ट्विटर पर कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि वीडियो लखनऊ, उत्तर प्रदेश का है। पत्रकार सौरभ त्रिवेदी ने 19 दिसंबर 2019 को यह वीडियो इस संदेश के साथ पोस्ट किया, “#Lucknow Police ने लोगों पर लाठीचार्ज किया जो नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का विरोध करने एकत्र हुए थे। #CAA_NRC #lucknowprotest”।
#Lucknow Police lathi-charged people who gathered to protest against the Citizenship (Amendment) Act and the National Register of Citizens. #CAA_NRC #lucknowprotest pic.twitter.com/w0tKBQ9kGu
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) December 19, 2019
यह पुष्टि करने के लिए कि वीडियो लखनऊ का है ,अहमदाबाद का नहीं, हमने इसका फ्रेम दर फ्रेम विश्लेषण किया और उनमें से एक फ्रेम का मिलान द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर से किया।
The Lucknow Police had to resort to lathicharge and use tear gas to disperse the crowd. Madheyganj and Sakhanda police outposts in the city were also vandalised by the mob. https://t.co/HkAcwhlEI8 pic.twitter.com/kqWEvn4YMD
— The Indian Express (@IndianExpress) December 19, 2019
नीचे की तुलना में, हमने द इंडियन एक्सप्रेस की तस्वीर के साथ वीडियो से लिए गए एक फ्रेम को रखा है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट ने पुष्टि की कि वह वीडियो लखनऊ का है।
अहमदाबाद सिटी पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया पर चल रहा वीडियो लखनऊ है, अहमदाबाद का नहीं।
આ ફેક વિડીયોને સોશિયલ મીડિયા પર શેર કરવામાં આવી રહ્યો છે. તપાસ વિના ફેક વિડીયો અથવા ફોટો ફોરવર્ડ/શેર કરશો નહીં. અમે સતત સોશિયલ મીડિયા પર નજર રાખી રહ્યા છીએ. જે આ ફેક વિડીયો/ફોટો શેર કરશે, એમની સામે કાયદેસરની કાર્યવાહી કરવામાં આવશે. #AhmedabadPolice #FakeNews #FactCheck pic.twitter.com/9BZmcdupzh
— Ahmedabad Police (@AhmedabadPolice) December 20, 2019
निष्कर्षतः, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो, अहमदाबाद पुलिस द्वारा शाह आलम में प्रदर्शनकारियों को उकसाने के रूप में साझा किया गया।
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