नागरिकता संशोधन अधिनियम और NRC को लेकर विभिन्न शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, सोशल मीडिया में तस्वीरों का एक सेट इस दावे के साथ पोस्ट किया गया है कि यह, पश्चिम बंगाल में इस अधिनियम के समर्थन में इकट्ठा हुई भारी भीड़ का प्रतिनिधित्व करता है।
ये तस्वीरें, तमिल संदेश के साथ पोस्ट की गई हैं- “குடியுரிமை சட்டத்திற்கு ஆதரவாக திரண்ட மேற்கு வங்கத்தின் தேசபக்தர்கள்” (पश्चिम बंगाल के देशभक्त जिन्होंने नागरिकता अधिनियम के समर्थन में रैली की। आतंकवादी देखते रहे –गूगल अनुवाद)। यह ट्वीट (अब हटा दिया गया) सीटीआर निर्मल कुमार का है, जो तमिलनाडु भाजपा के आईटी और सोशल मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष हैं। एक और ट्वीट जिसमें दो तस्वीरें पोस्ट की गई हैं, उन्हें अब तक 750 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है।
तस्वीरों को फेसबुक पर भी पोस्ट किया गया है।
#CAB के समर्थन मे महाराष्ट्र मे विशाल शोभायात्रा जो आपको मीडिया वाले नही दिखायेंगे..!
Posted by Poonam Mehta on Thursday, 19 December 2019
उपरोक्त पोस्ट का दावा है कि ये तस्वीरें नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में विशाल शोभायात्रा का प्रतिनिधित्व करती हैं। कुल मिलाकर चार तस्वीरें हैं।
तथ्य-जांच: पुरानी तस्वीरें
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि पोस्ट की गई तस्वीरें पुरानी हैं, और इस प्रकार, नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जमा हुए किसी भीड़ से संबंधित नहीं हैं। आइए हम प्रत्येक तस्वीर और उनकी सच्चाई पर एक नज़र डालें।
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने उपरोक्त तस्वीर की रिवर्स सर्च की तो इसे सितंबर 2016 में द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक लेख में पोस्ट किया हुआ पाया। इस लेख का शीर्षक है- ‘कोपर्डी बलात्कार मामला : अहमदनगर में मराठा विरोध रैली में कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों का शक्ति प्रदर्शन’। यह तस्वीर मराठा समुदाय के एक जमावड़े से संबंधित है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, “जिले भर के सैकड़ों गाँवों के लाखों मराठा शुक्रवार को यहाँ एक रैली में जुटे, जिसे उस समुदाय के सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है जिसने हाल ही में राज्य भर में शृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया था। वे मांग कर रहे थे कि जिले के कोपर्डी गांव में एक मराठा लड़की के बलात्कार और हत्या के अपराधियों को फांसी दी जाए।” यह तस्वीर महाराष्ट्र के अहमदनगर में ली गई थी।
दूसरी तस्वीर
गूगल पर उपरोक्त तस्वीर की रिवर्स-सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ ने इसे भी महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के 2016 के विरोध-प्रदर्शन से संबंधित पाया। यह तस्वीर DNA के 16 अक्टूबर, 2016 के एक लेख में प्रकाशित हुई थी। वह लेख ठाणे में आयोजित हुई मराठा समुदाय की एक रैली के बारे में है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि DNA ने अपने लेख में इसे ‘फाइल फोटो’ कहा है। बहरहाल, अक्टूबर 2016 में इस तस्वीर की उपस्थिति स्पष्ट करती है कि इसका मौजूदा आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
तीसरी तस्वीर
उपरोक्त तस्वीर की रिवर्स-सर्च से पता चला कि यह भी 2016 में प्रकाशित हुई थी। हमें लाइव मिंट के एक लेख में वही तस्वीर मिली। यह तस्वीर भी मराठा आंदोलन से संबंधित है। फोटो के लिए हिंदुस्तान टाइम्स को श्रेय दिया गया है।
चौथी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर भी 2016 के मराठा आंदोलन से संबंधित है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें यह तस्वीर प्रकाशित हुई थी, इसे महाराष्ट्र के सांगली में लिया गया था। लेख अक्टूबर 2016 का है।
इस प्रकार, यह ध्यान देने योग्य है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में इकठ्ठा हुई भीड़ के रूप में चलाई गई तस्वीरों में से कोई भी हाल की नहीं है। वे सब 2016 के महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के आंदोलन से संबंधित हैं।
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