2014 के आम चुनाव में, गंगा की सफाई भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक थी। कांग्रेस पार्टी ने नदी की खराब स्थिति और सरकार के कमजोर दृष्टिकोण को हाईलाइट करते हुए एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा को यह कहकर निशाना बनाया है कि इन्होंने, “कुछ करने की बजाय केवल बोलने पर ध्यान केंद्रित किया है”।

नदी सफाई संबंधी परियोजनाओं की ‘बहुत खराब पूर्णता दर’ पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए हैशटैग #माँ गंगा से धोखा (#MaaGangaSeDhokha) के साथ पार्टी ने एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें गंगा नदी में भारी गंदगी दिखलाई गई है।

2014 से भी पुरानी फोटो

कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने ट्वीट में इस्तेमाल की गई तस्वीर हाल की नहीं है। ऑल्ट न्यूज़ ने जब इस तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च की तो उन वेबसाइटों की लिंक मिली, जिनमें 2009 और 2010 में इस तस्वीर को पोस्ट किया गया था।

इन वेबसाइटों में इसे इज़राइल की एक नदी बताई गयी है। गूगल पर दिनांक और समय फ़िल्टर का उपयोग करके, हमने 2009 और 2010 तक के सीमित परिणामों की खोज की तो हमें एक रोमानियाई वेबसाइट मिली जिसने इस तस्वीर को पोस्ट किया था। इसमें दावा किया गया था कि इसे अप्रैल 2009 में वाराणसी में क्लिक किया गया था। फोटोग्राफर का नाम था प्रकाश सिंह। हमने फोटो के साथ दिए गए मेसेज के आधार पर खोज की तो गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर पहुंचे। गेट्टी इमेजेज तस्वीरों का बड़ा संग्रह रखता है।

गेट्टी इमेजेज के मुताबिक, यह फोटो 5 अप्रैल, 2009 को प्रकाश सिंह ने ली थी, जिसमें भक्तों के चढ़ावों में से कीमती वस्तुओं को तलाशते कूड़ा हटाने वालों को दिखलाया गया था।

नमामी गंगे के तहत परियोजनाओं की स्थिति

कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए इन्फोग्राफ में दावा किया गया है कि नमामी गंगे या राष्ट्रीय गंगा सफाई अभियान (एनएमसीजी) के तहत 187 परियोजनाओं में से केवल 47 ही पूरी हुई हैं। गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के उद्देश्य से 2014 में मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद नमामी गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया था।

आंकड़ों की पुष्टि करते हुए, हमने पाया कि यह दावा फरवरी 2018 में लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों से संबंधित है। एनएमसीजी की वेबसाइट के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2018-19 तक 236 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें से 63 पूरी हो गई हैं। वर्तमान केंद्र सरकार के सत्ता में आने से पहले के अंतिम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2014 तक, राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन अथॉरिटी (एनजीबीआरए) के तहत 72 राष्ट्रीय परियोजनाएं शुरू की गई थीं, जिनमें से 16 पूर्ण हुई थीं। एनजीबीआरए, गंगा नदी के लिए योजना, समन्वय, देख-रेख और निगरानी की जिम्मेदार एजेंसी थी। 7 अगस्त 2016 से एनजीआरबीए को भंग कर दिया गया और गंगा नदी के कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय परिषद गठित की गई। (जिसे राष्ट्रीय गंगा परिषद के रूप में जाना जाता है)

गंगा नदी के संरक्षण के ठोस उपायों की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे जीडी अग्रवाल की मौत से यह समस्या एक बार फिर चर्चा में आ गई। फिर भी, नदी की निरंतर (खराब बनी हुई) स्थिति के लिए प्रधानमंत्री और सरकार के विरुद्ध, कांग्रेस पार्टी का यह अभियान, 2009 की तस्वीर का उपयोग करने से, खुद उसी के लिए शर्मनाक सिद्ध हुआ क्योंकि तब यूपीए ही केंद्र में सत्ता में थी।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.