सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास किए बिना IAS अधिकारी बन गई हैं.
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ध्रुव राठी के एक पैरोडी अकाउंट ने हाल ही में दावा किया है कि अंजलि बिरला पेशे से एक मॉडल थीं. और अपने पिता की बदौलत, उन्होंने असल में परीक्षा दिए बिना ही UPSC परीक्षा पास कर ली. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस पोस्ट को 25 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 10 हज़ार से ज़्यादा बार री-ट्वीट किया गया है.
India is the only country where you can clear UPSC without sitting in the examination.
But for that you have to be born as a daughter of Lok Sabha Speaker Om Birla.
Anjali Birla D/o Om Birla cleared UPSC without giving any examination, she is a model by profession.
Modi Govt… pic.twitter.com/WDHe6n4yAa
— Dhruv Rathee (Parody) (@dhruvrahtee) June 28, 2024
इस यूज़र ने ऐसे ही दावों के साथ कई ट्वीट्स किये हैं.
हमें X पर कुछ और ट्वीट्स मिलीं जिनमें आरोप लगाया गया कि अंजलि बिरला को अपने पिता की राजनीतिक स्थिति से लाभ हुआ. कुछ लोगों ने दावा किया कि वो अनुचित तरीकों से IAS अधिकारी बनी हैं. (लिंक: 1, 2, 3, 4, 5)
मणिपुर कांग्रेस कमेटी के ऑफ़िशियल फ़ेसबुक अकाउंट पर दावा किया गया कि ओम बिरला की “मॉडलिंग बेटी” अचानक “IAS परीक्षा दे दी” और अनुचित तरीकों से IAS अधिकारी बन गई.
हमें ऐसी रिपोर्ट्स भी मिलीं जिसमें अंजली बिरला को IAS अधिकारी बताया गया था. इस लिस्ट में ज़ी की न्यूज़ वेबसाइट india.com, इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज़ तक और दैनिक जागरण की रिपोर्ट्स शामिल हैं. जागरण रिपोर्ट की हेडलाइन में कहा गया, “OM Birla की बेटी क्या अपनी मेहनत से बनी IAS? या Anjali को हुआ पिता के नाम का फायदा?”
ये दावा फ़ेसबुक पर भी वायरल है. संजीब सरदार नाम के एक यूज़र ने लिखा, अंजलि बिरला “बिना किसी परीक्षा में बैठे पहले ही कोशिश में IAS अधिकारी बन गईं.”
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च किया और हमें जनवरी 2021 में पब्लिश्ड NDTV का एक आर्टिकल मिला. इसमें 23 साल की अंजलि बिरला ने NDTV के एक एंकर से बात की थी और इन आरोपों का खंडन किया था कि उन्होंने ‘बैकडोर चैनल’ के माध्यम से परीक्षा पास की थी. इससे पता चलता है कि ये आरोप नये नहीं हैं.
इंटरव्यू में अंजलि बिरला आगे कहती हैं कि उन्होंने अपने पहली कोशिश में UPSC परीक्षा पास करने के लिए 8 से 12 घंटे तक पढ़ाई की. वो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए अपनी बड़ी बहन को भी धन्यवाद देती हैं. इसके अलावा, वो सोशल मीडिया यूज़र्स से आग्रह करती है कि वो इतने भोले न बनें कि इंटरनेट पर मौजूद हर चीज पर विश्वास कर लें और निराधार दावों के आधार पर किसी की प्रतिष्ठा और कड़ी मेहनत को नुकसान न पहुंचाएं.
हमने पाया कि अंजलि बिरला का नाम 2019 से UPSC वेबसाइट पर अनुशंसित उम्मीदवारों की ऑफ़िशियल आरक्षित लिस्ट में था. उसी का एक स्क्रीनशॉट आगे, अटैच किया है जो इस फ़ैक्ट की पुष्टि करता है कि उनका नाम 2019 सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों में शामिल था.
UPSC के नियमों के मुताबिक, “अनुशंसित उम्मीदवारों की इस सूची के साथ, आयोग … उम्मीदवारों की एक समेकित आरक्षित सूची भी बनाए रखता है.” ये सभी श्रेणी के तहत अंतिम अनुशंसित उम्मीदवार से नीचे योग्यता के क्रम में रैंकिंग वाले सामान्य और आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों की एक लिस्ट है. इस प्रकार रखी गई आरक्षित लिस्ट को तब तक गोपनीय माना जाता है जब तक उप-नियम (5) के संदर्भ में सिफारिशों की प्रक्रिया आयोग द्वारा अंतिम रूप से खत्म नहीं हो जाती.
अंजलि बिरला का रोल नंबर, (जो कि 0851876 था) 2019 UPSC प्रारंभिक परीक्षा परिणाम के साथ-साथ मुख्य परीक्षा परिणाम में भी पाया गया था. नीचे देखें:
ऑल्ट न्यूज़ को 2019 में UPSC द्वारा जारी सेवा आवंटन लिस्ट भी मिली जिससे पता चला कि अंजलि बिरला को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (IRPS) आवंटित की गई थी जैसा कि कई यूज़र्स और मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया है. इस सेवा में सिविल सेवकों को भारतीय रेलवे के मानव संसाधनों के प्रबंधन और रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण का काम सौंपा जाता है.
हमने भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा की वेबसाइट पर IRPS अधिकारियों की सूची चेक की. हमने पाया कि अंजलि बिरला उत्तर रेलवे में सहायक कार्मिक अधिकारी के पद पर तैनात थीं.
अंजलि बिरला सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रशिक्षण संस्थान विज़न IAS के साथ एक इंटरैक्टिव सेशन में भी दिखाई दी हैं. फ़रवरी 2021 के इस वीडियो में उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी के अपने अनुभव बताए.
निष्कर्ष के तौर पर, ये आरोप झूठे हैं कि ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला UPSC परीक्षा में बैठे बिना IAS अधिकारी बन गई हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उन्होंने 2019 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी, और उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा आवंटित की गई थी. वो IAS अधिकारी नहीं हैं.
प्रांतिक अली ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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