17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ नामक एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान हिंदुत्व का प्रचार करने वाले लोगों ने मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया. इस कार्यक्रम का वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद भाजपा के सदस्यों और समर्थकों ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो शेयर करना शुरू कर दिया. दावा किया जाने लगा कि वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी हिंदुओं को धमका रहे हैं. गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया था कि उन्होंने AIMIM के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष को ‘धर्म संसद’ के आयोजन के खिलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया है.

‘धर्म संसद’ कार्यक्रम के दौरान इस्तेमाल की गई हेट स्पीच से ध्यान हटा कर असदुद्दीन ओवैसी की तरफ करने के लिए एक छोटी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई.

नीचे, भाजपा दिल्ली की प्रवक्ता का ट्वीट है जिन्होंने दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी “सीधे हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं.”

भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने भी ये वीडियो शेयर किया. ये आर्टिकल लिखे जाने तक इसे करीब 4 लाख बार देखा गया है.

भाजपा समर्थक शेफ़ाली वैद्य, महेश विक्रम हेगड़े, @MrSinha_ और @MeghBulletin और कॉलमिस्ट तहसीन पूनावाला ने ये दावा आगे बढ़ाने का काम किया कि असदुद्दीन ओवैसी हिंदुओं को धमका रहे थे.

तहसीन पूनावाला के ट्वीट को शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कोट ट्वीट किया.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि असदुद्दीन ओवैसी का ये भाषण हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजन के बाद का नहीं है. ‘धर्म संसद’ से पांच दिन पहले कानपूर में दिया गया ये भाषण है.

इसके अलावा, असदुद्दीन ओवैसी ने भाषण में “हिंदुओं को धमकी” नहीं दी. बल्कि वो उत्तर प्रदेश पुलिस का ज़िक्र कर रहे थे.

उनका पूरा भाषण नीचे देखा जा सकता है. वायरल वीडियो वाला हिस्सा 39 मिनट 9 सेकेंड पर शुरू होता है – “अभी शौकत साहब (एआईएमआईएम यूपी अध्यक्ष) बता रहे थे कि कानपुर तिहार रसूलाबाद में रसूलाबाद पुलिस स्टेशन में एक 80 साल के बुज़ुर्ग मोहम्मद रफ़ीक को पुलिस स्टेशन में इनकी दाढ़ी नोची गई और उन पर पेशाब किया गया. और ये हरकत करने वाले का नाम एसआई है, गजेंद्र पाल सिंह. बताइए आप, ये आपकी इज्ज़त है? अगर ये बात सच है तो शर्मिंदगी नहीं बल्कि तकलीफ़ होती है. हमारी दाढ़ी से तुमको नफ़रत क्यों है?”

इसके बाद वो आगे कहते हैं, “मैं तो उन पुलिस के लोगों से कहना चाह रहा हूं, याद रखो मेरी इस बात को…” अगला वही हिस्सा है जो अभी वायरल हो रहा है. असदुद्दीन ओवैसी के कथित पुलिस बर्बरता के ज़िक्र को क्लिप करके संदर्भ से अलग शेयर किया गया है – “हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा, हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा. और हम मुसलमान, वक्त के ऐतबार से खामोश ज़रूर हैं मग़र याद रखो हम तुम्हारे ज़ुर्म को भूलने वाले नहीं हैं. हम तुम्हारे ज़ुर्म को याद रखेंगे. अल्लाह अपने ताकत के ज़रिए तुमको निस्तो-नाबूद करेगा, इंशाअल्लाह. और हम याद रखेंगे, हालात बदलेंगे जब कौन बचाने आएगा तुमको, जब योगी अपने मठ में चले जाएंगे और मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे, जब कौन आएगा? हम नहीं भूलेंगे, याद रखो.”

इसके बाद, वो पुलिस की बर्बरता की दूसरी कथित घटनाओं का ज़िक्र करते हैं – “हम वो भी नहीं भूलेंगे कि एक मुसलमान ऑटो रिक्शा ड्राईवर को एक दंगाई बजरंग दल जो भी थे, उसको मार रहे थे, वो बच्ची अपने बाप को बचाने की कोशिश कर रही थी. यही कानपुर में हुआ था न? हम याद रखेंगे. वो बच्ची उस बाप की बेटी ही नहीं मेरी बेटी है, मैं उसकी तकलीफ़ को नहीं भूलने दूंगा… टीवी पर दुनिया ने देखा कि एक बाप है, गोद में मासूम सा बच्चा है और पुलिस के थानेदार लट्ठ से मार रहे हैं, एक बाप कह रहा है बच्चे को लगेगी…”

मुसलमानों के खिलाफ़ कथित अत्याचार करने वाले पुलिसकर्मियों का ज़िक्र करते हुए “अल्लाह तुम्हारा नाश करेगा / मिटा देगा” जैसी बातें बोलना प्राॅब्लमैटिक माना जा सकता है. लेकिन ये दावा बिलकुल ग़लत है कि उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ़ बातें की थी. असदुद्दीन ओवैसी के भाषण की तुलना ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम के दौरान किए गए नरसंहार के आह्वान से करना भी भ्रामक है.

असदुद्दीन ओवैसी ने भी ये ट्वीट किया कि वो पुलिस अत्याचारों का ज़िक्र कर रहे थे और “अल्लाह आरोपियों को सजा देता है.”

गौरतलब है कि तहसीन पूनावाला ने बाद में AIMIM प्रमुख की आलोचना करते हुए पूरा वीडियो शेयर किया था.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.