4 जून को लोकसभा में 293 सीटों के साथ BJP के नेतृत्व में NDA की सरकार वापस सत्ता में आई. और इस तरह 400 सीटों के साथ भारी जीत की अलग-अलग एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां ग़लत साबित हुईं. विपक्षी खेमे ने इसे मोदी सरकार के खिलाफ़ जनादेश के रूप में देखा, INDIA गठबंधन के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ने इस भावना को संक्षेप में कहा, “भाजपा की नकारात्मक राजनीति का सूरज डूब गया है और अब ये सकारात्मक, रचनात्मक राजनीति की सुबह है.”
हालांकि, सकारात्मक, रचनात्मक राजनीति की सुबह की आशा शायद इस देश में लाखों लोग करते हैं, लेकिन उसे बड़ा झटका तब लगा जब ये पता चला कि भाजपा ने कई प्रमुख राईटविंग सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. ऐसे अकाउंट जिन्हें बार-बार मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर सांप्रदायिक नफरत और दुष्प्रचार शेयर करते हुए पाया गया है, उन्हें 9 जून को रायसीना हिल्स में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था.
सोचने की बात है कि क्या इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण इन व्यक्तियों द्वारा किए गए काम का पुरस्कार था. क्यूंकि ये लोग भाजपा के ‘अनऑफ़िशियल IT सेल’ की तरह काम करते हैं. लोकसभा चुनावों के पूरे अभियान के दौरान, इन इन्फ्लुएंसर्स ने ऑफ़िशियल IT सेल के साथ मिलकर, सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक प्रचार को बढ़ावा देने में और आमतौर पर मुस्लिम समुदाय को खलनायक बनाने और विपक्ष के बारे में झूठ फ़ैलाने में अपनी भूमिका निभाई है.
उनमें से कई ने संसद से अपने काम की वैधता के संकेत के रूप में इस कार्यक्रम में अपने आमंत्रण का दिखावा किया. इस आर्टिकल में हम ऐसे व्यक्तियों और उनके केस हिस्ट्री का संकलन किया है:
रौशन सिन्हा
एक्स यूज़र @MrSinha_, का असली नाम रौशन सिन्हा है. इन्होंने अपनी पहचान एक ‘भारतीय राजनीतिक कमेंटेटर’ और ‘हिंदू राइट्स एक्टिविस्ट’ के रूप में बताई है. वो प्लेटफ़ॉर्म पर सबसे प्रमुख राईटविंग इन्फ्लुएंसर में से एक हैं. उन्हें न सिर्फ कई बार सांप्रदायिक दुष्प्रचार शेयर करते हुए पाया गया है, बल्कि ट्विटर की पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए हैंडल को सस्पेंड भी किया गया है.
9 जून को रौशन सिन्हा ने उनके आमंत्रण पत्र की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने का अवसर… मोदी 3.0 लोड हो रहा है.’
Opportunity to witness a historical moment….
Modi 3.0 loading 😍😍 pic.twitter.com/tCWMshCrfX
— Mr Sinha (@MrSinha_) June 9, 2024
पिछले दो महीनों में ऑल्ट न्यूज़ ने कम से कम सात बार रौशन सिन्हा के दावों को ग़लत पाया है और उनपर फैक्ट चेक रिपोर्ट पब्लिश की है. इनमें सीधे तौर पर कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाना बनाने वाले झूठे दावे शामिल हैं.
इस यूज़र ने अक्टूबर 2023 में इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद इज़राइल समर्थक प्रॉपगेंडा फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसने सक्रिय रूप से ग़लत सूचना और साजिश के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया. इनमें ये अनवेरिफ़ाईड दावा भी शामिल है कि हमास ने 40 बच्चों का सिर काट दिया था. रौशन सिन्हा ने ये भी झूठा दावा किया कि हमले में मारा गया उमर नाम का चार साल का बच्चा असल में एक गुड़िया था. युद्ध के चरम पर उन्होंने इस झूठ को आगे बढ़ाया कि वायरल क्लिप में अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए देखा गया एक व्यक्ति फ़िलिस्तीनी इन्फ्लुएंसर सालेह अलजाफरावी था. हालांकि, असल में वीडियो में जुलाई-अगस्त 2023 में नूर शम्स शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमले में घायल हुए 16 साल के व्यक्ति सईद ज़ांडेक को दिखाया गया था.
दिसंबर 2022 में जब भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत एक कार दुर्घटना का शिकार हो गए, तो @MrSinha_ ने ट्वीट किया कि दुर्घटना रोहिंग्या बहुल इलाके में हुई थी और स्थानीय लोगों ने उनकी मदद करने के बजाय, उनका सारा सामान लूट लिया और भाग गए.
बाद में पुलिस ने एक वीडियो बयान में साफ़ किया कि ये पूरी तरह से झूठा दावा था. दरअसल, ऋषभ पंत को हरियाणा रोडवेज बस संचालकों ने बचाया था. जब पैरामेडिक्स उन्हें ले जा रहे थे, इन्होंने पुलिस से संपर्क किया, उनकी जान बचाई और उनका कीमती सामान उन्हें सौंप दिया.
सुरेश चव्हाणके
खुले तौर पर इस्लामोफ़ोबिक न्यूज़ आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके भी इस समारोह में मौजूद थे. उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपना एक वीडियो पोस्ट किया और कैप्शन दिया, “”जय श्री राम” का पटका पहनकर मोदी 3.0 के एतिहासिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम में आपके और से उपस्थित हूँ.”
“जय श्री राम” का पटका पहनकर मोदी 3.0 के एतिहासिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम में आपके और से उपस्थित हूँ। #ModiCabinet #RashtrapatiBhawan #NarendraModi #Modi
pic.twitter.com/FIYXNLvwC8— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) June 9, 2024
सुदर्शन न्यूज़ और उसके पत्रकारों का सांप्रदायिक रूप से खतरनाक और विभाजनकारी ग़लत सूचना फ़ैलाने का इतिहास रहा है. साथ ही, इन्हें अक्सर भाजपा से समर्थन भी मिलता रहा है.
2022 में श्रद्धा वॉकर हत्या मामले के बाद, सुरेश चव्हाणके ने एक अंतरधार्मिक जोड़े की शादी के रिसेप्शन वाली जगह का डिटेल ऑनलाइन शेयर कर दिया. #LoveJihad_ActOfTerrorism #LoveJihad #Shraddha हैशटैग के साथ पोस्ट किए गए ट्वीट को 5 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया और 10 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स भी मिले. कथित तौर पर “समारोह का निमंत्रण सार्वजनिक रूप से लीक हो जाने के कारण” आख़िरकार शादी को रद्द करना पड़ा.
सुरेश चव्हाणके को भड़काऊ भाषण देने के लिए भी जाना जाता है. ऑल्ट न्यूज़ द्वारा डॉक्यूमेंटेड एक ऐसे ही भाषण में सुरेश चव्हाणके ने संगमनेर में एक सभा को संबोधित करते हुए खुले तौर पर इस्लामोफ़ोबिक बयानबाज़ी की थी. ये क्लिप सुदर्शन न्यूज़ के ऑफ़िशियल हैंडल से ट्वीट किया गया था.
संगमनेर का हिंदू कहता, “था मेरा अब्दुल वैसा नहीं है” तो सुरेश चव्हाणके जी ने बताया उसने क्या किया@SureshChavhanke #HinduHunkarSabha #Sangmner #Lovejihad pic.twitter.com/x1JSoVDhv6
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) June 8, 2023
जुलाई 2023 में इन्होंने महाराष्ट्र के कोपरगांव में मुसलमानों के खिलाफ़ बेहद नफरती भाषण दिया. इस भाषण से कथित ‘थूक जिहाद’ की साजिश को बढ़ावा मिला. 2020 में सुदर्शन न्यूज़ पर चव्हाणके के एक शो ने ‘UPSC जिहाद’ के षड्यंत्र सिद्धांत को बढ़ावा दिया गया. इस शो के जरिए दावा किया जा रहा था कि मुसलमान सार्वजनिक सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने शो को ‘आक्रामक’ पाया और चैनल को चेतावनी दी. सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए कार्यक्रम पर रोक लगा दी कि “…कार्यक्रम का मकसद, इरादा और उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को एक घातक प्रयास से बदनाम करना है…”
चुनावों के दौरान, सुदर्शन न्यूज़ ने लगातार नफरत भरे भाषण और सांप्रदायिक गलत सूचनाओं से भरपूर कंटेंट पब्लिश की. दलित सॉलिडैरिटी फ़ोरम, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल, हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स और टेक जस्टिस लॉ प्रोजेक्ट की एक संयुक्त रिपोर्ट में ऐसे 26 वीडियो पर प्रकाश डाला गया है जिनमें नफरती भाषण, ग़लत सूचना और मॉनेटाइजेशन पर यूट्यूब की पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है. खास बात ये है कि इनमें से 17 वीडियो मतदान के दौरान जारी किए गए थे. इन कंटेंट से षड्यंत्र के सिद्धांतों का प्रचार कर मुसलमानों को अमानवीय बताने का काम किया गया और पहले से ही खारिज किए गए कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे दावों को बढ़ावा दिया गया.
अभिजीत अय्यर-मित्रा
इंस्टीट्यूट ऑफ़ पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज के वरिष्ठ फ़ेलो अभिजीत अय्यर-मित्रा ने पीएम के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण कार्ड की एक तस्वीर ट्वीट की और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. उनके ट्वीट में लिखा था, “उम्मीद है कि जल्द ही आपसे व्यक्तिगत मुलाकात होगी.”
अभिजीत मित्रा ने समय-समय पर मुसलमानों के प्रति अपने गहरे तिरस्कार का खुलेआम प्रदर्शन किया है. उदाहरण के लिए, 2020 में उन्होंने कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की आलोचना करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर निशाना साधा था. उन्होंने तब्लीगी जमात के सदस्यों को “आतंकवादी” कहा था और सुझाव दिया था कि सरकार उन्हें जेल में एकान्त कारावास रखने के बजाय उन पर संसाधन बर्बाद कर रही है.
अपने ट्वीट में (जिसे अब हटा दिया गया है) उन्होंने जुबैर को “जिहादी जब्बार” कहा और उनकी मां के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की. साथ ही उनकी धार्मिक मान्यताओं पर हमला किया. ज़ुबैर के बचाव में आने वाले व्यक्तियों को ‘जिहाद समर्थक’ कहा गया. ट्वीट की बेहद घटिया भाषा इसे इस रिपोर्ट में शामिल करने के लिए उपयुक्त नहीं बनाती है.
अभिजीत ने ऑल्ट न्यूज़ को ‘ISI फ्रंट’ भी करार दिया है.
So-called defence expert’s expert analysis consists of throwing terms like ‘Jihadi’, Jihad apologist’, ‘funded by terror funders’, ‘ISI front’ at people he disagrees with…. Tweet now deleted.🤷🏻♀️ pic.twitter.com/9tbqjM3pt5
— SamSays (@samjawed65) June 4, 2020
अभिजीत को 2018 में जगन्नाथ और कोणार्क मंदिरों पर कथित अपमानजनक ट्वीट के लिए भुवनेश्वर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मित्रा ने कहा कि मंदिर एक ‘हम्पल’ है. (‘मंदिर’ और ‘हंप’ शब्दों को मिलाकर, जो सेक्स के लिए एक अपशब्द है)
अभिजीत भी राईटविंग इकोसिस्टम का हिस्सा हैं जो व्यवस्थित रूप से ग़लत सूचना प्रचार और प्रसारित करता है. इसके द्वारा किए गए झूठे दावों की ऑल्ट न्यूज़ द्वारा कई बार फ़ैक्ट-चेक की गई है. मार्च 2022 में इन्होंने इस दावे को आगे बढ़ाया कि रूस ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकालने के लिए “6 घंटे के लिए युद्ध रोक दिया.” इस झूठ का पर्दाफाश खुद केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने किया था. ये खुद को एक ‘रक्षा विशेषज्ञ’ भी बताते हैं.
30 जनवरी 2020 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर बजरंग दल से जुड़े एक शख्स ने गोली चला दी थी. अचानक चली गोली से एक छात्र शादाब फ़ारूक घायल हो गया था. एक महिला द्वारा फ़ारूक को ले जाने की तस्वीरें ऑनलाइन सामने आने के बाद, अभिजीत अय्यर-मित्रा ने कई तस्वीरों में दिखाई दे रही एक लाल बोतल की ओर इशारा करते हुए पूछा, “ये लाल बोतल क्या है? कोई विचार?” इस ट्वीट को 2 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. साजिश के सिद्धांतों का प्रचार करने और चोटों की प्रकृति के बारे में शक पैदा करने के लिए कई राईटविंग हैंडल द्वारा इस्तेमाल की गई लाल बोतल, एक सादे पानी की बोतल थी.
नूपुर J शर्मा और J साई दीपक
इस समारोह में राईटविंग प्रचार आउटलेट ऑपइंडिया की प्रधान संपादक नुपुर जे शर्मा को भी आमंत्रित किया गया था. निमंत्रण कार्ड की तस्वीरों वाले एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “इतिहास बनने का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं.”
Looking forward to being a part of history being made pic.twitter.com/BbbwnyBCcd
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) June 9, 2024
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील जे साई दीपक के साथ एक सेल्फ़ी भी कोट-ट्वीट की.
नुपुर शर्मा जिस प्रॉपगेंडा वेबसाइट का संपादन करती हैं, वो कई सालों से सांप्रदायिक ग़लत सूचना और षड्यंत्र के सिद्धांतों को प्रचारित करने का काम कर रही है. इस आउटलेट में ‘पत्रकार’, जो अक्सर खुले तौर पर इस्लामोफ़ोबिक लेखन शैली का इस्तेमाल करते हैं, वो ‘लव जिहाद’ के सिद्धांत का दृढ़ता से समर्थन करते हैं. उनके प्रधान संपादक ने कई अवसरों पर मुसलमानों को ‘जिहादी’ के रूप में संदर्भित किया है. 2022 में हत्या के एक मामले में, नुपुर शर्मा ने अंतर-धार्मिक संबंधों में मुस्लिम पुरुषों को बदनाम करने इस लिए अब्दुल नाम का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया था, ‘आपका अब्दुल भी वैसा है.’
“Aapka Abdul bhi waisa hi hai”
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) November 14, 2022
मार्च 2023 में नुपुर शर्मा और ऑपइंडिया के CEO राहुल रौशन पर तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में ग़लत जानकारी फ़ैलाने के लिए मामला दर्ज किया गया था. नीचे कुछ और उदाहरण दिए गए हैं जहां नुपुर शर्मा ने एक पत्रकार के रूप में अपने ट्वीट्स में सांप्रदायिक बयानबाज़ी का सहारा लिया. वो पंजाबियों को संबोधित करने के लिए ‘पोटेशियम ऑक्साइड’ और ‘मद्रासचाप, ‘छपरी’ जैसे अपमानजनक शब्द और पंजाबियों के लिए ‘ख़ालिस्तानी’ जैसी जातिवादी शब्द का इस्तेमाल करती हैं.
2024 के आम चुनावों के परिणामों का विश्लेषण करते हुए एक ओपिनियन पीस में नुपुर शर्मा ने लिखा, “जब जिहादी सिर काटते हैं, तो वामपंथी इसे कवर फ़ायर कहते हैं. जिहादी आक्रमण करते समय वामपंथी उन हिंदुओं की पीठ पर निशाना साधते हैं जिन पर आक्रमण की ज़रूरत होती है. भाजपा लगभग बेहोशी की हालत में है. ये शायद ये साबित करने में इतना व्यस्त हो गए हैं कि वे फासीवादी नहीं हैं और उनकी आत्मसंतुष्टि ही उनके समर्थकों के लिए एक प्रकार का निष्फल फासीवाद बन गई है.”
उन पत्रकारों और प्रभावशाली लोगों को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने की उनकी विशेष रुचि है जिनसे वो वैचारिक रूप से अलग हैं. नीचे नुपुर शर्मा द्वारा राजदीप सरदेसाई पर बेहद घटिया भाषा में हमला करने का एक उदाहरण दिया गया है.
राईटविंग बुद्धिजीवियों में से एक, जे साई दीपक ने मई 2023 में यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया के चैनल ‘BeerBicep’ के लिए एक इंटरव्यू दिया. अलाहबादिया ने दीपक से तीन लोगों के नाम बताने को कहा, जिन्हें भारत छोड़ देना चाहिए और कभी वापस नहीं लौटना चाहिए. दीपक ने तीन प्रमुख भारतीय बुद्धिजीवियों के नाम के साथ जवाब दिया: रोमिला थापर, प्रोफ़ेसर इरफान हबीब और बरखा दत्त. गौरतलब है कि रोमिला थापर और इरफान हबीब अंतरराष्ट्रीय ख्याति के इतिहासकार हैं और बरखा दत्त वरिष्ठ पत्रकार हैं. ये तीनों ही मोदी सरकार के मुखर आलोचक हैं. पूरे इंटरव्यू के दौरान उन्होंने नफ़रत फ़ैलाने वाले भाषण और ग़लत सूचनाएं दीं.
ऋषि बागरी
ऋषि बागरी एक प्रमुख राईटविंग इन्फ्लुएंसर हैं जिन्हें ऑल्ट न्यूज़ ने नियमित तौर पर ग़लत सूचना और सांप्रदायिक नफरत फ़ैलाते हुए पाया है. एक्स पर बड़ी संख्या में इनके फ़ॉलोअर्स हैं. ऋषि बागरी को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था और उन्होंने X पर पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए निमंत्रण की एक तस्वीर शेयर की थी.
ऋषि बागरी को गूगल करने पर सर्च रिजल्ट में न्यूज़ सेक्शन मुख्य रूप से उनके झूठे और सांप्रदायिक दावों की फ़ैक्ट-चेक के साथ आता है.
चुनावी मौसम के दौरान, अप्रैल में प्रधानमंत्री के राजस्थान के बांसवाड़ा में सांप्रदायिक भाषण के बाद, ऋषि बागरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण का एक छोटा वीडियो शेयर किया, जिसमें राहुल गांधी पर हिंदूफ़ोबिया का आरोप लगाया गया था. ऋषि बागरी ने कहा, “कांग्रेस को दिया गया हर वोट आपके मौत के वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है.” ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
ऋषि बागरी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर कई ट्वीट किए और पार्टी पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का आरोप लगाया. उन्होंने अपने एक ट्वीट में पूछा कि घोषणापत्र भारत के लिए है या पाकिस्तान के लिए.
चुनाव के बीच उन्होंने एक मीम भी शेयर किया था जिसमें मुस्लिमों को एक हिंदू परिवार के घर पर कब्ज़ा करते हुए दिखाया गया था. कैप्शन में कहा गया है: “वे आपके परिवार के घर, आपकी याद, आपके पसीने, आपकी कड़ी मेहनत, आपके जीवन की बचत के लिए आ रहे हैं.”
विनोद कुमार उर्फ स्ट्रिंगरिवील्स
हिंदुत्व समर्थक यूट्यूबर स्ट्रिंगरिवील्स ने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. इन्होंने लिखा, “एक और सपना सच हुआ.”
सितंबर 2023 में विनोद कुमार के यूट्यूब चैनल ‘स्ट्रिंग’ को कम्यूनिटी गाइडलाइंस के उल्लंघन के कई मामलों का हवाला देते हुए स्थायी रूप से हटा दिया गया था. यूट्यूब द्वारा विनोद कुमार को भेजे गए एक मेल के अनुसार, प्लेटफ़ॉर्म ने “कम्यूनिटी गाइडलाइंस का गंभीर या बार-बार उल्लंघन” पाया.
String Channel removed‼️
No strike, no violation but straight delete🤷♂️@TeamYouTube @YouTube
Please explain whose boots you licked to do this to me?
If you don’t bring back my channel asap, you will see how far I’ll reach.
Mind you! YouTube is not the only platform where we can do… pic.twitter.com/GCF3Fqcz2K— String (@StringReveals) September 20, 2023
विशेष रूप से फ़रवरी 2021 में विनोद कुमार ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ पत्रकार, कार्यकर्ताओं और फैक्ट-चेकर्स को “भारत के खिलाफ साजिश रचने” के लिए “फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए.”
आनंद रंगनाथन
इस समारोह में राईटविंग बुद्धिजीवियों का एक और चेहरा आनंद रंगनाथन को भी आमंत्रित किया गया था.
मैं, नरेंद्र दामोदरदास मोदी pic.twitter.com/eEWMTxynEZ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) June 9, 2024
हाल ही में कश्मीर के लिए ‘इज़राइल जैसा समाधान’ सुझाने के लिए इनकी काफी आलोचना हुई थी. ANI संपादक स्मिता प्रकाश द्वारा आयोजित एक टॉक शो में उन्होंने बयान दिया, “आपको कश्मीर के लिए इज़राइल जैसा समाधान चाहिए. फ़ैक्ट ये है कि इज़राइल इसे हल करने में असमर्थ है, इसका कारण ये नहीं है कि इज़राइल इसे हल करने के लिए काम नहीं कर रहा है. इज़राइल ने अपने लोगों की सेवा की है, लेकिन हमने नहीं की.”
अपनी टिप्पणियों पर हंगामे के बाद, आनंद रंगनाथन ने अपने X हैंडल पर एक स्पष्टीकरण जारी किया.
हिंदुत्व के मामलों पर आनंद रंगनाथन का कट्टर रुख समय के साथ विकसित हुआ है. एक समय था जब वो न्यूज़लॉन्ड्री के साप्ताहिक पॉडकास्ट, हफ़्ता पर बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण और मेनस्ट्रीम मीडिया के पतन पर चर्चा करते थे. अब, वो मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों पर दिखाई देते हैं और पीएम मोदी से हिंदुओं को ‘आठवीं श्रेणी के नागरिक बनने’ से रोकने के लिए ‘हिंदू-मुस्लिम’ भेदभाव में शामिल होने का आग्रह करते हैं.
Prime minister Modi says he doesn’t do Hindu Muslim. Well, that’s my grouse with him. He should do Hindu Muslim. It is because he doesn’t, that Hindus are ignorant of reality, are actively discriminated against, are guilt-tripped into becoming eighth-class citizens.
My views: pic.twitter.com/EhlEHZ7Dys
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) May 15, 2024
विजय पटेल
राईटविंग गुट के स्व-घोषित ‘फैक्ट-चेकर’, विजय पटेल को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था. इन्हें खुद कई बार गलत सूचना फैलाने के लिए फ़ैक्ट-चेक किया गया है.
दिसंबर 2023 में विजय पटेल ने योग गुरु रामदेव और उनकी फ़र्म पतंजलि आयुर्वेद की “भ्रामक दावे” करने के लिए आलोचना करने वाले फ़िलिप्स के ट्वीट के बाद डॉक्टर-प्रभावक सिरिएक एबी फिलिप्स (जिन्हें द लिवर डॉक के नाम से भी जाना जाता है) पर हमला करना शुरू किया. फिलिप्स द्वारा रोके जाने के बावजूद, विजय पटेल ने अपने सांप्रदायिक और धार्मिक हमले जारी रखे, और उन्हें फिलिप्स के पिता, डॉ. फिलिप्स ऑगस्टीन, (जो पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित थे) तक को नहीं बक्शा. विजय पटेल ने आगे आरोप लगाया कि फिलिप्स “अंग प्रत्यारोपण रैकेट” और “धर्मांतरण माफिया” में शामिल थे, उसने उन्हें और उनके “हिंदू विरोधी संगठन” को बेनकाब करने की कसम खाई.
Super Exclusive and Extremely Important Thread
Decoding IPSMF and faces behind it!
1. Recently propaganda fact-checker Zubair was arrested by Delhi Police and people are shocked to see that he gates support from the UN and other international organizations!
Read this thread👇
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) July 4, 2022
समारोह में आमंत्रित अन्य लोग भी शामिल हैं.
- समारोह में सोशल मीडिया हैंडल ‘पॉलिटिकल किडा’ चलाने वाले अंकुर सिंह भी मौजूद थे. बीजेपी समर्थक ग़लत सूचना और प्रॉपगेंडा को बढ़ावा देने के लिए पॉलिटिकल कीड़ा का नाम ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार उजागर किया है. उन्होंने इवेंट की एक सेल्फ़ी शेयर करते हुए कैप्शन दिया, ‘तीन जादुई शब्द ‘नरेंद्र दामोदरदास मोदी’ का इंतजार है.’
- समारोह में रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या को भी आमंत्रित किया गया था. गौरव आर्या के दावों की ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार फ़ैक्ट-चेक की है. 14 मार्च, 2019 को उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें अर्ध-नग्न, आंखों पर पट्टी बांधे लोगों को पीटते हुए दिखाया गया, साथ ही ये दावा किया कि वे पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर थे. ये 27 फ़रवरी, 2019 को पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर बलूच रिपब्लिक आर्मी (BRA) के हमले पर रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के बाद आया. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ को 5 फ़रवरी, 2019 को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया वही वीडियो मिला, जो गौरव आर्या के दावे को खारिज करता है. पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है. उनके झूठे दावों की ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार फ़ैक्ट-चेक की है. 4 अक्टूबर, 2019 को भारतीय वायु सेना (IAF) ने बालाकोट हवाई हमले के बारे में एक प्रचार वीडियो जारी किया, जो पुलवामा हमले के बाद उसी साल फ़रवरी में हुआ था. कुछ मीडिया आउटलेट्स ने ग़लती से इस वीडियो को हवाई हमले का असली फ़ुटेज बता दिया. रिपब्लिक टीवी ने वीडियो को “IAF के बालाकोट सबूत” के रूप में दिखाया. चैनल के तत्कालीन सलाहकार संपादक, मेजर गौरव आर्या ने वीडियो जारी करने के भारतीय वायुसेना के फैसले का समर्थन किया और प्रचार से लड़ने के लिए ऐसे और वीडियो की मांग की. चैनल ने भ्रामक रूप से वीडियो को “प्रोमोशनल वीडियो” और हवाई हमले का “सबूत” दोनों के रूप में लेबल किया. इस पर ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
- इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वकील और राईटविंग इन्फ्लुएंसर शशांक शेखर झा को भी आमंत्रित किया गया था. शशांक झा सोशल मीडिया पर ग़लत सूचना शेयर करने वाले यूज़र्स में नियमित तौर पर शामिल होते हैं. वो उन कई यूज़र्स में से एक हैं जिन्होंने एक संदिग्ध लेटर शेयर किया था जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पंजाब में AAP को समर्थन दे रहा है. सिख्स फॉर जस्टिस ने न सिर्फ आरोप का खंडन किया, बल्कि लेटर में भी कई गलतियां थीं. यहां ऑल्ट न्यूज़ का फ़ैक्ट चेक दिया गया है. हाल के चुनावों के दौरान, उन्होंने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के भाषण की एक क्लिप को भ्रामक दावों के साथ प्रचारित किया. उन्होंने दावा किया कि सिद्धारमैया ने देश की संपत्ति मुसलमानों को बांटने का वादा किया है. हालांकि, उनके भाषण के अनुवाद से पता चला कि सिद्धारमैया ने असल में कहा था, ‘इस देश की संपत्ति आपकी है और हमारी है.’ ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
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