सोशल मीडिया में एक बच्चे के साथ हिंसा का वीडियो साझा किया जा रहा है। इस वीडियो के साथ यह संदेश है, “आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के DPS SCHOOL Rajbag का टीचर है इसको इतना शेयर करो की ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए। वीडियो वायरल होने से काफी फ़र्क पड़ता है ओर कार्यवाही होती है जिसे दया न आये वो अपना मुंह (टाइपिंग) बंद रखे”– साझा किया गया है। इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया गया है।

इसी वीडियो को पिछले साल एक अन्य दावे के साथ साझा किया गया था, जिसमें इस वीडियो को वलसाड के RM VM SCHOOL का बताया गया था। यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ साझा किया गया था।

वीडियो मिस्र के अनाथालय का है

ऑल्ट न्यूज़ ने इनवीड के ज़रिये वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पाया कि यह वीडियो 5 अगस्त, 2014 को डेली मेल के लेख में प्रकाशित किया गया था, जिसका शीर्षक,”अनाथालय के प्रबंधक को उसकी पत्नी ने बच्चे को छड़ी और लातों से मारते हुए गुप्त रूप से कैमरा में कैद किया, इस घटना ने पुरे मिस्र को हिला दिया है “-(अनुवाद )। इस लेख के मुताबिक,”वीडियो में दिखाया गया है कि ओसामा मोह्हमद ओथमैन बच्चों को लात मार रहे थे और वे दर्द से चिल्ला रहे थे। राज्य द्वारा संचालित अल-अहराम समाचारपत्र के मुताबिक, ओथमैन की पत्नी दो महीने पहले गीज़ा के दार मक्का अल-मोकरमा अनाथालय में यह वीडियो बनाया था”-(अनुवाद )। यहां पर है कि यह वीडियो मिस्र के एक अनाथालय का है ना कि वलसाड के R.M & V.M देसाई विद्याधाम स्कूल का, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया गया है।

इसके अतिरिक्त, ऑल्ट न्यूज़ को R.M & V.M देसाई विंध्यधाम की वेबसाइट के मुख्य पृष्ट पर उनका एक बयान मिला है, जिसके मुताबिक,“R.M & V.M देसाई विद्याधाम स्कूल के नाम पर कई वीडियो अपलोड किये गए है। यह वीडियो 100% फ़र्ज़ी है और कई अन्य घटनाओं से समबधित है जिनका स्कूल से कोई लेना देना नहीं है। नीचे lallantop का एक वीडियो दिया गया है जो इन वायरल वीडियो की अवैधता को साबित करता है”-(अनुवाद )

बयान के मुताबिक, फेसबुक और ट्विटर पर RM VM स्कूल के नाम से कई वीडियो को इसे RM VM स्कूल के शिक्षक का बताकर साझा किया जा रहा है।

ऑल्ट न्यूज़ ने इससे पहले भी इस वीडियो की 2018 में पड़ताल की थी। सोशल मीडिया में नियमित तौर पर गलत सूचनाओं के माध्यम से किसी राजनितिक दल, सार्वजनिक व्यक्ति या ऐतिहासिक शख़्सियत की छवि को ख़राब करने का प्रयास किया जाता है, मगर इस बार किसी स्कूल की छवि को खराब करने के लिए बच्चे के साथ हिंसा के एक वीडियो का उपयोग किया गया है। इस वीडियो की पहले भी कई बार पड़ताल की जा चुकी है, जिसमें इसके साथ किया गया दावा गलत पाया गया है, लेकिन फिर भी सोशल मीडिया में इसे बार-बार गलत दावे से शेयर किया जाता है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.