कांग्रेस विधायक कुनाल चौधरी ने ट्विटर पर एक बच्चे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि इंदौर पुलिस उसे अस्थायी जेल ले जा रही थी. तस्वीर में देख सकते हैं कि बच्चे के हाथ में घर का कुछ सामान (आटा, तेल इत्यादि) था. उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “इस बच्चे का अपराध सिर्फ इतना है कि यह अपने परिवार के लिए किराना लेने निकला था और उसे अस्थाई जेल ले जाया जा रहा है शर्म करो इंदौर प्रशासन! शर्मनाक.” इस ट्वीट को 5,600 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है. (आर्काइव लिंक)

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सचिव और पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल ने भी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि बच्चे को इंदौर पुलिस अस्थायी जेल ले जा रही थी. आर्टिकल लिखे जाने तक इस तस्वीर को 1,200 से ज़्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.

एक ट्विटर यूज़र शाज़िया तसनीम ने लिखा, “मध्यप्रदेश: इंदौर, इस बच्चे का अपराध सिर्फ इतना है कि यह अपने परिवार के लिए किराना लेने निकला था और उसे अस्थाई जेल ले जाया जा रहा है, बंगाल में होता तो रैली में जाने के 500रु अलग से मिलते.” इस ट्वीट को भी आर्टिकल लिखे जाने तक 900 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है. (आर्काइव लिंक)

इसी कैप्शन के साथ बच्चे की ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर बहुत वायरल हो रही है.

यही नहीं, न्यूज़ ट्रैक नाम की एक वेबसाइट ने भी ये तस्वीर इसी सन्दर्भ में पब्लिश की.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, इस तस्वीर को ध्यान से देखने पर ही मालूम होता है कि ये पुलिस की गाड़ी नहीं बल्कि एक ऑटो के अंदर की तस्वीर है. उत्तर भारत के कई शहरों में चलने वाले टेम्पो (या दिल्ली में चलने वाली ‘ग्रामीण सेवा’) से अवगत लोग देखते ही समझ जायेंगे कि तस्वीर में बच्चा पुलिस की गाड़ी में नहीं बैठा है.

हमने जब इसका रिवर्स इमेज सर्च किया तो न्यूज़ ट्रैक के अलावा कोई दूसरा न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म नहीं मिला जिसने ये तस्वीर पब्लिश की हो. सर्च रिज़ल्ट्स में केवल सोशल मीडिया पोस्ट्स आ रहे थे. हमने इन पोस्ट्स को चेक किया और फ़ेसबुक और ट्विटर, दोनों पर इससे जुड़े कैप्शन्स देखे. हमने पाया कि शाज़िया के कमेंट में किसी यूज़र ने इस दावे को झूठा बताते हुए एक इन्स्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है.

ये पोस्ट इन्स्टाग्राम हैंडल inquallabi_soch का है जिसपर लिखे कैप्शन में दिल्ली में लगे लॉकडाउन और उसकी वजह से मज़दूरों को आ रही समस्याओं के बारे में लिखा है.

हमने ट्विटर और फ़ेसबुक पर इस टेक्स्ट का एक हिस्सा सर्च किया और कई यूज़र्स के फ़ेसबुक पोस्ट्स सामने आये जिसमें Bharat Nbs शामिल है. भरत की टाइमलाइन पर हमने पाया कि कुछ लोगों ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए भरत को क्रेडिट दिया हुआ है. भरत ने ये तस्वीर 19 अप्रैल को ही पोस्ट की थी. और उससे पहले का हमें कोई दूसरा पोस्ट नहीं मिला जिसमें ये तस्वीर हो. किसी यूज़र ने भरत के पोस्ट में कमेंट कर बताया है कि इस तस्वीर के बारे में फ़ेक न्यूज़ वायरल है और साथ में एक यूट्यूब वीडियो का लिंक शेयर किया. भरत ने रिप्लाई में इसका खंडन किया. हालांकि वो वीडियो अब डिलीट किया जा चुका है.

आज रात से दिल्ली में अगले सोमवार तक लॉकडाउन है। इस बच्चे को भी इस बात का इल्म है कि लॉकडाउन लगते ही, कोई सरकार कुछ नही…

Posted by Bharat Nbs on Monday, April 19, 2021

 

हमने भरत से संपर्क कर पूछा कि क्या ये तस्वीर उन्होंने ली है? उन्होंने हमें बताया, “मैंने ये तस्वीर दिल्ली के मधुबन चौक पर खींची थी. ये ग्रामीण सेवा के अंदर की फ़ोटो है. ये बच्चा रिठाला की तरफ़ अपने घर जा रहा था. मैंने उससे बात की और उसने बताया कि वो रिठाला में रहता है. मैंने उससे बात करते हुए ही उसकी तस्वीर ली.”

भरत ने हमें ये तस्वीर मेल की और हमने इसका Exif डेटा देखने पर पाया कि इसे वाकई भरत ने ही लिया था. उन्होंने अपने फ़ोन की गैलरी का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया. भरत ने कहा कि वो ‘बस लोगों को दिखाना चाहते थे कि कि ऐसे मुश्किल समय में मज़दूरों की कोई मदद नहीं कर रहा है और सिस्टम फ़ेल हो चुका है.’

यानी, दिल्ली में ली गयी एक बच्चे की तस्वीर ये बताकर शेयर की गयी कि इंदौर पुलिस बच्चे को अस्थायी जेल ले जा रही है. बता दें कि इंदौर में लॉकडाउन का नियम तोड़ने वालों को अस्थायी जेल में बंद किया जा रहा है.


हरियाणा के करनाल में हो रही वेब सीरीज़ की शूटिंग के दृश्य को लोगों ने असली घटना बताकर शेयर किया

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