इन दिनों सोशल मीडिया में 34-सेकंड का एक वीडियो क्लिप वायरल है, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं, “हम बहुत आश्वस्त थे कि हम कभी सत्ता में नहीं आ सकते। तो हमारे लोगों ने हमें बड़े वादे करने का सुझाव दिया। अब लोग हमें अपने वादों की याद दिलाते हैं … तो हम सिर्फ हंसते और आगे बढ़ जाते हैं।” (अनुवाद) गडकरी, बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर के साथ 4 अक्टूबर को, एक अतिथि के रूप में, कलर्स मराठी चैनल के रियलिटी शो, ‘असल पावहेन, इरसल नामून’ में थे। कांग्रेस पार्टी ने तेजी दिखलाई और “मोदी सरकार ‘जुमलों’ और झूठे वादों पर बनी है” इस संदेश के साथ, इस क्लिप को ट्वीट करके गडकरी को खूब आड़े हाथ लिया।

अगले दिन, एआईसीसी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वही वीडियो ट्वीट किया था। नेशनल हेराल्ड, द वीक और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे कई मीडिया संगठनों ने वीडियो पर रिपोर्ट की है। 10 अक्टूबर को, नितिन गडकरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके स्पष्ट किया कि मीडिया की ख़बरों ने उनकी बात गलत तरीके से पेश की है। उन्होंने राहुल गांधी को यह कहते हुए निशाने पे लिया, वो आश्चर्यचकित हैं यदि उन्हें (राहुल गाँधी) को मराठी समझ आती है।

दावे की तथ्य-जांच

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गडकरी द्वारा किए गए दावों के आधार पर, हमने इंटरनेट पर पूरा वीडियो खोजने की कोशिश की। ऑल्ट न्यूज ने 30 सितंबर, 2018 को कलर्स मराठी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट नाना पाटेकर और गडकरी के शो का 69 सेकेंड का प्रचार वीडियो पाया। हालांकि यह पूरा वीडियो नहीं है, फिर भी, हम इसे संदर्भ के लिए पोस्ट कर रहे हैं क्योंकि जो बयान बनाया गया था, उसका संदर्भ इसी से बाहर निकलता है।

Assal Pahune Irsal Namune | Nitin Gadkari | Nana Patekar | Colors Marathi

कसे घ्यावे लागतात राजकारणात निर्णय… काय असू शकतात निर्णय चुकण्याचे परिणाम? ऐका आपल्या अस्सल पाहुण्यांकडून.
पाहा #AssalPahuneIrsalNamune गुरू-शुक्र. रात्री 9.30 वा. #ColorsMarathi वर.

Posted by Colors Marathi on Saturday, 29 September 2018

हमने वूट (Voot) जो वायाकॉम 18 नेटवर्क का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, पर अपलोड किए गए इस पूरे वीडियो को देखा। यहां इसका हाइपरलिंक है।

वीडियो का वास्तविक अनुवाद

ऑल्ट न्यूज़ ने वूट पर उपलब्ध वीडियो के प्रासंगिक भाग का अनुवाद किया है। अनुवाद निम्नानुसार है (वीडियो में 39:30 मिनट से) :

नितिन गडकरी : अब, राजनीति में, इसे ध्यान में रखें – राजनीति मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का एक खेल है।

नाना पाटेकर : अब आप यह कह रहे हैं, लेकिन चुनावों के दौरान, आपने कुछ अलग कहा था

नितिन गडकरी : – कुछ अलग कहा था … [दोनों हँसते हैं।]

नितिन गडकरी : देखो, मैं – मुझे यह नहीं कहना चाहिए – लेकिन मैंने दो या तीन चीजों के बारे में बात की थी – देवेंद्र [फडणवीस] तब अध्यक्ष थे और मुंडे वहां थे, गोपीनाथ राव। मैंने उनसे कहा था, ‘टोल [टैक्स] घोषणा मत करो।’ […] मैं आपको बताउंगा कि हमारी समस्या क्या थी। हम सभी को दृढ़ विश्वास था, हमें विश्वास था कि हम अपने जीवन में कभी राज्य में सत्ता में नहीं आएंगे। हम अपने दिमाग में इस से पूरी तरह से आश्वस्त थे। तो हमारे लोगों ने कहा, ‘[कुछ भी] बोलो, नुकसान क्या है, आप इसके लिए ज़िम्मेदार कब होंगे?’ [हंसते हुए] और अब हम सत्ता में आ गए हैं। […]

नाना पाटेकर : गडकरी, क्या [कह रहे हो आप]? [दोनों हंसते हैं।]

नितिन गडकरी : यही सच है। अब आप जानते हैं कि गडकरी ने किस तारीख को कहा, फडणवीस ने क्या कहा। तो आप हमसे पूछते हैं, ‘आपने यह कहा था, आगे क्या है?’ ऐसा ही है। […] राजनीति में, मैं थोड़ा सा अपवाद हूँ। मैं झूठ नहीं बोलता, मैं झूठे आश्वासन नहीं देता हूं। इस वजह से जो मैं कभी सहन करता हूं लोग उसे नहीं मानते। मैं लोगों को बताता हूं, ‘मैं यह नहीं करूँगा, यह नहीं किया जा सकता है, इसलिए मेरे पास मत आओ। ‘कुछ लोग महसूस करते हैं, ‘ठीक है, कम से कम आप हमें यह तो बताते हैं और हमें आगे दौड़-धूप की परेशानी से बचाते हैं। ‘वे खुश हैं। लेकिन कभी-कभी, मैं चीजें करता हूं। मैं मामलों में देखता हूं, मैं पूछता हूं, मैं हंसता हूं। पांच या दस लोग मेरे बारे में बुरा-भला बोलते हैं। तो आप… हमारे देश की राजनीति की बेहद खराब स्थिति में, लोग समझते हैं कि आपकी ऐसी [आदर्श] राजनीति नहीं हो सकती है।

राज्य का चुनाव, केंद्र का चुनाव नहीं

अनुवाद से, यह स्पष्ट है कि नितिन गडकरी का बयान महाराष्ट्र राज्य चुनावों के बारे में था, जो 2014 में हुआ था। वह “टोल” (कर), देवेंद्र फडणवीस (तब भाजपा राज्य अध्यक्ष) और स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे को संदर्भित करते हैं। इसलिए, कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया दावा कि केंद्रीय मंत्री 2014 के आम चुनावों में बीजेपी द्वारा किए गए वादे का जिक्र कर रहे थे, गलत है। गडकरी के शब्द प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए वादों के संदर्भ में नहीं हैं, बल्कि वास्तव में भाजपा द्वारा राज्य चुनावों से पहले महाराष्ट्र को टोल टैक्स से मुक्त करने के वादे के संदर्भ में था।

मीडिया की (गलत) रिपोर्ट

कई मीडिया संगठनों ने गडकरी के बयान की रिपोर्ट की, लेकिन गलत जानकारी के साथ।

नेशनल हेराल्ड

“देखें : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, केंद्र सरकार झूठे वादों पर बनाई गई थी” 8 अक्टूबर, 2018 को प्रकाशित लेख का यह शीर्षक था। रिपोर्ट में दी गयी जानकारी भी शीर्षक के अनुरूप है। अनुवाद पढ़ने के दौरान, यह स्पष्ट होता है कि वह महाराष्ट्र राजनीति का जिक्र कर रहे थे, फिर यह सुझाव देना गलत है कि वह लोकसभा चुनावों के बारे में बात कर रहे थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया

इस वीडियो क्लिप के आधार पर, टाइम्स ऑफ इंडिया ने वीडियो में दिए गए उनके बयान का हवाला दिया। 10 अक्टूबर, 2018 को >टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के शीर्षक में कहा गया है, “नितिन गडकरी ने बताया कि क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपके खाते में 15 लाख डालने का वादा किया था।” हालांकि लेख का आधार नितिन गडकरी का वीडियो क्लिप है, फिर भी, यहां यह उल्लेख करना सार्थक है कि 2014 के आम चुनाव अभियान के दौरान 15 लाख के लिए पीएम मोदी का जो भी बयान हो, उससे क्लिप का कोई संदर्भ नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया का सहयोगी प्रकाशन, द इकोनॉमिक टाइम्स ने उसी शीर्षक से 10 अक्टूबर, 2018 को ही वह रिपोर्ट प्रकाशित की है।

10 अक्टूबर, 2018 को टाइम्स नाउ (हिंदी) ने भी इस वक्तव्य को गलत तरीके से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया था कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए 15 लाख के वादे के बारे में था।

हालांकि, लेख में यह भी रिपोर्ट है कि केंद्रीय मंत्री ने इनकार किया है कि इस टिप्पणी का 2014 के आम चुनावों से पहले 15 लाख के वादे से कोई संबन्ध था।

विडंबना यह है कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने 9 अक्टूबर, 2018 को उसी दावे की वास्तविक जांच की थी।

द वीक

9 अक्टूबर, 2018 को द वीक में प्रकाशित एक लेख का शीर्षक है, “केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि बीजेपी ने 2014 में झूठे वादे किए थे“। लेख ने वीडियो क्लिप से गडकरी के बयान का हवाला दिया है। एक बार फिर, गडकरी का बयान 2014 के आम चुनावों से जुड़ा हुआ था, जैसा कि लेख में कहा गया है, “एक टीवी शो में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा यह स्वीकार करने के बाद कि भाजपा ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बड़े वादे किए थे, भाजपा और केंद्र सरकार को लक्षित करने के लिए कांग्रेस को ताजा बारूद मिल गया।”

द वायर

जन गण मन शो की एक कड़ी में 2:45 मिनट पर, विनोद दुआ ने क्लिप के संदर्भों पर सवाल उठाए, जिसमें कहा गया था, “हमारा मानना ​​है कि आप महाराष्ट्र टोल कर के बारे में बात कर रहे थे, जिसे, जैसा कि आप कह रहे हैं, आपने 15 लाख और मोदी के रूप में नहीं बताया है। इसी प्रकार आपने उस वीडियो में महाराष्ट्र टोल टैक्स के बारे में उल्लेख नहीं किया है। हम कैसे विश्वास करें हैं कि आप लोकसभा चुनावों के बारे में बात नहीं कर रहे थे क्योंकि आपने महाराष्ट्र चुनावों के बारे में भी उल्लेख नहीं किया है।” वीडियो में, दुआ का दावा है कि गडकरी ने महाराष्ट्र टोल टैक्स मुद्दे का कोई जिक्र नहीं किया है। पूरा वीडियो देखने पर यह स्पष्ट है कि गडकरी ने अपनी पार्टी द्वारा किए गए ‘टोल टैक्स’ वादे का उल्लेख किया था।

इस बीच, टाइम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीवी की अन्य रिपोर्टों में पीटीआई को जिम्मेदार ठहराया गया कि उसने क्लिप के आधार पर, बिना संदर्भ का अनुमान किए, जिसमें गडकरी द्वारा वह बात कही गई थी, रिपोर्ट कर दी।

गडकरी के विवादास्पद दावे के रू-ब-रू भाजपा द्वारा किए गए बड़े वादों पर लोगों का ध्यान आकर्षित होना ही था। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि विपक्षी दल कांग्रेस ने क्लिप के एक संक्षिप्त, भ्रामक संस्करण का उपयोग करके भाजपा को आड़े हाथ लेने का फैसला किया। हालांकि, यह पेशेवर समाचार संगठनों के लिए अनुचित है, जिन्होंने अपना रिपोर्ट करने से पहले जाँच नहीं की और क्लिप वीडियो और सोशल मीडिया प्रचार के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.